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ARBAJ Khan
White शैतान की दासतान वे कहते है। जब आप आश की एक छोटी - सी उमीद निराशा में बदल जाती है। तब काली दुनिया से कोई हमारे लिए आएसान करने के लिए तैयार रहता है। फिर वों कहते है। ना हर आएसान की कोई न कोई कीमीत होती है। ©ARBAJ Khan काली दुनिया के शैतान के खोफ
काली दुनिया के शैतान के खोफ
read moreParasram Arora
White मेरे दुश्मनो ने मेरे घर को. नेस्त नाबूद करने मे कोई कसर. नही छोड़ी थी लेकिन मैं अहसान मंद हू उन नीव के पथरों का . जिनकी वजह से घर की दीवारो ने घर की छत को अभी भी संभाल रखा हैँ ©Parasram Arora नीव के पथर
नीव के पथर
read morePoonam Ahlawat
White चलने की कौशिक, लेकिन कदम भारी हैं। शांत रखने की कौशिक, लेकिन दिमाग में हलचल है। बोलने की कौशिक, लेकिन कंठ रुद्ध गया है। आँसुओं को रोकने की कौशिक, लेकिन आँखे नहीं मानती हैं। जिंदगी है ये कहाँ रुकती है, अपना हर रूप दिखती है । सुख की आशा में भागते हैं , लेकिन दुःख को कहाँ कम कर पाते हैं ©Poonam Ahlawat जिंदगी के रूप
जिंदगी के रूप
read moreSatish Kumar Meena
White रात में सोते समय सारी चिंताएं, घनी नींद के तले दबा देता हूं। नयी उम्मीद नयी आशा लिए, मैं उमंगों के पंख लगा लेता हूं।। ©Satish Kumar Meena उम्मीदों के पंख
उम्मीदों के पंख
read moreHeer
तुम्हारे सिवा मुझे कोई नहीं समझ सकता मेरे कृष्ण! आकर थाम लो मुझे तुम गले अपने लगा लो, जी भर के रो लू मैं आज तुम्हारे कांधे सिर रख के।। थक गई बोझ ढोते ढोते इस जिंदगी का, अब नहीं बल मुझमें लड़ने का, आकर ले जाओ मेरे सखा तुम भी नहीं यहां कोई हमारा।। व्यर्थ भटक रही थी मैं माया भरे संसार में, ठोकर खाकर समझ आया है नहीं कोई अपना इस मिथ्या भरे जगत में।। आओ कृष्ण अब ले जाओ मुझे तुम साथ अपने, कर रही इंतजार कबसे ये सखी तुम्हारी।। 😭😭😭 ©Heer मेरे सखा मेरे कृष्ण! आओ अब ले जाओ मुझे इस माया भरे जगत से !!😭🙏
मेरे सखा मेरे कृष्ण! आओ अब ले जाओ मुझे इस माया भरे जगत से !!😭🙏
read moreVinod Mishra
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
कुण्डलिया छन्द :- गौ माता के लाल से , खेल रहे गोपाल । चलो दिखाएँ आपको , वहाँ नन्द के लाल ।। वहाँ नन्द के लाल , कहे मुझसे क्यों डरते । बनो सखा तुम आज , प्रेम हम तुमसे करते ।। आओ खेलो संग , हमारा निर्मल नाता । समझा दूँगा साँझ , चलो घर मैं गौ माता ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कुण्डलिया छन्द :- गौ माता के लाल से , खेल रहे गोपाल । चलो दिखाएँ आपको , वहाँ नन्द के लाल ।। वहाँ नन्द के लाल , कहे मुझसे क्यों डरते । बनो सख
कुण्डलिया छन्द :- गौ माता के लाल से , खेल रहे गोपाल । चलो दिखाएँ आपको , वहाँ नन्द के लाल ।। वहाँ नन्द के लाल , कहे मुझसे क्यों डरते । बनो सख
read moreDR. LAVKESH GANDHI
खुशियों के पल जिंदगी में कभी-कभी खुशियों के पल आते ही रहते हैं ज़ब नाज करे दुनियाँ वह पल आ ही जाते हैं | ©DR. LAVKESH GANDHI #खुशियों के पल # #जिंदगी के हसीन पल #
खुशियों के पल # जिंदगी के हसीन पल #
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