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Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“6/5/2022”*📚 🖋️*“शुक्रवार”* 🌟 ऐसा कौनसा “दिन” है जिसकी “रात” नहीं होती ? ऐसी कौन सी “नदी” है जो नहीं “सूखती” ? ऐसा कौनसा “वृक्ष” है जिसके “पत्ते” नहीं “झड़ते” ? किंतु यदि “सूर्य” हार मान ले तो “रात्री” के पश्चात वो “प्रकाश” दे ही नहीं पाएगा, यदि “नदी” हार मान ले तो वह पुनः “वर्षा” कराने में “सहायता” नहीं कर पाएगी, अगर यह सब “हार” मान ले तो “धरा प्यासी” रह जाती है “प्रकृति” हमें यही सिखाती है “हार”, “पराजय”, “असफलता” यह हमारे जीवन में आएंगे ही आएंगे, और हमें “सिखाने” के लिए आएंगे हमारे “हित” के लिए आएंगे तो अपना “दृष्टिकोण” भी वैसा ही रखिए, तो “सकारात्मक दृष्टिकोण” से इसे देखें अपनी “हार” से,“पराजय” से सीखें और “जीवन” में आगे बढ़े, “विजय” भी निश्चित रूप से आपकी होगी... *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“6/5/2022”*📚 🖋️ *“शुक्रवार”* 🌟 #“सूर्य” #“रात्री”
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“3/3/2022”*📚 🖋️ *“गुरुवार”*🌟 इस “जीवन” में यदि “सूर्य” “हार” मान ले तो “रात्रि” के पश्चात वो “प्रकाश” दे ही नहीं पाएगा, यदि “नदी” हार मान ले तो वो पुनः “वर्षा” करवाने में “सहायता” कर ही नहीं पाएगी, “प्रकृति” हमें यही सीखाती है “हार”,“पराजय” ये हमारे जीवन में आएंगे ही आएंगे और हमें “सीखाने” के लिए आएंगे हमारे “हित” के लिए आएंगे तो अपना “दृष्टिकोण” भी वैसा ही रखिए तो “सकारात्मक” से इसे देखिए, अपनी “हार” से,अपनी “पराजय” से “सीखें” और “आगे” बढ़े, “विजय” निश्चित रूप से आपकी होगी, और होगी तो “प्रसन्नता” और “आनंद” से भर जाएगा, *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🌟*“3/3/2022”*🌟 🖋️ *“गुरुवार”*✨🖊️ #“जीवन” #“सूर्य”
Atul Sharma
*📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘*“15/11/2021”*📝 ✨*“सोमवार”*🌟 “जीवन” में ये जानना अति आवश्यक है, जैसे कि “पराजय की बात” की जाए, जब भी हमें “पराजय” मिलती है हम सोचने लगते है कि ऐसा क्यों हुआ ? क्या हमारा “शत्रु” कई अधिक “शक्तिशाली” था या हमारी “नीति” में कोई कमी थी, इन सभी कारणों के पीछे एक बहुत बड़ा कारण होता है, और वो कारण हमारे ही भीतर छिपा होता है, मान लिजिए कि आप एक “मार्ग” पर चल रहे है, वो मार्ग “कंकड़ो” से भरा है लेकिन आपने “चप्पले” पहन रखी है,आप चलकर आगे चले जाते है, अब ऐसा “मार्ग” आता है जो “पुष्पों से भरा” है आपने “चप्पले” पहन रखी है फिर भी आपकी चप्पलों में एक “कंकड़” आ जाता है,तब दो “कदम” चलना भी “कठिन” हो जाता है, इस “संसार” की “बाहरी शक्ति” आपको “परास्त” करने से पूर्व आपके “भीतर की दुर्बलता” आपको “परास्त” कर देती है, आपके भीतर छुपे ये “शत्रु”, इसलिए “सकारात्मकता” इतनी महत्वपूर्ण हो जाती है,“अच्छे लोगों” के साथ रहिए,“अच्छी संगत” में रहिए,“मित्रता” किजिए, “प्रेम” किजिए,ये “प्रेम” अत्यंत शक्तिशाली कवच है... *“अतुल शर्मा”🖋️📝* ©Atul Sharma *📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“15/11/2021”*📝 ✨ *“सोमवार”*🌟 *#“जीवन”* *#“विजय”*
*📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“15/11/2021”*📝 ✨ *“सोमवार”*🌟 *#“जीवन”* *#“विजय”* #“प्रेम” #“सकारात्मकता” #“मार्ग” #“अच्छी #“शत्रु” #“पराजय” #“शक्तिशाली” #“भीतर
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*✍🏻“सुविचार"*📝 🌫️*“27/7/2021”*🌫️ 🌧️ *“मंगलवार”*🌧️ “जीवन” में आप इस “धरती माता” को देख लिजिए, “धरती माता” “सूर्य का ताप” सहती है क्यो ? ताकि “धरती” पर जो “जल” है वो “वाष्प” बनकर ऊपर जाए और “मेघ” बने और “धरती” पर पुनः एकबार “वर्षा” करे, नया “जीवनदान” दे वहीं बात की जाए “पतझड़” की, “पतझड़” की “ऋतु” में सारे “पत्ते” झड़ जाते है तत्पश्चात उस “पेड़” पर होता है “नवनिर्माण” अर्थात नये पत्ते आते है,वो “वृक्ष” पुनः “खिल उठता” है, ऐसे ही आपके जीवन में “संकट”,“कठिनाइयां”,“समस्याएं” ये तो आती ही रहेगी आपको इससे “भयभीत” नहीं होना है, पीछे नहीं “हटना” है,“निराश” नहीं होना है अपितु डटकर “साहस के साथ” उसका “सामना” करना है, आप निश्चय ही “विजय” हो पाएंगे और अपने “लक्ष्य” को “प्रसन्नता के साथ” प्राप्त कर पाएंगे... *“अतुल शर्मा 🖋️📝* *✍🏻“सुविचार"*📝 🌫️*“27/7/2021”*🌫️ 🌧️ *“मंगलवार”*🌧️ #“धरती माता” #“सूर्य का ताप”
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“14/7/2021”*📚 ✨*“बुधवार”*🌟 “जीवन” में आप के सबसे बड़े “शत्रु” आपकी “कामनाएं”, आपका “अहंकार” है जो आप ही को “नष्ट” करते है, यदि इन पर आपने “विजय” प्राप्त कर ली तो समझ लीजिए इस “संसार” में हर किसी पर “विजय” प्राप्त कर सकते है, इस “संसार” में कोई भी आपको “परास्त” नहीं कर सकता, किंतु इसके लिए आवश्यकता है “भाव” की, भाव “प्रेम” का और भाव “प्रेरणा” का... जो “व्यक्ति” “प्रेम” कर सके और “प्रेरणा” दे सके, वो सदैव “विजय का पात्र” बनता है, अपने पास “प्रेम” का एक “शस्त्र” रखिए और “प्रेरणा” की एक “ढाल” रखिए “जीवन” में कोई भी आपको “परास्त” नहीं कर सकता... *“अतुल शर्मा 🖋️📝* ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“14/7/2021”*📚 ✨ *“बुधवार”*🌟 #“जीवन” #“कामनाएं”,
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*✍🏻“सुविचार"*📝 ✨*“11/6/2021”*⭐ 🌳 *“शुक्रवार”*🌴 ऐसा कौनसा “दिन” है जिसकी “रात” नहीं होती ? ऐसी कौन सी “नदी” है जो नहीं “सूखती” ? ऐसा कौनसा “वृक्ष” है जिसके “पत्ते” नहीं “झड़ते” ? किंतु यदि “सूर्य” हार मान ले तो “रात्री” के पश्चात वो “प्रकाश” दे ही नहीं पाएगा, यदि “नदी” हार मान ले तो वह पुनः “वर्षा” कराने में “सहायता” नहीं कर पाएगी, अगर यह सब “हार” मान ले तो “धरा प्यासी” रह जाती है “प्रकृति” हमें यही सिखाती है “हार”, “पराजय”, “असफलता” यह हमारे जीवन में आएंगे ही आएंगे, और हमें “सिखाने” के लिए आएंगे हमारे “हित” के लिए आएंगे तो अपना “दृष्टिकोण” भी वैसा ही रखिए, तो “सकारात्मक दृष्टिकोण” से इसे देखें अपनी “हार” से,“पराजय” से सीखें और “जीवन” में आगे बढ़े, “विजय” भी निश्चित रूप से आपकी होगी... *“अतुल शर्मा”🖋️🌳* ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 ✨*“11/6/2021”*⭐ 🌳 *“शुक्रवार”*🌴 #“सूर्य” #“रात्री”
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*✍🏻“सुविचार"*📝 🌱*“6/6/2021”*🌻 🌳*“रविवार”*🌴 देखिए “सूर्यमुखी”🌻 का “पुष्प” रात भर “अंधकार” से लड़ता है, क्योंकि उसे विश्वास है कि प्रातकाल “सूर्य” उसे अवश्य “दर्शन” देगा, यह “विश्वास” ही था कि एक छोटी सी “नाव” लेकर एक “मनु” (हजरत नूह) निकला, और समस्त “सृष्टि” को इस “प्रलय” से बचा लिया, यह “विश्वास” ही था “प्रेम” पर जो “वानरों” और “भालूओं” की सेना लेकर “श्रीराम” ने “आक्रमण” किया समस्त “वरदानधारी असुरों” और “राक्षसों” की सेना पर और “विजय” भी प्राप्त की, यह “विश्वास” ही “विश्व की आस” है, “विश्वास” कीजिए कि आप “श्रेष्ठ” है और आप सिर्फ “कर्म” करते जाइए, इस “विश्वास की आस” ही आपको “बल” प्रदान करेगी, यह मेरा भी “विश्वास” है *“अतुल शर्मा”🖋️🌳* ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🌱 *“6/6/2021”*🪴 🌳 *“रविवार”*🌴 #“सूर्यमुखी”🌻 #“अंधकार”
*✍🏻“सुविचार"*📝 🌱 *“6/6/2021”*🪴 🌳 *“रविवार”*🌴 #“सूर्यमुखी”🌻 #“अंधकार” #“प्रेम” #“विश्वास” #“बल” #“विजय” #“सूर्य”
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*✍🏻“सुविचार"*📝 🌟*“9/4/2021”*🌟 🖋️ *“शुक्रवार”*✨🖊️ इस “जीवन” में यदि “सूर्य” “हार” मान ले तो “रात्रि” के पश्चात वो “प्रकाश” दे ही नहीं पाएगा, यदि “नदी” हार मान ले तो वो पुनः “वर्षा” करवाने में “सहायता” कर ही नहीं पाएगी, “प्रकृति” हमें यही सीखाती है “हार”,“पराजय” ये हमारे जीवन में आएंगे ही आएंगे और हमें “सीखाने” के लिए आएंगे हमारे “हित” के लिए आएंगे तो अपना “दृष्टिकोण” भी वैसा ही रखिए तो “सकारात्मक” से इसे देखिए,अपनी “हार” से, अपनी “पराजय” से “सीखें” और “आगे” बढ़े, “विजय” निश्चित रूप से आपकी होगी, और होगी तो “प्रसन्नता” और “आनंद” से भर जाएगा, ✨ *अतुल शर्मा🖋️📝📙* *✍🏻“सुविचार"*📝 🌟*“9/4/2021”*🌟 🖋️ *“शुक्रवार”*✨🖊️ #“जीवन” #“सूर्य”
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*📝“सुविचार"*📝 🖊️*“8/3/2021”*🖋️ 📘✨ *“सोमवार ”*✨📙 “भय” एक “प्रकिया” है जबकि “साहस” एक “निश्चय” है “जीवन” में “संकट” जब आता है तो सर्वप्रथम हमारा “द्वन्द्व” होता है इस “मन” को “सहासी” आप बना दो तो इसमें “भय” कभी नहीं आएगा और उस “संकट” का “सामना” करना “सरल” होगा,, “विजय” प्राप्त करना “सरल” होगा, इसलिए निश्चित रूप से “सहास” अधिक श्रेष्ठ है “जीवन” में जब भी कोई “संकट” आए तो “साहस” के साथ उसका “सामना” किजिए आप “सफल” अवश्य होंगे... ✨ *अतुल शर्मा🖋️📝📙* *📝“सुविचार"*📝 🖊️*“8/3/2021”*🖋️ 📘✨ *“सोमवार ”*✨📙 #“भय” # “प्रकिया”