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N S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} खूबसूरत चेहरा भी बूढ़ा हो जाता है, ताकतवर जिस्म एक दिन ढल जाता है!! पद और ओहदा भी एक दिन समाप्त हो जाते है, लेकिन एक अच्छा इंसान हमेशा अच्छा इंसान ही रहता है, हर व्यक्ति को एक सच्चा व अच्छा इंसान बनने की कोशिश करते रहना चाहिए!! जय श्री राधेकृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine #happy_diwali {Bolo Ji Radhey Radhey} खूबसूरत चेहरा भी बूढ़ा हो जाता है, ताकतवर जिस्म एक दिन ढल जाता है!! पद और ओहदा भी एक दिन समाप्त हो
#happy_diwali {Bolo Ji Radhey Radhey} खूबसूरत चेहरा भी बूढ़ा हो जाता है, ताकतवर जिस्म एक दिन ढल जाता है!! पद और ओहदा भी एक दिन समाप्त हो
read moreKavi Rahul Jangid
White यशोदा कान्हो प्यारौ, चित्तचोर नंद दुलारौ । ऐसी मोहिनी डारि गयों नंदलाल, ज्यों जाल कोई मछली पर डारौ ।। हां हुयो अंधियारों भये घनश्याम, तेरौ घनश्याम दिख्यो नहीं सारौ । बांकी करे कटि कान्हो तेरौ औ, बजावत मुरली हरे चित्त मारौ ।। चित्त चोरी लियौ चित्तचोर तेरौ, औ हरयो मन मोर मनोहर थारौ । हे सुनो नंद-भामिनि भोर तेरौ, हां उदित भयो है कदम्ब निहारौ ।। ले बैठ्यो वसन वो कदम्ब की डारन, बचावत कौन बिचार-बिचारौ । कहे ' राहुल ' लाज रखें ब्रजराज, सरे सब काज हृदय से पुकारौ...।। ~ राहुल 'राह़' ©Kavi Rahul Jangid यशोदा कान्हो प्यारौ... #krishna #kanha #पदावली #पद #कृष्ण
Srinivas
नेतृत्व का असली अर्थ है जब बिना नाम, बिना पद के भी जनता की भलाई की जाए। ©Srinivas नेतृत्व का असली अर्थ है जब बिना नाम, बिना पद के भी जनता की भलाई की जाए।
नेतृत्व का असली अर्थ है जब बिना नाम, बिना पद के भी जनता की भलाई की जाए।
read morePrachi Sharma
White संगहीन जीवन के घाव स्वरूप दुर्लभ हो गया है चाव संगति थी क्या विशेष? कुचली इच्छाओं के वेश धरे स्मृति पद अतीत नीर नयन, व्याकुल चित्त ©Prachi Sharma #good_night संगहीन जीवन के घाव स्वरूप दुर्लभ हो गया है चाव संगति थी क्या विशेष? कुचली इच्छाओं के वेश धरे स्मृति पद अतीत नीर नयन, व्याकुल चि
#good_night संगहीन जीवन के घाव स्वरूप दुर्लभ हो गया है चाव संगति थी क्या विशेष? कुचली इच्छाओं के वेश धरे स्मृति पद अतीत नीर नयन, व्याकुल चि
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
मुक्तक :- जीवन भर अब नाथ , तुम्हारा बनकर रहना । जैसे राखो आप , यहाँ पर हमको रहना । नही लोभ औ मोह , कभी जीवन में आये- यही कृपा अब नाथ , बनाये हम पर रहना ।। मातु-पिता है बृद्ध , तनिक सेवा तो कर लो । और तनय का धर्म , निभाकर झोली भर लो । ऐसे अवसर नित्य , नही जीवन में आते - मिले परम पद आप , तनिक धीरज तो धर लो ।। बनकर हरि का दास , भक्ति का पहनूँ गहना । हर क्षण मुख पे राम , बोल फिर क्या है कहना । जगे हमारे भाग्य , शरण जो उनकी पाया - अब तो उनका नाम , हमें सुमिरन है करना ।। यह तन मिट्टी जान , जलायी हमने काया । हृदय बिठाकर राम , राम को हमने पाया । अब तो आठों याम , उन्हीं का सुमिरन होता - यह मन उनका धाम , उन्ही की सारी माया ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मुक्तक :- जीवन भर अब नाथ , तुम्हारा बनकर रहना । जैसे राखो आप , यहाँ पर हमको रहना । नही लोभ औ मोह , कभी जीवन में आये- यही कृपा अब नाथ , बनाये
मुक्तक :- जीवन भर अब नाथ , तुम्हारा बनकर रहना । जैसे राखो आप , यहाँ पर हमको रहना । नही लोभ औ मोह , कभी जीवन में आये- यही कृपा अब नाथ , बनाये
read moreANATH SHAYAR
न पद बड़ा ना कद बड़ा #follow #Motivation #sedfeeling #Motivational #Facts #sed #ViralVideo #Shorts वीडियो डाउनलोड
read moreOfficial vishwajeet Yadav
भगवती विंध्यवासिनी के बारे में कुछ खास बातेंः  विंध्यवासिनी को विंध्याचल की देवी भी कहा जाता है. विंध्यवासिनी को आदि शक्ति माना जाता
read morePRAMILA LALIT SHUKLA
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