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Nurul Shabd
Anuradha T Gautam 6280
Vk srivastav
इधर देखता हूं उधर देखता हूं जहां तक है जाती नज़र देखता हूं मैं दुनिया से हो बेखबर देखता हूं तेरी राह शामो सहर देखता हूं के होती हमारी ग़दर देखता हूं मैं एक दूसरे की कदर देखता हूं जो ढाती हो तुम वो कहर देखता हूं यही ख़्वाब आठों पहर देखता हूं तेरे संग ख़ुशी की लहर देखता हूं तेरा मुझपे ऐसा असर देखता हूं इधर देखता हूं उधर देखता हूं ©Vk srivastav इधर देखता हूं उधर देखता हूं #शायरी #SAD #Trending #viral #Shorts #Reels #लव #vksrivastav
Pawan Kumar Jain
मैं पवन जैन अपने एक गीत के साथ..गीत के बोल हैं........ "प्रिय कभी तो आकर देखो.. उस मोलसरी के पेड़ तले!"
read moreAnjali Singhal
"आज फिर भीगी हैं पलकें, आज फिर महसूस हुई तन्हाई। दिल को रुलाने देखो, यादों की बारात होती चली आई।।" #AnjaliSinghal #hindishayari #Shayari n
read morePoet Kuldeep Singh Ruhela
White है चारो तरफ ये देखो कैसा मंजर हुआ है खोफ में हर आदमी ये क्या हुआ है चारों तरफ़ यहां लाशों का अंबार देखो ये कैसा आज यहां गुमनामी का अंधेरा हुआ ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #said है चारो तरफ ये देखो कैसा मंजर हुआ है खोफ में हर आदमी ये क्या हुआ है चारों तरफ़ यहां लाशों का अंबार देखो ये कैसा आज यहां गुमनामी क
#said है चारो तरफ ये देखो कैसा मंजर हुआ है खोफ में हर आदमी ये क्या हुआ है चारों तरफ़ यहां लाशों का अंबार देखो ये कैसा आज यहां गुमनामी क
read moreBazirao Ashish
एक बार प्रिये तुम भी! दरखत होकर देखो न। तुम भी समझोगे हाल मेरा धोखा खाकर देखो न। तुम क्या पाओगे क्या खोओगे? खुद का समर्पण करके देखो न। इक बार प्रिये तुम भी! दरखत होकर देखो न। •आशीष द्विवेदी ©Bazirao Ashish एक बार प्रिये तुम भी! दरखत होकर देखो न। तुम भी समझोगे हाल मेरा धोखा खाकर देखो न। तुम क्या पाओगे क्या खोओगे? खुद का समर्पण करके देखो न। इक बा
एक बार प्रिये तुम भी! दरखत होकर देखो न। तुम भी समझोगे हाल मेरा धोखा खाकर देखो न। तुम क्या पाओगे क्या खोओगे? खुद का समर्पण करके देखो न। इक बा
read moreBazirao Ashish
एक बार प्रिये तुम भी; दरखत होकर देखो न। तुम भी समझोगे हाल मेरा; धोखा खाकर देखो न। तुम क्या पाओगे क्या खोओगे? खुद का समर्पण करके देखो न। इक बार प्रिये तुम भी; दरखत होकर देखो न। •आशीष द्विवेदी ©Bazirao Ashish #एक बार प्रिये तुम भी; दरखत होकर देखो न। तुम भी समझोगे हाल मेरा; धोखा खाकर देखो न। तुम क्या पाओगे क्या खोओगे? खुद का समर्पण करके देखो न। इक
#एक बार प्रिये तुम भी; दरखत होकर देखो न। तुम भी समझोगे हाल मेरा; धोखा खाकर देखो न। तुम क्या पाओगे क्या खोओगे? खुद का समर्पण करके देखो न। इक
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