Find the Latest Status about मंदिरों का शहर from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, मंदिरों का शहर.
Ashok Verma "Hamdard"
White अच्छे थे वो, कच्चे घर भी, इमारतों में, इंतजाम बहुत है!! गाँव की गलियाँ, खाली पड़ी हैं, शहरों में, सामान बहुत है!! खुली हवा में, जो चैन मिलता, बंद कमरों में, धुआँ बहुत है!! न रिश्तों की अब, गर्मी बची है, पर तकनीकी, सम्मान बहुत है!! दादी-नानी की बातें छूटीं, मोबाईल में ही ज्ञान बहुत है!! सच्ची हंसी, कम दिखती अब, लेकिन चेहरे पर ,नकाब बहुत है!! सुख-सुविधाओं से घिरा इंसान, पर दिलों में, अरमान बहुत है!! दौड़ रही दुनिया, आगे बढ़ने को, फिर भी जीने में, थकान बहुत है!! सादगी की जो मिठास थी कभी, अब दिखावे में, ईमान बहुत है!! अकेले होते लोग भीड़ में, फिर भी दिखते, महान बहुत है!! *अशोक वर्मा "हमदर्द"*(कोलकाता) ©Ashok Verma "Hamdard" #गांव और शहर
Dr. Bhagwan Sahay Meena
White बस जवानी का सौदा हुआ है शहर से मेरा... शहर ने कहा बूढ़े होकर गाँव लौट जाना... ©Dr. Bhagwan Sahay Meena #GoodMorning शहर
#GoodMorning शहर #शायरी
read moreMiss Mirzapur
White मिर्जापुर शहर नही, नशा हैं।। ©Updated Mirzapuri #sad_shayari #मिर्जापुर #शहर #नशा
#sad_shayari #मिर्जापुर #शहर #नशा #Love
read moreLõkêsh
White कितने दर्द दबाए बैठे है, कितने जख्म छिपाये बैठे है ।यहां गांव सी भोर नहीं ,घर आंगन का छोर नहीं । नहीं यहां वो मित्र सखा,नहीं यहां वो सुख चैना। अब रास नहीं आते यह महल अटारी , हमको अपनी बस्ती प्यारी । पल पल हर पल संघर्ष यहां,खुशी का स्वांग रचाए बैठे है । न जाने इस शहर में , कितने दर्द दबाए बैठे है ... ©Lõkêsh शहर… #Poetry
शहर… #Poetry
read moreGhumnam Gautam
White रिंद जब मैक़दे को जाते हैं पुर-अदब मैक़दे को जाते हैं मेरे ग़म ने ये मुझसे पूछ लिया― आप कब मैक़दे को जाते हैं? जितने भी हैं नए ज़माने के सारे रब मैक़दे को जाते हैं क्या ग़ज़ब है कि बे-अदब हैं जो बा-अदब मैक़दे को जाते हैं जब कोई ख़ास ग़म सताता है लोग तब मैक़दे को जाते हैं उफ़! तेरे ये नशीले तिश्ना लब क्या ये लब मैक़दे को जाते हैं? शह्र में कौन रोए बुत के पास! सब-के-सब मैक़दे को जाते है ©Ghumnam Gautam #love_shayari #शहर #लोग #ghumnamgautam
#love_shayari #शहर #लोग #ghumnamgautam #शायरी
read moreSatish Kumar Meena
White शहर में क्या है सिर्फ ऊंची इमारतें और छोटे मन वाले व्यक्ति जो पैसे के प्रति अपने प्रेम को अभिव्यक्त ना कर केवल अपने काम पर ध्यान केंद्रित कर देता है,परिवार का महत्व उसके लिए ज्यादा अहमियत वाला नहीं है। ©Satish Kumar Meena शहर
शहर #विचार
read moreSatish Kumar Meena
White आजकल शहर की हवा काजल की कोठरी जैसी है इसमें पता ही नहीं चलता कि बारिश के बादल छाए है या हवा धुएं से बीमार हैं। ©Satish Kumar Meena शहर की हवा
शहर की हवा #विचार
read more