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Stories related to नाव चालवणारा

Abasaheb Patil

*🌾☘️प्रधानमंत्री पीक विमा योजना रब्बी हंगाम 2024-25* 🌱🌿☘️🍀🎋🍃🍂🌾 *सर्व शेतकऱ्यांना कळविण्यात अत्यंत आनंद होतो की दरवर्षीप्रमाणे याही वर्षी प्र

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©Abasaheb Patil *🌾☘️प्रधानमंत्री पीक विमा योजना रब्बी हंगाम 2024-25*
🌱🌿☘️🍀🎋🍃🍂🌾
*सर्व शेतकऱ्यांना कळविण्यात अत्यंत आनंद होतो की दरवर्षीप्रमाणे याही वर्षी प्र

नवनीत ठाकुर

#तुझे तैरना होगा, यहां नहीं कोई नाव, ये दरिया गहरा है, किनारा भी मिलेगा, डर को छोड़, खुद पर कर विश्वास। हर कदम पर है अब तेरा, एक नया अहसास।

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White तुझे तैरना होगा, यहां नहीं है कोई नाव,
ये दरिया गहरा है, किनारा भी मिलेगा,
डर को छोड़, खुद पर कर विश्वास।
हर कदम पर है अब तेरा, एक नया अहसास।

चढ़ जा उस चोटी पर, जीत का झंडा बुलंद कर,
अपनी राह में कर सफर,तोड़ दे आसपास की दीवार ।
फूलों की महक में तुने जीना सीखा,
नोकीले पत्थरों की चुभन को भी अब स्वीकार।

हर दर्द में छिपा है एक नया सिसक,
इस सफर में तू अकेला निकल, अपनी हिम्मत को पहचान।

©Navneet Thakur #तुझे तैरना होगा, यहां नहीं कोई नाव,
ये दरिया गहरा है, किनारा भी मिलेगा,
डर को छोड़, खुद पर कर विश्वास।
हर कदम पर है अब तेरा, एक नया अहसास।

बेजुबान शायर shivkumar

#मौसम Sethi Ji Bhanu Priya Kshitija Sana naaz puja udeshi हिंदी कविता कविताएं कविता कोश बारिश पर शरद ऋतु का आगमन।। गदराई धानों की बा

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White शरद ऋतु का आगमन।।

गदराई धानों की बाली,
     है पसरी चहुँमुख हरियाली।
           गया दशहरा, आया मेला,
               धूप गुनगुना, मोहक बेला।

                     पड़ने लगे तुहिन कण।
                       शरद ऋतु का आगमन।।

             
गर्म कपड़े धुलने लगे हैं, 
    बूढ़े अब ठिठुरने लगे हैं।
         क्षितिज़ पर छाने लगे कुहरें,
               परत सफेद गगन में बिखरे।
                      
                      रवि रथ पर दक्षिणायन ।
                          शरद ऋतु का आगमन।।

            
उफनाईं नदियाँ सिमट रही,
      तने से लताएँ लिपट रही।
            धीवर चले ले जलधि में नाव,
                 मन मोहक अब लगता गाँव।

                     निखर उठे हैं तन - मन।
                          शरद ऋतु का आगमन।।

लहराते खेतों में किसान,
     मन ही मन गा रहा है गान।
           धरती सार  सहज बतलाती,
                 धूप छांव जीवन समझाती।
                         
                      नाच रहे मस्त मगन ,
                            शरद ऋतु का आगमन।।

©बेजुबान शायर shivkumar 
#मौसम  Sethi Ji  Bhanu Priya  Kshitija  Sana naaz  puja udeshi  हिंदी कविता कविताएं कविता कोश बारिश पर शरद ऋतु का आगमन।।

गदराई धानों की बा
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