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रघुराम
White जाने कितना कष्ट उठा हम जिए। रहलत को थोङी दूर बैठा हम जिए।। टूटी बार बार उम्मीद की लङी। हर बार सॉत्वना का देदे गॉठा हम जिए।। बार बार नासाज किया जिन्दगी ने मुझे। हर बिघ्न को दिल से उठा हम जिए।। ऐसे ही कयी दौर बीतते रहे जिन्दगी के। वक्ती तुफॉ समझ मीठा हम जिए।। क्या हुआ कि क्या करे समझ ना आया कुछा ईश्वर को हर दिन प्रार्थना पठा हम जिए।। ©रघुराम #good_night गजल
#good_night गजल
read moreMohan Sardarshahari
White एक तिकड़ी मंजी हुई परवाह जिसको नहीं कोई पत्तियों के खेल में मग्न चेले करते रांधा-पोई अफसर तो फिर भी आये ठाठ वैसे कहीं ना जोई।। ©Mohan Sardarshahari # चांद
# चांद
read moreSatish Kumar Meena
White छत की मुंडेर से चांद देखना ऐसा लगता है जैसे हमने नामुमकिन चीज को मुमकिन कोशिश के बाद अपनी आंखों से संपर्क में ले लिया हो, क्योंकि ऐसा आभास ही छोटी छोटी खुशियां देता है। ©Satish Kumar Meena चांद
चांद
read morePreeti jaiswal..Vijjy
White फलक पर बैठा था छिपकर चांद जमीं पर बिखर रही थी चांदनी महक रही थी भीनी खुशबू से वादियां नीली हल्की सी बिखरी थी रोशनी खिलखला रहे थे पुष्प.. ©Preeti jaiswal..Vijjy #चांद #preetijaiswalvijjy
Satish Deshmukh
White वाटले होते मला की वाटिका आहे जिंदगी सारी इथे शोकांतिका आहे शेतमालाची फुकट बोली तुम्ही लावा कास्तकाराला कुठे उपजीविका आहे वाटते वाचून घ्यावे मी तुला आता केवढी सुंदर तुझी अनुक्रमणिका आहे भिमरायाचा उजळ माथा बघितल्यावर वाटतो हा सूर्यही आता फिका आहे बारशाचे एवढे कौतुक नको ना रे जन्म माझा तेरवीची पत्रिका आहे ©Satish Deshmukh गजल
गजल
read moreSarkaR
White ख्वाहिश तो हम भी रखते हैं उन सितारों के महफिलों की मगर चांद की खूबसूरती हमें फिर उसी की बाहों में खींच लेती है ©SarkaR #चांद
Madhusudan Shrivastava
White राहों में जो मिलें उन्हें अपना बना के चल दुश्मन भी हों तो उनको गले से लगा के चल कुर्सी पे आज वो हैं तो उनको सलाम है अपना भी दिन आएगा ये उनको बता के चल सांसें उखड़ रहीं हैं औ बैरी हुआ जहां दुश्मन हुई है आज ये आब ओ हवा के चल पत्ते दरख़्त से गिरे तो आएंगे नए लौटेगा दिन सभी का रख ये हौसला के चल सुनने सुनाने की है ये महफ़िल अता करो गीत ओ ग़ज़ल या नज़्म रूबाई सुना के चल जो दोस्त थे वो दुश्मनी की राह चल पड़े दौर ए जहां यहां का है दुश्मन हुआ के चल रस्ते सभी खुलेंगे जो तुम मुस्कुराओगो दुश्मन भी साथ देंगे तेरा मुस्कुरा के चल ©Madhusudan Shrivastava #गजल मुस्कुरा के रूप
#गजल मुस्कुरा के रूप
read moreRamnik
White चांद भी कितना खुशकिस्मत है, बहुत दूर अकेला अपने में मस्त दुनिया के फरेब देख रहा है.... कभी चांद से पूछे के कैसा लगता है। किसी अपने के लिए दिल तड़फता है, या यूंही बस खिला रहता है..... ©Ramnik #चांद
Nilam Agarwalla
White आँखों में ख़्वाहिशों के सितारे लिए! क्या-क्या सोचा था मैंने हमारे लिए! ए सितमगर! नहीं छोड़ी तुमने कसर, रो रही हूँ क्यों फ़िर भी तुम्हारे लिए? तुमको सारे ज़माने ने जो ग़म दिए, उनके बदले मुझ ही से क्यों सारे लिए? न ही कन्धे, न मय, न धुआँ, न दवा, सह गई सब, बिना कुछ सहारे लिए! तुमने तोड़ा भरोसे को क्यों इस कदर? फैसले दिल ने कुछ, डर के मारे लिए! "भावना" की तो पहचान आसान है, हँस रही आँखों में अश्क़ खारे लिए! ~ भावना आरोही - #kavyitri #kavita ✍️ #word ©Nilam Agarwalla #गजल