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कवि प्रभात
मग देखेंगे नैन द्वय, तव तब तक प्रियतम | जब तक काल के ग्रास न, बन जायेंगे हम || ©कवि प्रभात हिंदी कविता कविता कोश कविता
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read moreRamnik
White वो धर्म ही क्या जो दया ना सिखा सके , वो पूजा ही क्या जो दिल को किसी के दर्द से पिघला ना सके। क्या करना ऐसे धर्म के रिवाजों को जो "जुल्म करना पाप है" के समझा न सका... ©Ramnik #धर्म
bina singh
मोहब्बत में रुसवाई नहीं होती अगर जो हो जाये मोहब्बत बेवफाई नहीं होती अकेले हो तुम पर तन्हाई नहीं होती मोहब्बत में बीमार जैसी कोई बीमारी नहीं होती मोहब्बत में मर्ज़ की कहि कोई सुनवाई नहीं होती... by bina singh ©bina singh #devdas कविता ,कविता , प्रेम कविता कविता कोश
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read moreAmrendra Kumar Thakur
तरक्की का मतलब क्या? चूल्हे पर जलती धीमी लौ, कुनकुनाती आग में यादें बुनती जो। झुर्रियों में छिपी कितनी कहानियाँ, जीवन की उतार-चढ़ाव की निशानियाँ। सालों के सफ़र में ये हाथ थके, ख़्वाब बुने जो अब धुंधले दिखे। इस घर की नींव में उनके पसीने, आज अकेले, बिन किसी साए के जीने। तरक्की का मतलब क्या हुआ? अगर माँ-बाप का सहारा ना बना। जिन्होंने हर मुश्किल सह ली, उनके बुढ़ापे में, हम दूर चल दिए। दुनिया आगे बढ़ती जाती, पर ये उम्र ठहर सी जाती। सफलता का क्या मतलब है अगर, उनकी देखभाल से हम हट गए, कहीं दूर जाकर? ना हो उनकी उम्र में कोई दर्द, ना झलके आँखों में कोई सर्द। तरक्की वो नहीं जो प्यार ना दे, जो अपने बुज़ुर्गों का साथ ना रहे। ©Amrendra Kumar Thakur #oldage हिंदी कविता कविता कोश कविता हिंदी कविता
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read morechahat
White दस दिन के दस धर्म। सिखाते है कैसे काटे कर्म।। जीवन के चक्र भंवर से। कैसे जाये भव से तर।। क्या रखा है,जीवन में। रे मानव स्व कल्याण कर।। कब तक रहेंगे जीवन में। हम खुद को संवार कर ।। पुण्य कर्म कमा, क्यू ना जीले। अपना आत्मकल्याण कर।। पाप कमाते कितना हम। मान अहंकार में डूब कर। बुरे के साथ बुरा करके हम। क्या पा लेंगे सत धर्म कर।। मन में क्षमादान के भाव रख। मांग क्षमा तू सत्य धर्म कर।। ना रख बैर,न रख अहम। जिसे तू,जो तुझे पसंद नही। ना बैर,ना प्रेम व्यबाहर कर।। मांग ले क्षमा उससे भी हाथ जोड़कर। मन को अपने तू बोझ से हल्का कर।। साधना अपनी पूर्णकर खुद को तपाकर। तोड़ दे अहंकार सारे उत्तम क्षमा मांगकर।। ©chahat दस धर्म......
दस धर्म......
read morevineet kumar sharma
#HeartfeltMessage प्रेरणादायी कविता हिंदी हिंदी कविता हिंदी कविता कविता कोश कविता
read moreNC
White हर इम्तेहान में रहे वो अव्वल जिंदगी का रुख देख टूटा मनोबल किताबी बातें काम न आईं फलसफा नहीं है ये जिंदगी असल यहां ईमानदारी की नही कीमत कोई सच्चाई एक अकेले कोने में रोई यहां किताबों का न होता अमल यहां कर्मों का उल्टा मिलता फल ।। ©NC #Sad_shayri #कविता हिंदी कविता कविता हिंदी कविता
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