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Best कविता_संगम Shayari, Status, Quotes, Stories

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सूर्यप्रताप स्वतंत्र

White 

पूरा ईकोसिस्टम देखो, ताज लगा पहनाने में।

हाथ नहीं उपलब्धि कोई भी, दादी जी का पोता है।।

©सूर्यप्रताप स्वतंत्र #Animals 
#कविता_संगम

सूर्यप्रताप स्वतंत्र

White  tiप्रेम क्या? तुम जान पाते।
तो हमेशा मुस्कुराते।

फिर को'ई चाहत न रहती।
जो गले, हमको लगाते।

हो गए क्यों दूर हमसे।
क्या हुआ ये तो बताते।

कुछ समझते तुम हमें भी।
और कुछ अपनी सुनाते।

तुम हमेशा याद रखते।
इस तरह दुनिया घुमाते।

रेगज़ारो में तुम्हें हम।
खोदकर पानी पिलाते।

तुम जहाँ से भी गुज़रते।
फ़ूल राहों में बिछाते।

हम वहीं रहते खड़े और'
धूप में खुद को सुखाते।

प्रेम कर सकते कहाँ तक।
हम तुम्हें करके दिखाते।

क्या नहीं करते भला हम।
तुम अगर जो मान जाते।

यार जब भी भूख लगती।
हाथ से खाना खिलाते।

तुम अगर हमसे कभी भी।
रूठ जाते तो मनाते।

शौक़ पूरे करने' ख़ातिर।
उम्र भर पैसा कमाते।

रोज़ तुमसे बात करके।
ख़्वाब में तुमको बुलाते।

छोड़कर जाते नहीं तो।
हम तुम्हें अपना बनाते।

और क्या करते बताओ।
और कैसे हम निभाते।

प्रेम क्या? तुम जान पाते।
जब गले हमको लगाते।

©सूर्यप्रताप स्वतंत्र #love_shayari 
#कविता_संगम

Bharat Bhushan pathak

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देखो ये ठंड प्रचंड,
 मुफ़लिसी में दी दंड,
नहाने को मन करे,
भोले धूप तो लाइए।

दुनिया ये अहंवादी,
घटी हितैषी आबादी,
पापियों का बोझ बढ़ा,
इनको हटाइए।

नेम ब्लेम फेम गेम,
खेल रहे सभी चेम,
विलुप्त करुणा हुई,
फँस मत जाइए।

मनुजता की पुकार,
चहुँओर हाहाकार,
बढ़ी है निरंकुशता,
प्रीत तो जगाइए।

©Bharat Bhushan pathak  hindi poetry poetry in hindi poetry quotes hindi poetry on life
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सूर्यप्रताप स्वतंत्र

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तुम्हारी टीम हीरा है, तुम्हारी टीम मोती है।
वहाँ भी जीत लेते तुम, जहाँ पर हार होती है।

©सूर्यप्रताप स्वतंत्र #कविता_संगम Dheeraj Srivastava  kavita ranjan  दिनेश कुशभुवनपुरी  करन सिंह परिहार  सुनील 'विचित्र'

सूर्यप्रताप स्वतंत्र

White जिस उपवन में सुबह सवेरे, सिर्फ उड़ा करती थी धूल

तुम्हें देखकर सब खिल जाते, बाग बगीचे कलियाँ फूल।

©सूर्यप्रताप स्वतंत्र #love_shayari 
#कविता_संगम

सूर्यप्रताप स्वतंत्र

#GoodMorning kavita ranjan Naveen Vishwakarma करन सिंह परिहार #कविता_संगम

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White कभी न बुझती अगन मुफ़्त की।
लग जाती जब लगन मुफ़्त की।

©सूर्यप्रताप स्वतंत्र
  #GoodMorning 
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#कविता_संगम

सूर्यप्रताप स्वतंत्र

White सब बच्चों को दीजिए, शिक्षा मुफ़्त समान।
बंद करो बाजार के, शिक्षक और दुकान।

©सूर्यप्रताप स्वतंत्र #teachers_day 
#कविता_संगम

सूर्यप्रताप स्वतंत्र

White नींद में तुमको चुनेंगें,

ख़्वाव में तुमको बुनेंगें।

तुम हो' मेरे दिल की' धड़कन।

रात भर तुमको सुनेंगें।

©सूर्यप्रताप स्वतंत्र #sad_shayari 
#कविता_संगम

सूर्यप्रताप स्वतंत्र

इतने नक़ाब ओढ़ कर, बैठा है आदमी।
किस को कहूँ कि यार ये, अच्छा है आदमी।

©सूर्यप्रताप स्वतंत्र #mask 
#कविता_संगम

सूर्यप्रताप स्वतंत्र

White किसी बुर्क़े के अंदर से, अगर सिंदूर निकलेगा।

मुझे हैरत नहीं होगी, हिजाबी नूर निकलेगा।


तबाही का ही जो वीणा, उठा रक्खा हो दुनिया में।

हमेशा ही कोई मोमिन, यहाँ तैमूर निकलेगा।

©सूर्यप्रताप स्वतंत्र #Sad_shayri 
#कविता_संगम
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