Find the Latest Status about अब हम घर from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, अब हम घर.
Tara Chandra
मात्र ईंट पत्थर आदि पदार्थ ही घर की बुनियाद नहीं होते, ... ... माता–पिता, दादा–दादी आदि के अनगिनत सपने, मेहनत तथा प्यार भी बुनियाद का हिस्सा होते हैं।। ©Tara Chandra #Home #घर
neelu
White भारत और महाभारत तो पहले ही हो चुकी है तो अब हम क्या करेंगे अब हम करेंगे भारतीयता.. ©neelu #GoodMorning #भारत और #महाभारत तो #पहले ही हो #चुकी है तो #अब हम क्या करेंगे अब हम करेंगे #भारतीयता..
Parasram Arora
White पहले थोड़ी कमाई से भी वृहद परिवार का भरन्न पोषणआराम हो जाता था लेकिन आज लूट खसोट वाली कमाई करने के बावजूद घर परिवार मुश्किल से चल पाता है ©Parasram Arora घर परिवार
घर परिवार
read morem kalvadiya
White कड़वा हे मगर सच है कूछ ओरते जिन्हे बहू घर कि लक्ष्मी कहा जाता हे उनकी हालत काम वाली बाई से ग ई गुजरी होती है कम से कम काम वाली बाई को उसकी सेलरी तो मिलती है ओर तो ओर तिज त्योहारो पर पर खूशी से भेंट भी मिलती है लेकिन घर की लक्ष्मी घर के झाडू से भी नकारा समझी जाती हे कम से कम उसकी भी ईज्जत होती है ©m kalvadiya #घर किलक्ष्मी
#घर किलक्ष्मी
read moreShiv Narayan Saxena
White घर - घर में होने लगे, नारी का सम्मान। जग अपना लगने लगे, सभी सुखों की खान।। नवरातों के बाद जो, मान करै ना कोय। अपने हाथ विनाश को, निकट बुलावै सोय।। 'शौक' शौक में देखिये, सुमिरन ना छुट जाय। हरि साथै जो खेलिये, जन्म-मरण छुट जाय।। कण-कण उनका वास है, सब सांसों में वोहि। छण-छण उनका नाम ले, मनगति थिर तब होहि।। घर - घर में होने लगे , जगराते हरि बोल। हृदपट भी खुलनें लगें , जै मां जै मां बोल।। ©Shiv Narayan Saxena #good_night घर-घर में होने लगे.....
#good_night घर-घर में होने लगे.....
read moreHeer
अब इन आंखों को कोई और जचता ही नहीं हम क्या करे..! तुम्ही कह दो अब ए जाने अदा हम क्या करे..! ❣️
read moresony
White घनघोर अंधेरा छाया है, फिर मन मेरा घबराया है, नभ मेघों से भर आया है, वो अब तक घर ना आया है... चपला चंचल है चमक रही, रह रह करके फिर गरज रही, बादल ने शोर मचाया है, वो घर अब तक ना आया है.... बारिश की भी बौछार चली, बूंदों की तेज कटार चली, आंधी ने चैन उड़ाया है, वो घर अब तक ना आया है... सब देख मेरा मन तड़प रहा , मिलने को उससे तरस रहा, तुफां ने कहर बरपाया है, वो घर अब तक ना आया है.... प्रकृति खुशियों में झूम रही, ठंडी ठंडी तब पवन चली, प्रियतम उसका भी आया है, वो घर अब तक ना आया है... हो गई तृप्त है जब धरती, नभ सतरंगी हो आया है, मिलने का मौसम आया है, वो घर अब तक ना आया है.... ©sony वो अब तक घर ना आया #Thinking हिंदी कविता
वो अब तक घर ना आया #Thinking हिंदी कविता
read more