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हिमांशु Kulshreshtha
White अफ़सोस इतना गहरा नहीं कि सब कुछ मिटा देने को मन करे ना ही दुख इतना गहरा कि ख़ुद को ख़त्म कर लूँ बस निष्प्रभ हूँ, डगमगाता , लड़खड़ाता सा कितने फ़ैसले जो मैंने लेना चाहे उन्हें लेने और ना लेने का खामियाजा भुगतता हुआ कभी सोचता हूँ अपने अकेलेपन में अगर ऐसा होता तो क्या होता अगर ये कर लिया होता तो क्या होता क्या ये होता.. या फिर..... इन्हीं सवालों में अक्सर उलझ जाता हूँ ©हिमांशु Kulshreshtha अक्सर...
अक्सर...
read moreF M POETRY
White मेरा दिल ग़म में डूबा जा रहा है.. तुम्हारी याद फिर से आ रही है.. यूसुफ़ आर खान..... ©F M POETRY #मेरा दिल ग़म में डूबा जा रहा है...
#मेरा दिल ग़म में डूबा जा रहा है...
read moreBhupendra Deep
White क्या चल रहा जीवन में बस ये ना पूछ काटों भरे रस्तों पर चलता जा रहा हूं हसीन थे वो लम्हे जो गुजर गए अरसो पहले चन्द यादों के सहारे संभलता आ रहा हूँ ये दिल टूटने का गम अब तू मुझसे ना पूछ परिवार के लिए कोई अपना ढूंढता जा रहा हूं मै अपना हुआ और पराया भी कई दफ़ा पहले बस अब हमसफ़र की तलाश में घुमता आ रहा हूँ सोचे थे जो सारे सपने एक चेहरे के साथ मैंने अब उस चेहरे की याद को ठुकराता जा रहा हूँ तोड़ा मेरा दिल और वो सारे सपने जिसने उस दर्द को छुपाते मुस्कुराता आ रहा हूँ अब दोबारा दिल्लगी की कोई जरूरत नहीं मुझको मैं सबको अपनी दास्तां सुनाता जा रहा हूं मेरी साथी मेरी मंजिल मैंने सब पाकर देखा हकीकत मे कुछ वादे मैं अकेले गुनगुनाते आ रहा हूं... ©Bhupendra Deep #sad_dp जा रहा हूँ
#sad_dp जा रहा हूँ
read moremanshisingh@gmail.com
मुझे नही पता था किसी की यादे इतनी रुलाती हैं एक याद बनकर ज़िंदगी को उलझाती जाती हैं ज़िंदगी से जाने के बाद भी पीछा नहीं छोड़ती क्यों याद बन कर ज़िंदगी को सताती हैं क्यु ज़िंदगी इस मोड़ पर आती हैं 🩷🩷🩷 ©manshisingh@gmail.com zindgi में याद बनकर अक्सर कोई रहे ही जाता है
zindgi में याद बनकर अक्सर कोई रहे ही जाता है
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White अक्सर…. इन भीगी शामों में पुराने ख्याल उमड़ आते हैं बादलों की गरज से, आसमानी बिजली की चमक से हौले हौले गहरे स्याह होते हुए विगत को देखता हूँ तो अब न कोई अफसोस… न कुछ खोने का दुख, न कुछ हासिल न कर पाने का कुछ देर के लिए क्षितिज के एक छोर पर बादलों से बनती धुंधली सी आकृति को देखता हूँ मैं… जानता हूँ क्षणिक है… पर कुछ देर ही सही निहारना चाहता हूँ उसे यूँ ही अपलक, तब तक खो न जाए वो दूसरे छोर पर ©हिमांशु Kulshreshtha अक्सर...
अक्सर...
read moreKiran Chaudhary
White दिन गुज़रते जा रहे हैं और मोहबत बढ़ती जा रही है।। ©Kiran Chaudhary दिन गुज़रते जा रहे हैं और मोहबत बढ़ती जा रही है।। #good_night
दिन गुज़रते जा रहे हैं और मोहबत बढ़ती जा रही है।। #good_night
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