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Stories related to चाहता हूँ देश की धरती

ANJANA MALI

#Sad_Status दिल चाहता हैं

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cldeewana

#love_shayari गंदी हो गई देश की नदिया

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PHQuotes

#good_night Title - "मैं एक दिन सिर्फ अपने लिए खुशी से जीना चाहता हूँ। # 'दर्द भरी शायरी'

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White "मैं एक दिन सिर्फ अपने लिए खुशी से जीना चाहता हूँ।
मैं एक दिन खुद से बात करना चाहता हूँ।
मैं एक दिन अपनी शिकायतें खुद से करना चाहता हूँ और खुद के साथ जोर से हंसना चाहता हूँ।
मैं एक दिन जोर से खुद के सामने रोना चाहता हूँ।
मैं अपने दर्द को खुद से साझा करना चाहता हूँ।
मैं एक दिन सिर्फ अपने लिए जीना चाहता हूँ।"

©PHQuotes #good_night Title - "मैं एक दिन सिर्फ अपने लिए खुशी से जीना चाहता हूँ।
# 'दर्द भरी शायरी'

Sumit Kumar

अपना देश..

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Pushpa Sharma "कृtt¥"

White राम और रावण ने हमें मिलकर समझाया,
पाप- पुण्य से चाहे कितना भी बलवान हो,
टकराया तो ख़ुद को मिट्टी में मिला पाया।

©Pushpa Sharma "कृtt¥" #Dussehra #पापपुण्य #बलवान #धरती #नोजोटोहिंदी #नोजोटोराइटर्स

Jansurajharnaut

देश की राजनीति की निडिल घुमाकर बिहार की तरफ कर देंगे | Prashant Kishor | JanSuraaj | Shorts #jansuraaj #prashantkishor #digitalyoddha

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Jansurajharnaut

देश की राजनीति की निडिल घुमाकर बिहार की तरफ कर देंगे | Prashant Kishor | JanSuraaj | Shorts #jansuraaj #prashantkishor #digitalyoddha

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Sumit Kumar

तू धार है नदियाँ की मैं तेरा किनारा हूँ..

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White "नदियाँ" स्त्रीलिंग क्यों?

"सागर" पुल्लिंग क्यों?

ये समझ गए तो

 स्त्री और पुरुष के मन को समझ जाओगे..

©Sumit Kumar तू धार है नदियाँ की मैं तेरा किनारा हूँ..

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- माँग तेरी मैं सज़ाना चाहता हूँ  हाँ तुझे अपना बनाना चाहता हूँ  राह उल्फ़त की बनाना चाहता हूँ  प्यार हर दिल में बसाना चाहता हूँ  आप बिन

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ग़ज़ल :-
माँग तेरी मैं सज़ाना चाहता हूँ 
हाँ तुझे अपना बनाना चाहता हूँ 
राह उल्फ़त की बनाना चाहता हूँ 
प्यार हर दिल में बसाना चाहता हूँ 
आप बिन तो इस जहाँ में कुछ नही है 
बात मिलकर ये बताना चाहता हूँ 
दो कदम जो साथ मेरे तुम चलो तो 
इक़ नई दुनिया दिखाना चाहता हूँ 
रोते-रोते रात सारी कट गई यह 
भोर तक तुमको हँसाना चाहता हूँ 
ख़्वाब में आकर करोगे तुम परेशां
नींद पलको से हटाना चाहता हूँ 
बिन तुम्हारे जो गुजारी है यहाँ पर
उसकी हर कीमत चुकाना चाहता हूँ 
भूलकर बातें पुरानी आज तुमको
मैं गले अपने लगाना चाहता हूँ 
फिर न तोड़े कोई ये बंधन वफ़ा का
इस तरह रिश्ते निभाना चाहता हूँ ।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :-
माँग तेरी मैं सज़ाना चाहता हूँ 
हाँ तुझे अपना बनाना चाहता हूँ 
राह उल्फ़त की बनाना चाहता हूँ 
प्यार हर दिल में बसाना चाहता हूँ 
आप बिन

M S GUPTA

#love_shayari जीना नहीं चाहता

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White मुझे अब अकेले रहना अच्छा लगता है
क्यों कि अब किसी के याद में जीना नहीं चाहता

©M S GUPTA #love_shayari जीना नहीं चाहता
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