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Stories related to सत्ता मत्ता मटका 155

Kavi Himanshu Pandey

सपने, सत्ता #beingoriginal Hindi #Poetry

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N S Yadav GoldMine

#good_night {Bolo Ji Radhey Radhey} सत्ता, ताकत, जवानी, जन्म- मरण, खुसी, गम सबकी एक्सपायरी डेट हैं, दुखी व चिंता मे मत जियो, कुछ भी नही हो

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White {Bolo Ji Radhey Radhey}
सत्ता, ताकत, जवानी, जन्म-
मरण, खुसी, गम सबकी 
एक्सपायरी डेट हैं, दुखी व 
चिंता मे मत जियो, कुछ भी
नही होना और न ही कुछ 
कर सकते हो?
भगवान श्री हरि का 
भजन करो जी।।

©N S Yadav GoldMine #good_night {Bolo Ji Radhey Radhey}
सत्ता, ताकत, जवानी, जन्म-
मरण, खुसी, गम सबकी 
एक्सपायरी डेट हैं, दुखी व 
चिंता मे मत जियो, कुछ भी
नही हो

Smruti Ranjan Mohanty

#GoodMorning A LOOK AT LIFE-155 BY-SMRUTI RANJAN MOHANTY Let me open my heart before I die Let me dance in joy before someone snatches my

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White A LOOK AT LIFE-155
BY-SMRUTI RANJAN MOHANTY

Let me open  my heart before I die
Let me dance in joy
before someone snatches my smile away.
Let me live for myself, for my love,
my most valued and cherished moment 
before death puts an end.

Give me a minute
Give me that moment 
Since long I have been waiting for it
I will express myself,
my love for you
treasured in my heart since we first met.

It is time
I will express my love for you
It is now or never
If I do not do it
I can never do it
It will be injustice,
sheer injustice to love and life.

Don't look at me
I can't look into your eyes
Be with me, I have mustered a little strength
Let me say what I mean to say
You may not reciprocate 
But please give an ear to it,
listen to me,  my heart and mind,
the music of my life.
Have been waiting for this since eternities 

Come a little near
Smile a bit
I will express myself,
a world will open before us
and I will have a glimpse of life,
its grace and beauty
before I close my eyes

Smruti Ranjan Mohanty©
2.7.2021

©Smruti Ranjan Mohanty #GoodMorning A LOOK AT LIFE-155
BY-SMRUTI RANJAN MOHANTY

Let me open  my heart before I die
Let me dance in joy
before someone snatches my

jayant biswas

सत्ता अपनी जगह और आस्था अपनी जगह #Dussehra #Durgapuja

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MiMi Flix

"शेर और चालाक कछुआ – जंगल की कहानी, बच्चों की रोचक नैतिक कथा" - हरे-भरे जंगल में, जहाँ ताकत का राज और डर का शासन था, वहाँ एक शक्तिशाली शेर ल

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- विषय  हिंदी  हिंदी भाषा का हमें , दोगे कब अधिकार । हम भी तो हैं चाहतें , हो इसका विस्तार ।। जो कहते थे मंच पर , हम हिंदी परिवार । अब

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White दोहा :- विषय  हिंदी 
हिंदी भाषा का हमें , दोगे कब अधिकार ।
हम भी तो हैं चाहतें , हो इसका विस्तार ।।
जो कहते थे मंच पर , हम हिंदी परिवार ।
अब कहते बच्चे पढ़े , अंग्रेजी अख़बार ।।
गुरुकुल के उस ज्ञान से , विस्तृत थे संस्कार ।
हिंदी का भी मान था , संस्कृति थी आधार ।।
वन टू थ्री अब याद है, भूले दो दो चार ।
बदल रहे दिन-दिन यहाँ , सबके आज विचार ।।
कब हिंदी दुश्मन हुई , और रुका व्यापार ।
तब भी तो द चली , सत्ता पक्ष सरकार ।।
हिंदी को दो मान्यता , तब आये आनंद ।
गीत ग़ज़ल दोहा लिखे , लिखें मधुर सब छन्द ।
हिंदी हिंदी कर रहे , हिंदी का गुणगान ।
हिंदी चाहे हिंद से , फिर अपना अभिमान ।।
सुबह-शाम जो पढ़ रहे , थे गीता का सार ।
आज उन्हें अब चाहिए , अंग्रेजी अख़बार ।।
हिंदी नंबर प्लेट पर , कट जाते चालान ।
ऐसे हिंदुस्तान में , हिंदी का गुणगान ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- विषय  हिंदी 
हिंदी भाषा का हमें , दोगे कब अधिकार ।
हम भी तो हैं चाहतें , हो इसका विस्तार ।।
जो कहते थे मंच पर , हम हिंदी परिवार ।
अब

संस्कृतलेखिकातरुणाशर्मा-तरु

राधा रानी के 28 नाम के जप मात्र से जीवन की सभी व्याधि नष्ट हो जाती है, राधे राधे 🙏 . . राधा रासेश्वरी रम्या कृष्णमन्त्राधिदेवता। सर्वाद्या

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत :- तुम जननी हो इस जग की , रच लो एक नया संसार । क्यों घुट-घुट कर फिर जीती हो , क्यों सब सहती आत्याचार ।। तुम जननी हो इस जग की .... पुरुष

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गीत :-
तुम जननी हो इस जग की , रच लो एक नया संसार ।
क्यों घुट-घुट कर फिर जीती हो , क्यों सब सहती आत्याचार ।।
तुम जननी हो इस जग की ....

पुरुष वर्ग नारी पर भारी , क्यों होता है करो विचार ।
निकल पड़ो हाथो में लेकर , घर से अपने आज कटार ।।
बेटे भाई पति को अपने , दान करो अपने शृंगार ।
तुम जननी हो इस जग की ....

कितनी बहनें कितनी बेटी , होंगी कब तक भला शिकार ।
चुप बैठी है सत्ता सारी , विवश हुआ है पालनहार ।।
मन में अपने दीप जलाओ , नहीं मोम से जग उँजियार ।
तुम जननी हो इस जग की .....

छोड़ों चकला बेलन सारे , बढ़कर इन पर करो प्रहार ।
बहुत खिलाया बना-बना कर , इन्हें पौष्टिक तुम आहार ।।
बन चंडी अब पहन गले में ,  इनको मुंडों का तू हार ।
तुम जननी हो इस जग की ....

बन्द करो सभी भैय्या दूज , बन्द करो राखी त्यौहार ।
ये इसके हकदार नही है , आज त्याग दो इनका प्यार ।।
जहाँ दिखे शैतान तुम्हें ये , वहीं निकालो तुम तलवार ।
तुम जननी हो इस जग की ....

सिर्फ बेटियाँ जन्म लिए अब , सुतों का कर दो बहिष्कार ।
खो बैठें है यह सब सारे , बेटा होने का अधिकार ।।
मिलकर जग से दूर करो यह , फैल रहा जो आज विकार ।
तुम जननी हो इस जग की ....

तुम जननी हो इस जग की , रच लो एक नया संसार ।
क्यों घुट-घुट कर फिर जीती हो , क्यों सब सहती आत्याचार ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :-
तुम जननी हो इस जग की , रच लो एक नया संसार ।
क्यों घुट-घुट कर फिर जीती हो , क्यों सब सहती आत्याचार ।।
तुम जननी हो इस जग की ....

पुरुष

Vikas Sahni

#मौका_छूट_गया इस साल और अधिक अहित हुआ, सही होते हुए भी ग़लत साबित हुआ और बुरी तरह टूट गया। कल मातम मनाते-मनाते मौका छूट गया।। **** ****

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White #मौका_छूट_गया
इस साल और अधिक अहित हुआ,
सही होते हुए भी ग़लत साबित हुआ 
और बुरी तरह टूट गया।
कल मातम मनाते-मनाते मौका छूट गया।।
****    ****    ****    ****    ****
यह देख दोबारा कविता करीब आई,
अनुभूत करता रहा जिसकी गहराई, 
जिसका दिल मेरा मन लूट गया।
कल मातम मनाते-मनाते मौका छूट गया।।
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अतः आज और अधिक हो गया है कठिन काम,
यह देख दिल बहला रहा था अक्षरधाम 
कि मदहोशी का मटका फूट गया।
कल मातम मनाते-मनाते मौका छूट गया।।
                                     ...✍️विकास साहनी

©Vikas Sahni #मौका_छूट_गया
इस साल और अधिक अहित हुआ,
सही होते हुए भी ग़लत साबित हुआ 
और बुरी तरह टूट गया।
कल मातम मनाते-मनाते मौका छूट गया।।
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