Nojoto: Largest Storytelling Platform

New निराशा Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about निराशा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, निराशा.

love you zindagi

White असफल व्यक्ति अहंकार से नहीं 
अनुभवों से भरा होता ..!!


@वकील साहब ✍️

©love you zindagi #Sad_shayri #sad #असफलता #निराशा #अनुभव

THE VIKRANT RAJLIWAL SHOW

मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्स हिंदी Entrance examination मोटिवेशनल कविता इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्सजिसमें सूचना: Vikrant Rajliwal

read more
जिसमें तीन टी-शर्ट फाड़ने का दृश्य था, विक्रांत की छोटी उंगली में हल्की चोट लग गई थी। 

हालांकि, अब उनकी उंगली पहले से पूरी तरह ठीक हो गई है और जल्द ही फिटनेस ब्लॉग और वीडियो भी आपके सामने प्रस्तुत किए जाएंगे।

आपके धैर्य और समर्थन के लिए धन्यवाद।

सादर,  
विक्रांत राजलीवाल

#VikrantRajliwal #FitnessGoals #TshirtPhadneKaScene #FitnessMotivation #WorkoutJourney #StayTuned #FitnessVlog #FitnessUpdate #ComingSoon #VikrantRajliwalShaktiKendra #StayHealthy #StayStrong

©Vikrant Rajliwal  मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्स हिंदी Entrance examination मोटिवेशनल कविता इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्सजिसमें सूचना: Vikrant Rajliwal

person

गीता के अनुसार मनुष्य के दुःख का कारण क्या है? यदि भगवद गीता को देखें तो हम पाते हैं कि संसार के दुखों का प्रमुख कारण आत्मा के स्वरूप के वि

read more
गीता के अनुसार मनुष्य के दुःख का कारण क्या है?


यदि भगवद गीता को देखें तो हम पाते हैं कि संसार के दुखों का प्रमुख कारण आत्मा के स्वरूप के विषय में हमारा अज्ञान है। हम स्वजनों की मृत्यु की आशंका से ही भयभीत हो जाते हैं। हमने जो भी अर्जित किया या पाया है, उसकी हानि की शंका भी हमारी चेतना को कभी पूर्णतया स्वछंद नहीं होने देती।

भगवद गीता के मुताबिक, मनुष्य के दुखों का प्रमुख कारण आत्मा के स्वरूप के बारे में अज्ञानता है. इसके अलावा, मनुष्य के दुखों के कुछ और कारण ये हैं: 
 
हमने जो भी अर्जित किया या पाया है, उसकी हानि की शंका हमारी चेतना को कभी पूर्णतया स्वच्छंद नहीं होने देती. 
 
मनुष्य में श्रेष्ठ गुणों का अभाव होता है. 
 
मनुष्य का शत्रुतापूर्ण और अमानवीय स्वभाव दुनिया को उदास और निराशाजनक बना देता है. 
 
अधिकांश मनुष्य इस बात का परिप्रेक्ष्य खो चुके हैं कि यह जीवन क्या है. 
 
उनकी मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया अस्तित्वगत प्रक्रिया से कहीं अधिक बड़ी हो गई है. 
 
भगवद गीता के मुताबिक, मनुष्य को अपने विवेक, परिश्रम, बुद्धि और उद्यम पर संदेह नहीं करना चाहिए. उसे सदैव सत्य और स्वधर्म के पक्ष में रहना चाहिए.

©person गीता के अनुसार मनुष्य के दुःख का कारण क्या है?

यदि भगवद गीता को देखें तो हम पाते हैं कि संसार के दुखों का प्रमुख कारण आत्मा के स्वरूप के वि
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile