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Ritesh Mishra
मंजिल की लड़ाई तो है ही नही; वो रास्ते की लड़ाई किये जा रहे हैं, सभी की है मंजिल तो एक ही मगर; ये गूगल को पढ़ पढ़ लड़े जा रहे हैं ... #धर्म #ईश #ऋतेश_मिश्र ©Ritesh Mishra #Light
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read moreRajesh Singh Rajput
तुम पर इश्क़ लिखा पाना कहा मुमकिन है... इतने खूबसूरत तो लब्ज भी नहीं मेरे..!! kize basu ©Rajesh Singh Rajput #ईश #InternationalMensDay2020
shweta Agarwal (sunshine)
मै खुदा की नहीं अपने ख्वाब की इबादत करती हूं, मायूस चेहरों पर मुस्कान ले आए उसे सजदा करती हूं, मै झुकती हूं राम के आगे तो अल्लाह जीसस को भी मानती हूं, निभाती हूं अपने धर्म को पर इंसानियत को भी न भूलती हूं, लोग चूमते है चरण उसके जिसने इस सृष्टि को बनाया है, मानते है उसे अपना सब कुछ जिसने चांद सितारों को बनाया है, मानती हूं मैं भी उस शक्ति को पर चूमती हूं मैं चरण उस मातृ ए वतन के जिसने मुझे बनाया है sunshine #वतन_ए_हिंद #वतनकीमिट्टी #इबादत✍ #ख्वाब #ईश #अल्लाह #राम
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read moreRAKESH NAYAK
It's your love that, प्यार तो बहोत छोटा शब्द है पर ईश शब्द को जिवन के साथ लेकर चलना बहोत बड़ा कष्ट है जिन्होंने लेकर चला साथ ईश प्यार जैसे छोटे से शब्द को उन्हें जिवन में साथ चलता देखा संसार ने और जिन्होंने ईश प्यार के छोटे से शब्द को कहीं छोड़ दिया पीछे उन्हें कभी देखा था बंद कमरों के दिवारों ने संसार में #Nojotohindi #NojotoQuotes #Love " प्यार " शब्दों में छोटा है पर जिवन में सबकुछ
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read moreरजनीश "स्वच्छंद"
एक राह पे चलते हैं।। एक चश्मा आज बदलते हैं, चलो एक राह पे चलते हैं। नक़ाब उतार अब मज़हब का, चलो साथ मे उगते ढलते हैं। इस ज़मीं का मज़हब तुम बोलो, क्या धर्म गगन का तुम बोलो। इंसानों को इंसां ने बांटा है, कभी किया गणित क्या घाटा है। तुम कल को लड़े थे आज लड़े, गुम्बद तो कभी लिये ताज लड़े। गीता कुरान या मंत्र कहो, अलगाव छुपा किस तंत्र कहो। बहुत कहा है बहुत सुना है, राह कहो क्या तुमने चुना है। हुआ जश्न कहो क्यूँ लाशों पे, तलवारें चलतीं अहसासों पे। तेरा हुक़ूक़ अधिकार तेरा, क्या जीने का है सार तेरा। पैगम्बर ईश गुरु कह लो, एक सोच नई भी शुरू कर लो। जो बहा लहू था अपनों का, था अंत हमारे सपनों का। साकार कहाँ कभी स्वप्न हुआ, करनी भी कर्म में दफ़्न हुआ। खंज़र किसका ये धड़ किसका, जलता है जो ये घर किसका। बारूद कहीं कहीं बम भी चले, तुम भी जले कभी हम भी जले। अब चलो तिरंगा ले के चलें, यमुना और गंगा ले के चलें। जो शीश कटा था सरहद पर, जो झंडा गड़ा था पर्वत पर। वो सरहद अपनी पर्वत अपना, न हुआ तिरंगा नत अपना। एक नई कहानी चलो गढ़ें, रंगों के भाव चलो पढ़ें। केशरिया वीर तुम ही तुम हो, हरा श्वेत धीर तुम ही तुम हो। युग-भाल चमकता चन्दन हो, नव-सृजित तुम एक स्पंदन हो। एक घोर गर्जना आज करो, तुम ईश अर्चना आज करो। वसुधा ये कटुम्ब हमारा है, ये ईद और कुंभ हमारा है। चलो हाथ लिए अब बढ़ें तिरंगा, चलो साथ लिए सब बढ़ें तिरंगा। मातृ वचन हमको है निभाना, राष्ट्रगीत है मिलकर गाना। चलो मातृ गोद फिर पलते हैं, चलो एक राह पे चलते हैं। ©रजनीश "स्वछंद" एक राह पे चलते हैं।। एक चश्मा आज बदलते हैं, चलो एक राह पे चलते हैं। नक़ाब उतार अब मज़हब का, चलो साथ मे उगते ढलते हैं। इस ज़मीं का मज़हब तुम बोलो, क्या धर्म गगन का तुम बोलो।
Vikas Gupta
पता नहीं कहाँ चले जा रहे हैं ! ज़िन्दगी के ईश सफर में पता नहीं कहा चले जा रहे है अपना तो कोई है नहीं इसलिए ईश दिल को बेहला रहे है #lost #Alone #Boy #Sad #Shayri
रजनीश "स्वच्छंद"
कैसे वर मांगूं।। कैसे मैं दैविक वर मांगूं। कैसे कष्टों से उबर मांगूं। जीवन मांगूं की मृत्यु आस, एक पल मांगूं या उमर मांगूं। कब हुआ भक्त कब भक्ति की, पूजा तो रही आसक्ति की। किस मुख शब्द उच्चारुं मैं, किस भाव ईश पुकारूँ मैं। कालिख पूता जो मन मे था, कब धीर भाव आसन में था। कब श्लोक मन्त्र या स्तोत्र पढ़ा, बस स्वार्थ लोक का स्रोत गढ़ा। उनका वंदन अभिनन्दन क्या, भाल तिलक और चन्दन क्या। मूढ़ बना जो फिरता है, पल पल घुटनों पे गिरता है। ईश सुने उसकी पुकार क्यूँ, शब्दहीन उसकी हुंकार ज्यूँ। माथ पटकता भावहीन हो, मानो बिनजल वो मीन हो। तलवा जर्जर और घायल था, कब मन भक्ति का कायल था। तपाधीन उठ आये महेश भी, वर में भी छुपा रहा द्वेष ही। मंत्रोच्चारण सब जोग जाप, उपजे जब छाया संताप। लाभ हानी का मोल भाव था, पापोनमुलन का तो आभाव था। भजन रहा छन्दित और स्वरबद्ध, हुआ नहीं मैं और मेरा का वध। सारहीन हर एक प्रलाप था, वर में भी छुपा एक शाप था। ईश्वर क्या सुनता मेरी, सब मैं प्रारबधों से डर मांगूं। कैसे मैं दैविक वर मांगूं। कैसे कष्टों से उबर मांगूं। जीवन मांगूं की मृत्यु आस, एक पल मांगूं या उमर मांगूं। ©रजनीश "स्वछंद" कैसे वर मांगूं।। कैसे मैं दैविक वर मांगूं। कैसे कष्टों से उबर मांगूं। जीवन मांगूं की मृत्यु आस, एक पल मांगूं या उमर मांगूं। कब हुआ भक्त कब भक्ति की,
αηנαη ѕнαуαя
ईश कदर मेरा तुझे चहना, तुझे देख कर मेरा यू मस्कुराना, मेरा दिल तेरा प्यार ईश कादर है छाया, जब दिल टुटा तो खुद को खुदा का दर पर हैं पाया| "ιѕнqвααz ѕнαηυ" ईश कदर मेरा तुझे चहना "ιѕнqвααz ѕнαηυ"
ईश कदर मेरा तुझे चहना "ιѕнqвααz ѕнαηυ" #Shayari
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