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Stories related to पलकोँ की छाँव में

Rajiv Jiya Kumar

#दिल की बात। शायरी हिंदी में।

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Unsplash तुझे चाहा है जान
जान से ज्यादा,
जान माँँग लेना जान
जब कभी हो ईरादा।।
                  रा.जि.कुमार,
                 सासाराम।

©Rajiv Jiya Kumar #दिल की बात।   शायरी हिंदी में।

Rajiv Jiya Kumar

#दिल की बात। शायरी हिंदी में

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White तेरे हुश्न इश्क के नशे में
जानम पल पल झुका है सिर 
दिल और जां ने तुझे
अपना रहनुमा मान रखा है।।
                 ⚘️रा.जि.कुमार,
                       सासाराम।

©Rajiv Jiya Kumar #दिल की बात।  शायरी हिंदी में

Rajiv Jiya Kumar

#दिल की बात, शायरी हिंदी में।

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White  हुस्न की दमक तेरी
नूरानी हर स़ब को करती है
मेरी साँसें भी 
दामन मे सिमट तेरे
हर तवस्सुम से रूबरू हो लेती है।।
                    ⚘️रा.जि.कुमार,
                        सासाराम।

©Rajiv Jiya Kumar #दिल की बात,  शायरी हिंदी में।

Rajiv Jiya Kumar

#दिल की बात। शायरी हिंदी में

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Praveen Jain "पल्लव"

#karwachouth अपनी छाँव में सदैव रखता है #nojotohindipoetry

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White पल्लव की डायरी
चाँदसा मेरा साजन
अपनी छाँव में सदैव रखता है
निभायी उसने ऐसी प्रीत
हर दुखो और गमो से दूर रखता है
सजी सँवरी बैठी में उसकी बदौलत
अमानत उसकी बन बैठी हूँ
वजूद मेरा किया है उनके बिना
दुआ उनके उम्र बढ़ने की करती हूँ
चाँद सितारे सब प्रतीक है साजन के लिये
हमारी हर धड़कन में वो धड़कते है
                                         प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #karwachouth अपनी छाँव में सदैव रखता है
#nojotohindipoetry

Shiv Narayan Saxena

#good_night वस्ल की रात में.....

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White ना अमां का समां और ये आसमां
तारे झलमल करें  देखता आसमां
मुस्कुराते हैं अब सब दीये प्यार में
मिल तो ले सनम वस्ल की रात में

©Shiv Narayan Saxena #good_night वस्ल की रात में.....

Shashi Bhushan Mishra

#जीने की तैय्यारी में#

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जीने की  तैय्यारी में,
कटती उम्र उधारी में, 

लेन-देन   कारोबारी,
गिनती हो संसारी में,

बँटे हुए कुनबे अपने, 
पाण्डे,मिश्र,तिवारी में,

हाथी,घोड़ा,ऊँट नहीं,
पैदल पाँव सवारी में, 

मजदूरी की है ताकत,
उड़िया,बंग,बिहारी में,

जोते बिना बुआई हो, 
ऊरद, मूँग,खेसारी में,

है मिसाल दोस्ती की,
कृष्ण सुदामा यारी में,

सुने पुकार द्रौपदी की, 
कृष्ण समाए साड़ी में,

भव बाधा काटे गुंजन, 
रखो आस बनवारी में,
  --शशि भूषण मिश्र 
    'गुंजन' प्रयागराज

©Shashi Bhushan Mishra #जीने की तैय्यारी में#
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