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Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 👨👧*“19/6/2022”*👨👦 🖋️*“रविवार”*✨🖊️ आप किसी “दीवार” को “बड़े ध्यान” से “देखें” तो सबसे नीचे जो “ईंट” लगी है उसे बड़े ध्यान से देखिए, वो उस “दीवार की नींव” की ईंट है, “नीव की ईंट” अपना “कर्तव्य”, अपना “उत्तरदायित्व” समझती है कि इस “विशाल दीवार” का “भार” उठाना है जब वे “ईंट” इस बात को “समझती” है तभी वह इस “विशाल दीवार” का भार उठा पाती है, यदि बात की जाए “पिता” की, एक “पिता” अपने “परिवार” के प्रति जो उसके “उत्तरदायित्व” जो उसके “कर्तव्य” है,अपनी “संतान” के प्रति जो “कर्तव्य” है या वो ये “समझता” है, उसी दिन से उस “संतान” के “स्वर्णिम भविष्य” का “शुभारंभ” होता है, यदि आप यह “अधिकार” चाहते है तो स्वयं को उसके “योग्य” बनाइए, अपने “उत्तरदायित्व” ,अपने “कर्तव्य” निभाइए, यह “शक्ति” एवं यह “अधिकार” आपके पास स्वयं चलकर आएगी... *“अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 👨👧 *“19/6/2022”*👨👦 🖋️ *“रविवार”*✨🖊️ #“पिता” #“परिवार”
*✍🏻“सुविचार"*📝 👨👧 *“19/6/2022”*👨👦 🖋️ *“रविवार”*✨🖊️ #“पिता” #“परिवार”
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*✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️*“13/5/2022”*📚 📘*“शुक्रवार”*💫 देखिए ये बात हर एक “व्यक्ति”, हर एक “परिवार”,हर एक “सम्प्रदाय”, हर एक “राज्य” पर ये बात लागू हो सकती है, “परिवार” में यदि “मतभेद” यदि “बढ़” जाए तो परिवार टूटकर “बिखर” जाता है, इतिहास गवाह है यदि “समाज के लोग” आपस में ही लड़ने लगे तो वो “लोग” राजा नहीं बनते अपितु कोई उनका “लाभ” उठाकर स्वयं को “राजा” बना लेता है, “एकता का महत्व” समझिए, आज आकर बात आती है “प्रेम” की, क्योंकि ये “प्रेम” ही जो सबकों “एक” रखकर के “आनंदित” रख सकता है, “प्रेम” से “शक्तिशाली” और कुछ नहीं, तो इस “प्रेम” को “मन” में “जाग्रत” किजिए और अपने “परिवार” में,“समाज” में लाइए, आपके “जीवन” में “आनंद” और “सुख” दोनों अवश्य होगा... *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️ *“13/5/2022”*📚 📘 *“शुक्रवार”*💫 #“परिवार” #“मतभेद”
*✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️ *“13/5/2022”*📚 📘 *“शुक्रवार”*💫 #“परिवार” #“मतभेद”
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*✍🏻“सुविचार"*📝 🇮🇳 *“14/2/2022”*📚 ❤️ *“सोमवार”* 🇮🇳 देखिए ये बात हर एक “व्यक्ति”, हर एक “परिवार”,हर एक “सम्प्रदाय”, हर एक “राज्य” पर ये बात लागू हो सकती है, “परिवार” में यदि “मतभेद” यदि “बढ़” जाए तो परिवार टूटकर “बिखर” जाता है, इतिहास गवाह है यदि “समाज के लोग” आपस में ही लड़ने लगे तो वो “लोग” राजा नहीं बनते अपितु कोई उनका “लाभ” उठाकर स्वयं को “राजा” बना लेता है, “एकता का महत्व” समझिए, आज आकर बात आती है “प्रेम” की, क्योंकि ये “प्रेम” ही जो सबकों “एक” रखकर के “आनंदित” रख सकता है, “प्रेम” से “शक्तिशाली” और कुछ नहीं, तो इस “प्रेम” को “मन” में “जाग्रत” किजिए और अपने “परिवार” में,“समाज” में लाइए, आपके “जीवन” में “आनंद” और “सुख” दोनों अवश्य होगा... *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🇮🇳 *“14/2/2022”*📚 ❤️ *“सोमवार”* 🇮🇳 *#“परिवार”* *#“मतभेद”*
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*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“24/1/2022”*📚 🖋️ *“सोमवार”* 👧🏻 *एक “संतान” तो “परमात्मा” का ही “अंश” होती है* *इसलिए “पुत्र” “पुत्री” में भेद करना उचित नहीं* *किंतु तब भी “कुछ व्यक्ति” ऐसी “मूर्खता” कर बैठते है* *क्योंकि वे “कन्या” की “महिमा” से “अपरिचित” है* *कि “कन्या” का “सम्मान” करना प्रत्येक “व्यक्ति” का “धर्म” है* *क्योंकि “कन्या” “जीवनदायिनी” है* *एक “कन्या” “विवाह” के पश्चात “दो कुलों” को जोड़ती है वो जननी है* *और “जननी” तो केवल “सत्कार” के योग्य होती है “उपेक्षा” के नहीं* *उसका “तिरस्कार” नहीं किया जाता...* और पुत्री (कन्या) का सम्मान तो सदैव करना चाहिए, *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“24/1/2022”*📚 🖋️ *“सोमवार”* 👧🏻 *#“कन्या”* *#“विवाह”*
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“24/1/2022”*📚 🖋️ *“सोमवार”* 👧🏻 *#“कन्या”* *#“विवाह”*
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*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“19/1/2022”*📚 🖋️*“बुधवार”* 🌟 कभी सोचा है उन “माता-पिता” के “विषय” के बारे में जिन्होंने उस “परिवार का निर्माण” किया,जिन्होंने अपनी “संतान” को “सहेज” कर रखा, उस “संतान को पाला-पोसा”, “बड़ा किया”,कभी सोचा है उनके “विषय” में,“जीवन” में जब भी ऐसी कोई “भावना” या “सोच” आपके “मन” में आए, जिसके कारण आप अपने “परिवार” से नाता तक तोड़ने चले जाओ,आप स्वयं को वही रोक दीजिए,स्वयं को स्मरण करवाइए, अपने “माता-पिता” के विषय में,आपका ये “आवेश” में आना,आपका यह “स्वार्थ”, यह सब उनके समक्ष बहुत ही “छोटा” है, और ध्यान रखना “जीवन” में “परिवार से बढ़कर” कुछ नहीं होता है, *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“19/1/2022”*📚 🖋️ *“बुधवार”* 🌟 *#“माता-पिता”* *#“परिवार”*
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“19/1/2022”*📚 🖋️ *“बुधवार”* 🌟 *#“माता-पिता”* *#“परिवार”*
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*✍🏻“सुविचार"*📝 🌫️*“28/7/2021”*🌫️ 🌧️*“बुधवार”*🌧️ देखिए ये बात हर एक “व्यक्ति”, हर एक “परिवार”, हर एक “सम्प्रदाय”, हर एक “राज्य” पर ये बात लागू हो सकती है, “परिवार” में यदि “मतभेद” यदि “बढ़” जाए तो परिवार टूटकर “बिखर” जाता है, इतिहास गवाह है यदि “समाज के लोग” आपस में ही लड़ने लगे तो वो “लोग” राजा नहीं बनते, अपितु कोई उनका “लाभ” उठाकर स्वयं को “राजा” बना लेता है, “एकता का महत्व” समझिए, आज आकर बात आती है “प्रेम” की, क्योंकि ये “प्रेम” ही जो सबकों “एक” रखकर के “आनंदित” रख सकता है, “प्रेम” से “शक्तिशाली” और कुछ नहीं, तो इस “प्रेम” को “मन” में “जाग्रत” किजिए और अपने “परिवार” में,“समाज” में लाइए, आपके “जीवन” में “आनंद” और “सुख” दोनों अवश्य होगा... *“अतुल शर्मा 🖋️📝* *✍🏻“सुविचार"*📝 🌫️*“28/7/2021”*🌫️ 🌧️*“बुधवार”*🌧️ #“परिवार” #“मतभेद”
*✍🏻“सुविचार"*📝 🌫️*“28/7/2021”*🌫️ 🌧️*“बुधवार”*🌧️ #“परिवार” #“मतभेद”
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*✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️ *“11/7/2021”*🖋️ ✨*“रविवार”*🌟 जब किसी “परिवार” में या “घर” में किसी का “जन्म” होता है, कितना “सुख का क्षण” होता है, वह “छोटी सी संतान” जब बड़ी होती है तो “चलने का प्रयास” करती है, इस “प्रक्रिया” में भी एक बहुत बड़ी “सीख” छुपी है “धकेलना”... जब आपको “चलना” होता है “आगे बढ़ना” होता है तो आप क्या करते है ? अपने “पांव” के नीचे जो “धरा” है उसे “धकेलते” है बस यही तो “जीवन” में भी आपको “सीखना” है, अब यदि आप को “ज्ञान” कि ओर बढ़ना है तो “अज्ञानता” को “पीछे धकेलना” होगा,यदि आपको “प्रकाश” की ओर बढ़ना है तो आपको “अंधकार” को पीछे धकेलना होगा, यदि आपको जीवन में “सफलता” को प्राप्त करना है तो आपको “भूतकाल की असफलताओं” को पीछे धकेलना होगा,जो “जल” बहते बहते रुक जाता है उसे हम “नाला” कहते है,उससे “दुर्गंध” आती है,किंतु जो “जल” निरंतर बहता जाता है उसे हम “पवित्र” कहते है,तो आप भी “कर्म” करते जाइए,कभी “मत” रूकीए, “सफलता” अवश्य मिलेगी... *“अतुल शर्मा”🖋️📘* *✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️ *“11/7/2021”*🖋️ ✨ *“रविवार”*🌟 #“परिवार” #“जन्म”
*✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️ *“11/7/2021”*🖋️ ✨ *“रविवार”*🌟 #“परिवार” #“जन्म”
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*✍🏻“सुविचार"*📝 👨👧*“20/6/2021”*👨👦 🖋️ *“रविवार”*✨🖊️ आप किसी “दीवार” को “बड़े ध्यान” से “देखें” तो सबसे नीचे जो “ईंट” लगी है उसे बड़े ध्यान से देखिए, वो उस “दीवार की नींव” की ईंट है, “नीव की ईंट” अपना “कर्तव्य”, अपना “उत्तरदायित्व” समझती है कि इस “विशाल दीवार” का “भार” उठाना है जब वे “ईंट” इस बात को “समझती” है तभी वह इस “विशाल दीवार” का भार उठा पाती है, यदि बात की जाए “पिता” की, एक “पिता” अपने “परिवार” के प्रति जो उसके “उत्तरदायित्व” जो उसके “कर्तव्य” है,अपनी “संतान” के प्रति जो “कर्तव्य” है वो उसे भलीभांति निभाता है, “संतान” जिस दिन ये समझने लगती है, उसी दिन से उस “संतान” के “स्वर्णिम भविष्य” का “शुभारंभ” होता है, यदि आप यह “अधिकार” चाहते है तो स्वयं को उसके “योग्य” बनाइए,अपने “उत्तरदायित्व”, अपने “कर्तव्य” निभाइए, यह “शक्ति” एवं यह “अधिकार” आपके पास स्वयं चलकर आएगी... *“अतुल शर्मा🖋️📝✨* ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 👨👧*“20/6/2021”*👨👦 🖋️ *“रविवार”*✨🖊️ #“पिता” #“परिवार”
*✍🏻“सुविचार"*📝 👨👧*“20/6/2021”*👨👦 🖋️ *“रविवार”*✨🖊️ #“पिता” #“परिवार”
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*📝“सुविचार"*📝 🖊️*“6/3/2021”*🖋️ 📘✨ *“शनिवार”*✨📙 इस “संसार” में हम केवल अपने “परिवार” के विषय में सोचते है उनका “ध्यान” रखते है और “प्रयास” करते है कि वो “सम्पन्न” रहें,“सुखी” रहें और उसी “समय” इस “समाज” के “विरोधी तत्व” इस “समाज” को खा जाते है इसे “नष्ट” कर जाते है इसलिए जब बात आती है “राष्ट्र” की, “देश” की तो उसके लिए भी “निर्णय” लेना होगा, उसके लिए भी “त्याग” करना होगा और स्मरण रखिए जो भी “समस्या” है उसका “निवारण” पूर्ण रूप से करना अनिवार्य है इस “संसार” में हर एक “व्यक्ति” जो अपने “परिवार” का भी ध्यान रखेगा और “समाज” का भी ध्यान रखेगा कहने का मतलब देश में रहकर व्यक्ति “अच्छे काम” करेगा और “सत्य” का साथ देगा, तभी ये “देश” सम्पन्न कहलाएगा... ✨ *अतुल शर्मा🖋️📝📙* *📝“सुविचार"*📝 🖊️*“6/3/2021”*🖋️ 📘✨ *“शनिवार”*✨📙 #“संसार” #“परिवार”
*📝“सुविचार"*📝 🖊️*“6/3/2021”*🖋️ 📘✨ *“शनिवार”*✨📙 #“संसार” #“परिवार”
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*📝“सुविचार"*📝 🖊️*“20/2/2021”*🖋️ 📘✨ *“शनिवार ”*✨📙 इस “संसार” में कई सारे लोग इसलिए “श्रेष्ठ” बनने का “प्रयास” करते है ताकि उनके “परिवार” का, उनके “पिता” का “मान सम्मान” बढ़ता रहें, ऐसे भी लोग होते है और यहीं अंतर होता है “उद्देश्य” का, स्मरण रखिएगा यदि आपका “उद्देश्य” शुभ होगा तो आपका मार्ग भी “शुभ” होगा, यदि आपका उद्देश्य “अशुभ” होगा तो मार्ग भी “अशुभ” होगा, तो अपने “पिता” जैसे बनने का “प्रयास” अवश्य किजिए, उनसे भी “श्रेष्ठ” बनने का प्रयास अवश्य किजिए, किन्तु स्मरण रखिएगा आपका “संकल्प” और “उद्देश्य” दोनों शुभ होने चाहिए, तभी ये “संभव” हो पाएगा, ✨ *अतुल शर्मा🖋️📝📙* ©Atul Sharma *📝“सुविचार"*📝 🖊️*“20/2/2021”*🖋️ 📘✨ *“शनिवार ”*✨📙 #“संसार” #“श्रेष्ठ”
*📝“सुविचार"*📝 🖊️*“20/2/2021”*🖋️ 📘✨ *“शनिवार ”*✨📙 #“संसार” #“श्रेष्ठ”
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