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Anjali Singhal
"सब कुछ रूहानी सा है, लफ़्ज़-लफ़्ज़ जो दिल की कहानी का है। ख़्याल भी रूहानी है ख़्वाब भी रूहानी, अनवरत बहता एहसास फिर किसकी रवानी का है! क #Poetry #AnjaliSinghal
read morePrakash Vidyarthi
White " विचारो में भिन्नता " हम उस बंजर भूमि के प्राणि हैं जहां के लोगों को दूर के ढोल सुहांवन लगते हैं। मेहफिले तो यहां भी सजी हैं और वहां भी सजी हैं पर किसी को नदी नही नाली ही मनभावन लगते हैं।। बस नज़र और नजरिए का अन्तर हैं हुजुर देखो तो किसी को सौ हंड्रेड तो किसीको फिफ्टी टू बावन लगते हैं यहीं नहीं, सोचे तो ये उच्च नीच का भेद बड़ा अजीब है जो बुद्धि और विचारो से सब दुष्ट बामन लगते हैं।। पॉलिटिक्स ताकत के पीछे ये दुम हिलाते करते हैं चापलूसी। दूसरो को नीचा दिखाने में मिलती हैं इनको बहुत खुशी।। नफरत की निगाह से यहां सब एक दूसरे को देखते हैं। नियत की नियती कौन जानें फिर भी जालिम हाथ सेकते हैं।। काश उनमें स्नेह होता भाईचारा होता तो विकाश की बहती पावन धारा होता। प्रफूलित हों उठता सबका तन मन संघ दरिया में डूबे तिनके का सहारा होता।। पर गिरे हुए हैं कुछ असमाजिक तत्व लोग जो अक्सर गिराने में लगे हैं ख़ुद को भी औरों को भी करते हैं बेवजह अपमान ये अपनो को छोड़ते नहीं कभी गैरों को भी ।। कोई इन्हे लेवरचटवा धूर्त या चमचा भीं कहते हैं। ये पढ़े लिखे भ्रष्ट कभी किसी को भी मात दे देते हैं। अगर समझो तो ये मिट्टी सोना है और सोना मिट्टी हैं ऐसे लोगों को चुंगुला अशिष्ठ व्यभाचारी बेलचा कहते हैं।। बिगड़ा कुछ नहीं है यहां आपस की बस ताल मेल बिगड़ी हैं। बड़े मियां छोटे मियां के चक्कर में पक रही जली भूनी खीचड़ी हैं।। तू तू मैं मैं की होड़ लगी है अपना बनता जाए बस काम। ईमानदार सज्जन जाए भाड़ में बगल में छूरी मूख में राम।। स्वरचित:- प्रकाश विद्यार्थी भोजपुर बिहार ©Prakash Vidyarthi #love_shayari #कविता #poetry #रचना
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read moreKesh Karan nishad
White संपूर्ण अवतार वाणी एक ज्योति है सबके अंदर नर है चाहे नारी है शूद्र, वैश्य और ब्राह्मण क्षत्रिय एक की रचना सारी है ©Kesh Karan nishad ## प्रभु की रचना##
## प्रभु की रचना##
read moreSaba Rasheed
White बहुत ही मशक़्क़तों से सुनो! दिन ये आया है शहीदों का वतन है ये उन्हीं का सरमाया है रहो मिलजुल कर उल्फ़त से मुहब्बत से रहो यारों दुहाई है ये शहीदों की जतन में देश के जिन्होंने जानों को गंवाया है। ©Saba Rasheed #happy_independence_day #देश #freedom #देश #मशक़्क़त मुश्किल #शहीद #वतन #मुहब्बत #उल्फ़त #सरमाया देशभक्ति कविताएँ
writer_Suraj Pandit
White वतन ही जान है । वतन ही मान है । जब तक है जान । वतन पे अभिमान है । ©writer_Suraj Pandit #sad_shayari वतन
#sad_shayari वतन
read moreRicha Dhar
White कहती है माँ भारती कट रहा है अंग मेरा केरल कटा,कश्मीर कटा,बंगाल कटा,लूट रहे अस्मिता को चीख चीख कर रोती है कराहती है माँ भारती रक्त रंजित हुई धरा,कैसे बताए पीड़ा को वीर पुत्र दिन रात रक्षा को तत्पर रहते हैं सेंध लगाए बैठे हैं अपने ही घर में,क्या कहें ऐसे गद्दारों को माँ वसुंधरा की सुंदरता पर ग्रहण ऐसा लग गया बट गए उसके ही बच्चे जाती-धर्म में,और अपनाया झूठे प्रपंचों को एक एक आँसूं का कतरा गिरा,और चोटिल कर दिया नदी पहाड़ों को कहीं भूस्खलन,कहीं भूचाल माँ ने भी बदल दिया भूगोल को ©Richa Dhar #kargil_vijay_diwas मेंरा वतन
#kargil_vijay_diwas मेंरा वतन #कविता
read moreChandrawati Murlidhar Gaur Sharma
आपके सामने प्रस्तुत है एक और रचना शीर्षक है बेकार है।Sudha Tripathi #शायरी
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