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Vasundhara nautanki TV
Ravendra
बहराइच के महसी में हुए दंगे के 26 आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार बहराइच के महसी में 13 अक्टूबर को महाराजगंज में घटित घटनाओं के परिप्रे
read moreHimanshu Prajapati
White हल्का सा जोर क्या लगाया, हल्का सा हक क्या जताया, सच्ची मोहब्बत मोहब्बत ना रही हल्का सा रोक क्या लगाया..! ©Himanshu Prajapati #good_night हल्का सा जोर क्या लगाया, हल्का सा हक क्या जताया, सच्ची मोहब्बत मोहब्बत ना रही हल्का सा रोक क्या लगाया..! #36gyan #hpstrange ल
#good_night हल्का सा जोर क्या लगाया, हल्का सा हक क्या जताया, सच्ची मोहब्बत मोहब्बत ना रही हल्का सा रोक क्या लगाया..! #36gyan #hpstrange ल
read moreOye Hoy Chandan
बस बस बाबू आ रहा हु😜🤣@ChandanPramila #OyeHoyChandan #chandanpramila @OyeHoyChandan #Funny 'कॉमेडी'
read morejeet musical world
White दुनिया के बाजार में, प्यार है बना खिलौना! गली, गली में घूम रहे हैं, जानू, बाबू शोना 🤪 ✍️jatinder jeet (HW) ©jeet musical world जानू बाबू,,#love_shayari
जानू बाबू,,#love_shayari
read moreShashi Bhushan Mishra
जाल नहीं फेंको घबराकर, करो मशक्कत जोर लगाकर, दरिया की मछलियाँ सयानी, चल देती हैं चारा खाकर, तोड़ नहीं पाओगे बादल, बरसेगा ये ख़ुद ही आकर, स्वाभिमान को जिन्दा रखना, माया बन जायेगी चाकर, आँसू और मुस्कान ख़ुशी में, मन ही मन मत रखो दबाकर, बाधाओं से मत घबराना, मंज़िल तक दम लेना जाकर, 'गुंजन' छेड़ो तार हृदय का, सुनो मधुर संगीत बजाकर, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ॰प्र॰ ©Shashi Bhushan Mishra #करो मशक्कत जोर लगाकर#
#करो मशक्कत जोर लगाकर#
read morePrakash writer05
मेरा #गांव अब उदास रहता है.. ✍️ लड़के जितने भी थे मेरे गांव में। जो बैठते थे दोपहर को आम की छांव में। बड़ी रौनक हुआ करती थी जिनसे घर में
read moreNitu Singh जज़्बातदिलके
White जीवन की रूप रेखा को कुछ यूं स्वप्नाया था उसने सुगंध उठेगा कल सबेरा मेरा यही विचारकर प्रेम बीज को अतीत की भूमि में दबाया था उसने दिन गुजरे सप्ताह गुजरे न विश्वास की सिंचाई न गलतियों की निराई न जुबानी जहर को पौधों से छुटाया था उसने फिर सहसा एक दिन खींच ले गयीं अभिलाषाएं उसे फसल की ओर चींखने लगा जोर जोर से निखोलने लगा सुषुप्त पड़ चुके प्रेम बीज को मढ़ने लगा आरोप उसके प्रेमत्व पर क्योंकि आज, वर्तमान पर मुरझा सा नीरस पुष्प ही पाया था उसने काश! झांक पाता सहस्त्रों बार किये उन वादों की ओर जिन्हें हर गलती के बाद दोहराया था उसने ©Nitu Singh जज़्बातदिलके जीवन की रूप रेखा को कुछ यूं स्वप्नाया था उसने सुगंध उठेगा कल सबेरा मेरा यही विचारकर प्रेम बीज को अतीत की भूमि में दबाया था उसने दिन गुजरे स
जीवन की रूप रेखा को कुछ यूं स्वप्नाया था उसने सुगंध उठेगा कल सबेरा मेरा यही विचारकर प्रेम बीज को अतीत की भूमि में दबाया था उसने दिन गुजरे स
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