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F M POETRY
White तुम ये कहती हो हमारे बिना दुनियाँ में रहो.. हम तुम्हारे बिना ज़न्नत भी गँवारा न करें.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #lहम तुम्हारे बिना.....
#lहम तुम्हारे बिना.....
read moreबेजुबान शायर shivkumar
तेरी एक् झलक ©बेजुबान शायर shivkumar तेरी एक #झलक से मेरी ये दुनिया बदल जाती है, तू न हो पास तो मेरी ये #धड़कन रुक सी जाती है । तुम्हारी एक वो #मुस्कान से मेरी ये #साँसें
Shivkumar barman
* तुम बिन मेरा ये अधूरा प्रेम * आंखों में भरा ये घना सा अंधेरा, पर तुम्हारे बिना मैं सो ना सका सारी ये रात । दिल में बंद असह्य पीड़ाओं का समंदर है फिर भी उछलती लहरों जैसा रो ना सका । कमी रह गई शायद तेरे मेरे प्यार में कुछ, जो ईश्वर ने जुदा कर दिया हमें तुमसे । टूटकर यु बिखर गया हमारे इश्क का ये हार, शिद्दत से संभाले हुए है हम वो एहसासों के धागों को । प्रेम के मोतियों में मैं पिरो ना सका कभी तुम्हारे इंतज़ार में तड़पता ये अंतर्मन है । मै सिर्फ तुम्हारा ही रहकर यु चल दिया, अब यह उम्र भर किसी और का हो ना सका । * प्रेम का इंतज़ार अपनी प्रेमिका के लिए * 🥀i love you .......❤️ ©Shivkumar barman * तुम बिन मेरा ये #अधूरा प्रेम * आंखों में भरा ये घना सा अंधेरा, पर तुम्हारे बिना मैं सो ना सका सारी ये #रात । दिल में बंद असह्य पीड़ाओ
F M POETRY
White मुसलसल आती है खुश्बू तुम्हारी.. तुम्हारे लम्स मुझमे रह गये हैँ.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #तुम्हारे लम्स..
#तुम्हारे लम्स..
read moreChandrawati Murlidhar Gaur Sharma
White चुपचाप की चाहत बिना कहे, बिना पूछे तुम्हारे साथ चल पड़ते हैं, हमारी चाहत ही कुछ ऐसी है, जो बस तुम्हारे दिल तक पहुँचते हैं। शायद इसे ही प्यार कहते हैं, जहां हर कदम साथ हो और हर ख्वाहिश तुम्हारे नाम होती है। ©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma #Sad_Status चुपचाप की चाहत बिना कहे, बिना पूछे तुम्हारे साथ चल पड़ते हैं, हमारी चाहत ही कुछ ऐसी है, जो बस तुम्हारे दिल तक पहुँचते हैं। शायद
#Sad_Status चुपचाप की चाहत बिना कहे, बिना पूछे तुम्हारे साथ चल पड़ते हैं, हमारी चाहत ही कुछ ऐसी है, जो बस तुम्हारे दिल तक पहुँचते हैं। शायद
read moreMohan Sardarshahari
White मोहिनी सूरत मित भाषी ज्यादा लिखूं लगे आभासी खोलूं आंखें नजर न आये बंद आंखों में वही समाये। लाज के मारे दफन सीने में नजाकत नहीं इस जीने में नींद हमारी सपने तुम्हारे राज बस शब्दों में जाये उकेरे। भटक-भटक अटक-अटक जीवन जाये लटक-लटक बिन तेरे लोग कहते मैं जी रहा सटक-सटक।। ©Mohan Sardarshahari सपने तुम्हारे
सपने तुम्हारे
read moreNurul Shabd