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जयश्री_RAM
White तू मेरी रवानी है तू मेरी कहानी है इस दिल में रहती तू मेरी रानी है। मैं सोच रहा तुझको इठलाती हस्ती में मेरे दिन और रात कुछ ऐसी मस्ती में तुझे हो अगर फुरसत आ जा एक पल को-२ धड़कन में बसती तू दिलबर जानी है। ©जयश्री_RAM #गीत
अज्ञात
अंग अंग है अभ्र सी आभा कंठ सुराहीदार.. चन्द्रमुखी क्या रूप तुम्हारा मोह लियो संसार.. श्यामल श्यामल केश तुम्हारे पवन रही लिपटाय जैसे जनम जनम की प्यासी बिरहन राग लगाय मस्त मस्त दो नयनकमल उनमे कजरे की धार तरस रहे हैं कब मिल जाये एक झलक दीदार.. चन्द्रमुखी क्या रूप तुम्हारा मोह लियो संसार.. रंग गुलाबी लिये अधर जब तनक भरें मुस्कान सम्मोहन की कला दिखाकर घायल करे जहान जिस पथ को बढ़ जाओ तुम हो लाखों दिल कुर्बान बाम गाल में इसीलिए तिल नज़र करे न वार.. चन्द्रमुखी क्या रूप तुम्हारा मोह लियो संसार.. बिन सोलह श्रृंगार तुम्हारा कंचन बदन कमाल नखशिख ऐसी शोभा तेरी नज़र पड़े वो निहाल एक तुम्हीं हो रुप की रानी बाकी सब कंगाल जिसको नज़र उठाकर देखो जीवन जाये हार.. चंद्रमुखी क्या रूप तुम्हारा मोह लियो संसार.. ©अज्ञात #गीत
writer_Suraj Pandit
White वतन ही जान है । वतन ही मान है । जब तक है जान । वतन पे अभिमान है । ©writer_Suraj Pandit #sad_shayari वतन
#sad_shayari वतन
read moreShashi Bhushan Mishra
रास्ता सुनसान जैसा, युद्ध के मैदान जैसा, वेदना करती कवायद, वक़्त इम्तिहान जैसा, कामना की चाह में दिल, जल रहा लोबान जैसा, ख़्वाहिशों की मटरगश्ती, बदलते ईमान जैसा, करूँ निगरानी कृषक सा, खेत में मचान जैसा, मिले पलभर का सुकूँ भी, गाँव के दालान जैसा, मीत ऐसा मिला 'गुंजन', गीत के उन्वान जैसा, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' समस्तीपुर बिहार ©Shashi Bhushan Mishra #गीत के उन्वान जैसा#
Richa Dhar
White कहती है माँ भारती कट रहा है अंग मेरा केरल कटा,कश्मीर कटा,बंगाल कटा,लूट रहे अस्मिता को चीख चीख कर रोती है कराहती है माँ भारती रक्त रंजित हुई धरा,कैसे बताए पीड़ा को वीर पुत्र दिन रात रक्षा को तत्पर रहते हैं सेंध लगाए बैठे हैं अपने ही घर में,क्या कहें ऐसे गद्दारों को माँ वसुंधरा की सुंदरता पर ग्रहण ऐसा लग गया बट गए उसके ही बच्चे जाती-धर्म में,और अपनाया झूठे प्रपंचों को एक एक आँसूं का कतरा गिरा,और चोटिल कर दिया नदी पहाड़ों को कहीं भूस्खलन,कहीं भूचाल माँ ने भी बदल दिया भूगोल को ©Richa Dhar #kargil_vijay_diwas मेंरा वतन
#kargil_vijay_diwas मेंरा वतन #कविता
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