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राधे राधे
दो प्रेमियों का एक साथ हाथ पकड़ कर चलना समाज को गंदा नहीं बल्कि खुबसुरत बनाता हैं।। ©राधे राधे #लव #life of love #Nature #happy #sayri
@krishn_ratii (Astrologer)
White सर्द हवाओं ने फिर से छुई धरती कोमल घटाओं में फिर से भरी मस्ती ओढ़ ली चादर हुई अंबर से घिरी धरती घटाओं में फिर से उमड़ी है सर्द कल की चलो लेकर चले इनको ज़हां हर शय निराली हो हरी हो धरा सारी अम्बर पर छाई लाली हो ©@krishn_ratii (Astrologer) #Nature #Love #Poetry #poem #Nojoto #viral #Trending
Ajita Bansal
White दर्द ने सिखाया खुद से मिलना, राहों में खो जाने से पहले, ख़ुद को जानना ज़रूरी है, तब जाकर कोई सही रास्ता लगे। हर ख्वाब का पीछा करते हुए, सपनों में खो जाते हैं हम, लेकिन जब वो टूटते हैं, तब महसूस होता है, हम कहाँ थे, कहाँ हम। अक्सर दूसरों की नज़र से ही जीते हैं हम, पर सच्ची पहचान तो अंदर से आती है। जो खुद को समझे, वही खुद को पा सकता है, बाकी सब तो बस एक छलावा होता है। अब मेरी आँखों में बस एक सवाल है, क्या मैं सचमुच खुद से प्यार करता हूँ? जब तक ये सवाल हल नहीं होगा, ख़ुद के ही हाल में, ख़ुद से जूझता रहूँगा। ©Ajita Bansal #Sad_Status poem of the day
#Sad_Status poem of the day
read moreAjita Bansal
White वो रास्ते भी क्या रास्ते थे, जो हमें मंज़िल तक ले जाते थे। कभी धूप में, कभी छाँव में, हम चलते रहे, सफ़र के साथ। हर मोड़ पर, हर इक ठहराव में, मिले हमसे कुछ किस्से नए। कभी हँसाए, कभी रुलाए, वो रास्ते भी हमें सिखाते गए। कभी ठोकरें खाईं, कभी गिरकर उठे, मंज़िल की ओर बढ़ते गए। वो रास्ते हमें समझाते रहे, कि संघर्ष ही है असली जीत का रास्ता। ©Ajita Bansal #Thinking poem of the day
#Thinking poem of the day
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