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MiMi Flix
"मोंटू, चुटकी और हुकु की जादुई झील की खोज" - घने जंगल में मोंटू, चुटकी और हुकु एक ऐसी रहस्यमयी झील की तलाश में निकलते हैं, जिसके बारे में कह
read moreDr. H(s)uman , Homoeopath
ख़ुद की तलाश में निकल गए हम समंदर से उसका अंत पूछा शर्मा कर लहरों ने धीरे से कहा किसे तलाश रहे हो जिसे बस मुस्कुरा कर गम छुपाना आता है वरना बिना लहरों के समंदर में कहां कभी दम था । ©Dr. H(s)uman , Homoeopath #तलाश
नवनीत ठाकुर
मंजिल मंजिलों की तलाश में भटकते हैं दर-ब-दर, रास्तों की हर ठोकर का हमें हिसाब बाकी है। काँटों की चुभन से हम यूँ न डरें कभी, हर ज़ख्म पे मरहम का एक ख्वाब बाकी है। ख़्वाब ख़्वाबों का जाल है, पर हकीकत में धागे कमजोर, हर ख़्वाब पूरा करने की अब भी चाहत बाकी है। टूटते हैं रोज़, मगर चूर नहीं होते, हर रात में सवेरा लाने की आदत बाकी है। इश्क़ इश्क़ का ये सफर है, रास्ते भी अनजाने हैं, उसके मिलने की उम्मीद अब भी बाकी है। रूह की गहराईयों में जो उसकी याद बसी है, उसे साँसों में समाने की मोहब्बत बाकी है। जिंदगी जिंदगी की गलियों में हर मोड़ एक इम्तिहान है, हिम्मत से चलने की हममें ताकत बाकी है। आँधियाँ आएँगी, चलेंगी, थम जाएँगी, कदम बढ़ाने की हसरत बाकी है। तन्हाई तन्हाई की राहों में चुप्पी का कारवां संग है, इस खामोशी में एक साज सुनना बाकी है। किसी अजनबी की आवाज़ मिले कभी, इस तन्हा सफर का हमसफर बाकी है। ©नवनीत ठाकुर मंज़िल की तलाश अभी बाकी है
मंज़िल की तलाश अभी बाकी है
read moreGanesh Din Pal
White 🌹अमीरी की तलाश में निकला था अमीरी तो नहीं मिली हां उम्र से जरूर गरीब हो गया।🌹 ©Ganesh Din Pal #अमीरी की तलाश में उम्र ही छीन ली
#अमीरी की तलाश में उम्र ही छीन ली
read morePoet Maddy
उसके साथ बस एक दफ़ा, बात करने की तलाश में हूं........ उससे कभी न होने वाली, इक मुलाकात की आस में हूं...... ©Poet Maddy उसके साथ बस एक दफ़ा, बात करने की तलाश में हूं........ #Once#Conversation#LookingForward#Meeting.......
उसके साथ बस एक दफ़ा, बात करने की तलाश में हूं........ #Once#Conversation#lookingforward#meeting.......
read moresanjeev 13959
White आज का दिन कितना खास है इक चांद को चांद की तलाश है ♥️♥️😘♥️♥️ ©sanjeev 13959 #karwachouth चांद की तलाश लव स्टोरी
#karwachouth चांद की तलाश लव स्टोरी
read moreSonam kuril
White हम्म.... कभी-कभी आसमान में तारों की तरफ देखकर ऐसा लगता है, जैसे हम अभी भी बच्चे है, हाँ...उम्र बढ़ रही है, पर.... मेरा दिल और दिमाग़ अब भी वही है | जब भी तारों को देखती हुँ, तो सबसे ज्यादा टिमटिमाने वाले तारे को देखकर, उसमे कही गुम सी हो जाती हुँ, मुझे नहीं पता....की..... उसे देखकर, मन को क्यों इतना सुकून मिलता है, बचपन से ही मुझे आसमान,तारे और चाँद को देखना पसंद था उनको देखकर देर रात उनसे बातें करती, मेरे पूरे दिन की सारी बातें कहकर उनसे शिकायतें करती, मैं बचपन से ही बहुत चुप-चुप सी रहने वाली थी, कम बातें करती, अपनी बातें अपने तक ही रखती थी, एक बार मेरे पापा ने मुझसे कहा था, जो मन में हो उसे कह दिया करो या लिख दिया करो, वो बात कहीं मेरे ज़हन में बस गयी थी, मैंने इस आसमान, इन टिमटिमातें तारों और चाँद को अपना सीक्रेट दोस्त बना लिया, और फिर एक रोज मेरी प्यारी डायरी भी मेरी दोस्त बन गयी, ना जाने कितने दिन हो गयी मुझे मेरे दोस्तों से मिले, सोचती हुँ एक रोज फिर उनसे मिला जाये, और फिर से कुछ यादें ताज़ा की जाये, मेरी चाहतों और सुकून की तलाश में | ©Sonam kuril #good_night #hmm हम्म.... कभी-कभी आसमान में तारों की तरफ देखकर ऐसा लगता है, जैसे हम अभी भी बच्चे है, हाँ...उम्र बढ़ रही है, पर.... मेरा दि
#good_night #hmm हम्म.... कभी-कभी आसमान में तारों की तरफ देखकर ऐसा लगता है, जैसे हम अभी भी बच्चे है, हाँ...उम्र बढ़ रही है, पर.... मेरा दि
read morePankaj Pahwa
Red sands and spectacular sandstone rock formations लिखकर सभी ख्यालों को पढ़ने लगा हूं मैं, खुद की तलाश में कहीं बढ़ने लगा हूं मैं, यूं बैठे बैठे सोच में पड़ने लगा हूं मैं, अपने अंदर ही अपने आप से लड़ने लगा हूं मैं, लोगों की वेहशी सोच से डरने लगा हूं मैं, कल की भी थोड़ी फिक्र अब करने लगा हूं मैं, हूं जिंदा क्यूं ये सोच के मरने लगा हूं मैं, मै के इसी गुमान में अकड़ने लगा हूं मैं, है मैं की जो मैं से जंग ये लड़ने लगा हूं मैं, खुद से सभी सवाल ये करने लगा हूं मैं, लिखकर सभी ख्यालों को पढ़ने लगा हूं मैं, खुद की तलाश में कहीं बढ़ने लगा हूं मैं, ©Pankaj Pahwa #खुद की तलाश
#खुद की तलाश
read moreNiaz (Harf)
White यह कैसी तन्हाई है, दिल में एक तिश्नगी है, मुल्क-ए-ग़ैर में बसे हम, मगर दिल वहीं की गली है। याद आती हैं वो गलियाँ, जहाँ बचपन बीता था, दोस्तों की महफिलें, जहाँ हर ग़म भुलाया था। अम्मी की लोरियों में, सुकून-ए-दिल की बातें थीं, अब तो बस ख़्वाबों में, वो सारी राहतें हैं। वो मस्जिद की अज़ान, वो मंदिर की आरती, हर सुबह की ताज़गी, अब बस यादों की बात है। परदेस की चमक में, दिल की वीरानियाँ हैं, रोज़ी की तलाश में, बस यादों की परछाइयाँ हैं। वतन की मिट्टी की खुशबू, रूह में घुल जाती है, पर इस सफ़र की मंज़िल, बस एक बेचैनी लाती है। कब लौटूंगा उस ज़मीन पर, जहाँ दिल बसता था, मुल्क-ए-ग़ैर की दौलत, मुझे क्या रास आएगी? ©Niaz (Harf) #Sad_Status #Niaz R. Ojha Sircastic Saurabh Sethi Ji Sana Ekram Adhuri Hayat Dia यह कैसी तन्हाई है, दिल में एक तिश्नगी है, मुल्क-
#Sad_Status #Niaz R. Ojha Sircastic Saurabh Sethi Ji Sana Ekram Adhuri Hayat Dia यह कैसी तन्हाई है, दिल में एक तिश्नगी है, मुल्क-
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