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shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
White वस्ल ए सनम की लज्जत से पहले का इशारा भी देखना के इस जिल्लत ए रुस्वा का तुम खसारा भी देखना//१ गुजिश्त जीस्त ए बेबसी का*इस्तिआरा भी देखना,इस दुनियाँ का नहीं,मेरी उल्फत का तुम*इस्तिखारा भी देखना//२ मरहला ए शहादत के लिए मुजरिम हाले दिल को चुना जाएगा, इस सुर्ख लहूं मे अलुदा गर्दन तुम हमारा भी देखना//३ कयामत ये भी हुई के जिनसे ये दिल मुंफरीद है,अब मुखालफ़त की सफ मे उनको ही तुम सफेंआरा भी देखना//४ खाक बदन को खाक मे मिलने मिलाने का मनाजरा भी देखना, इसी खाक मे जरा तुम सिकंदरे आज़म का माजरा भी देखना// तेरे चश्म की तीरे नज़र का मदहोश नज़ारा भी देखना,क्यूँ किया माइल,जाकर आइने मे अक्स तुम्हारा भी देखना//६ "शमा"की जानिब से हिज्र का दुश्वारा भी देखना,याद बहुत आता है तेरा,इस तरह पलट कर मुझे दुबारा भी देखना//७ #Shsmawtitesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #Sad_Status वस्ल ए सनम की लज्जत से पहले का इशारा भी देखना,इस जिल्लत ए रुस्वा का तुम खसारा भी देखना//१ गुजिश्त जीस्त ए बेबसी का *इस्तिआरा भी
#Sad_Status वस्ल ए सनम की लज्जत से पहले का इशारा भी देखना,इस जिल्लत ए रुस्वा का तुम खसारा भी देखना//१ गुजिश्त जीस्त ए बेबसी का *इस्तिआरा भी
read moreRakesh frnds4ever
White जीते जी अमानवीय व्यवहार कर दूसरों कि नरकीय जिंदगी बनाने वाले,, झूठे पिंड दान की प्रक्रिया अपना कर पितृ दोष से तर्पण होने कि चाह रखने वाले राक्षसीय लोगों को पिशाच बनकर ही मिलना चाहिए,,, ©Rakesh frnds4ever #जीते_जी #अमानवीय व्यवहार कर दूसरों कि #नरकीय #जिंदगी बनाने वाले,, झूठे #पिंडदान की प्रक्रिया अपना कर #पितृदोष से तर्पण होने कि चा
Short And Sweet Blog
आज किसी अपने से संवाद हुआ, खुद की कहीं कभी कोई बात का जिक्र हुआ। मुझे तो याद नहीं था , कब,कैसे, कहां कहीं । बात छोटी है,पर सोचने पर गहरी है।
read moreperson
गीता के अनुसार मनुष्य के दुःख का कारण क्या है? यदि भगवद गीता को देखें तो हम पाते हैं कि संसार के दुखों का प्रमुख कारण आत्मा के स्वरूप के विषय में हमारा अज्ञान है। हम स्वजनों की मृत्यु की आशंका से ही भयभीत हो जाते हैं। हमने जो भी अर्जित किया या पाया है, उसकी हानि की शंका भी हमारी चेतना को कभी पूर्णतया स्वछंद नहीं होने देती। भगवद गीता के मुताबिक, मनुष्य के दुखों का प्रमुख कारण आत्मा के स्वरूप के बारे में अज्ञानता है. इसके अलावा, मनुष्य के दुखों के कुछ और कारण ये हैं: हमने जो भी अर्जित किया या पाया है, उसकी हानि की शंका हमारी चेतना को कभी पूर्णतया स्वच्छंद नहीं होने देती. मनुष्य में श्रेष्ठ गुणों का अभाव होता है. मनुष्य का शत्रुतापूर्ण और अमानवीय स्वभाव दुनिया को उदास और निराशाजनक बना देता है. अधिकांश मनुष्य इस बात का परिप्रेक्ष्य खो चुके हैं कि यह जीवन क्या है. उनकी मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया अस्तित्वगत प्रक्रिया से कहीं अधिक बड़ी हो गई है. भगवद गीता के मुताबिक, मनुष्य को अपने विवेक, परिश्रम, बुद्धि और उद्यम पर संदेह नहीं करना चाहिए. उसे सदैव सत्य और स्वधर्म के पक्ष में रहना चाहिए. ©person गीता के अनुसार मनुष्य के दुःख का कारण क्या है? यदि भगवद गीता को देखें तो हम पाते हैं कि संसार के दुखों का प्रमुख कारण आत्मा के स्वरूप के वि
गीता के अनुसार मनुष्य के दुःख का कारण क्या है? यदि भगवद गीता को देखें तो हम पाते हैं कि संसार के दुखों का प्रमुख कारण आत्मा के स्वरूप के वि
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