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MRohit
असतो मा सद्गमय।। तमसो मा ज्योतिर्गमय।। मृत्योर्मा अमृतं गमय।। Lead me from the unreal to the real, Lead me from darkness to light, Lead me from death to immortality. ©MRohit ।।भागवत गीता ज्ञान।। #Pattiyan #Bhagavadgita #gyan #Bhakti #seekh
।।भागवत गीता ज्ञान।। Pattiyan Bhagavadgita gyan Bhakti seekh
read moreGoluBabu
पूर्ण परमात्मा की जानकारी तत्वदर्शी संत बता सकते हैं जो स्वंय पूर्ण परमात्मा ही होता है। देवी भागवत महापुराण में देवी जी यानि दुर्गा जी अपने
read morewriter_Suraj Pandit
श्लोक (अध्याय 2, श्लोक 13) देहिनोऽस्मिन्यथा देहे कौमारं यौवनं जरा। तथा देहान्तरप्राप्तिर्धीरस्तत्र न मुह्यति॥ 13 ॥ भावार्थ: जैसे इस शरीर में बाल्यावस्था, युवावस्था और वृद्धावस्था आती है, उसी प्रकार आत्मा एक शरीर को छोड़कर दूसरे शरीर को प्राप्त करती है। धीर पुरुष (ज्ञानी व्यक्ति) इस सत्य को समझकर मोह में नहीं पड़ता। इस श्लोक में भगवान श्रीकृष्ण आत्मा की अमरता का वर्णन कर रहे हैं। वे कहते हैं कि जिस प्रकार शरीर में विभिन्न अवस्थाएँ (बाल्यावस्था, युवावस्था, वृद्धावस्था) आती हैं, उसी प्रकार आत्मा शरीर को छोड़कर नए शरीर में प्रवेश करती है। ज्ञानी व्यक्ति इस सत्य को समझता है और मृत्यु या परिवर्तन के समय दुखी नहीं होता। ----------------------------------------------- यह श्लोक हमें जीवन की अनित्यता और आत्मा की स्थायित्व का अद्भुत संदेश देता है। ©writer_Suraj Pandit भागवत गीता (अध्याय 2, श्लोक 13) 🙏🏻❣️ #BhagvadGita #krishna_flute #RadhaKrishna Hinduism bhakti gane bhakti geet Tsbist Internet Jockey Ar
भागवत गीता (अध्याय 2, श्लोक 13) 🙏🏻❣️ #BhagvadGita #krishna_flute #RadhaKrishna Hinduism bhakti gane bhakti geet Tsbist Internet Jockey Ar
read morewriter_Suraj Pandit
भागवत गीता 🙏🏻 (अध्याय 2, श्लोक 47) कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि॥ भावार्थ: तुम्हारा अधिकार केवल कर्म करने में है, उसके फलों में कभी नहीं। इसलिए तुम कर्मों के फल की चिंता मत करो, और न ही निष्क्रियता की ओर प्रवृत्त हो। यह श्लोक हमें बिना फल की चिंता किए अपने कर्तव्यों का पालन करने का संदेश देता है। ©writer_Suraj Pandit भागवत गीता 🙏🏻❣️🌺🌸 श्लोक (अध्याय 2, श्लोक 47) कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि॥ inspirational
भागवत गीता 🙏🏻❣️🌺🌸 श्लोक (अध्याय 2, श्लोक 47) कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि॥ inspirational
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