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Ajita Bansal
White दर्द ने सिखाया खुद से मिलना, राहों में खो जाने से पहले, ख़ुद को जानना ज़रूरी है, तब जाकर कोई सही रास्ता लगे। हर ख्वाब का पीछा करते हुए, सपनों में खो जाते हैं हम, लेकिन जब वो टूटते हैं, तब महसूस होता है, हम कहाँ थे, कहाँ हम। अक्सर दूसरों की नज़र से ही जीते हैं हम, पर सच्ची पहचान तो अंदर से आती है। जो खुद को समझे, वही खुद को पा सकता है, बाकी सब तो बस एक छलावा होता है। अब मेरी आँखों में बस एक सवाल है, क्या मैं सचमुच खुद से प्यार करता हूँ? जब तक ये सवाल हल नहीं होगा, ख़ुद के ही हाल में, ख़ुद से जूझता रहूँगा। ©Ajita Bansal #Sad_Status poem of the day
#Sad_Status poem of the day
read moreAli Rashid Hasrat
White किसी को किसी की ज़रूरत कब होती है ? होती है ज़रूरत, जब उसकी मतलब परस्ती होती है कोई नही दुनिया मे जो बिना ज़रूरत चाहे तुम्हे गलत है सब जो ऐसा कहते है, सुनो मेरी जो कहता हुं बिना ज़रूरत के याद करने वाली एक "मां" होती है जो चाहे मुझसे भी आगे निकल जाये मेरा बेटा वो ख्वाहिश सिर्फ एक "बाप" की होती है - अली राशिद हसरत ©Ali Rashid Hasrat My Son
My Son
read moreHarishh,,,
मैं यहाँ वहाँ कहाँ कहाँ ढूँढूँ , कल तक जो मेरी दुनिया थे आज घर के कोने में आपके निशाँ ढूँढूँ , अगले जन्म जब मिलें तो बताऊँगा कि यहाँ कोई नहीं है आपसा मैं चाहे सारा जहाँ ढूँढूँ ! (for my father 😓) ©Harishh,,,,, dedicated to my father ❣️ कोट्स
dedicated to my father ❣️ कोट्स
read moreInternet Jockey
The top of a mountain is the lowest of the next one to be climbed ©Internet Jockey The top of a mountain is the lowest of the next one to be climbed
The top of a mountain is the lowest of the next one to be climbed
read moreAjita Bansal
White वो रास्ते भी क्या रास्ते थे, जो हमें मंज़िल तक ले जाते थे। कभी धूप में, कभी छाँव में, हम चलते रहे, सफ़र के साथ। हर मोड़ पर, हर इक ठहराव में, मिले हमसे कुछ किस्से नए। कभी हँसाए, कभी रुलाए, वो रास्ते भी हमें सिखाते गए। कभी ठोकरें खाईं, कभी गिरकर उठे, मंज़िल की ओर बढ़ते गए। वो रास्ते हमें समझाते रहे, कि संघर्ष ही है असली जीत का रास्ता। ©Ajita Bansal #Thinking poem of the day
#Thinking poem of the day
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