Find the Best कटार Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about नैना घनश्याम कटीले है कटार, गैरत की कटार, कटार काळजात घुसली सॉन्ग, कटार काळजात घुसली, लबादा कटार,
GULSHAN BODHISATVA
इश्क़ का खुमार है, की चैन बेकरार है, जिगर पे बार कर गई, नजर है या कटार है...!! ©GULSHAN KUMAR #You&Me #इश्क़ #चैन #नजर #कटार #G_K❤️ sana naaz
vasundhara pandey
तू ताश खेल, सतरंज खेल, आ ज़िंदगी ही खेल ले... याद रखना इस बेगम के बिना तू बादशाह किसी काम का नहीं😉😘 तू हर पल मेरा है ये याद रख साहिब कलेजा तेरा कटार मेरी होगी.. कभी आखों की दिलकश अदा तो कातिल होठों पर हँसी होगी.. जो तेरी नज़र भटकी सज़ा मौन मिलेगी तू मेरा सिर्फ मेरा है मेरा हक और खुदा है मुझे रानी समझ कर रख तेरी बरकत में जां निसार कर दूंगी साहिब वार दी है जैसे हर सोच मैंने तुझपे
तू हर पल मेरा है ये याद रख साहिब कलेजा तेरा कटार मेरी होगी.. कभी आखों की दिलकश अदा तो कातिल होठों पर हँसी होगी.. जो तेरी नज़र भटकी सज़ा मौन मिलेगी तू मेरा सिर्फ मेरा है मेरा हक और खुदा है मुझे रानी समझ कर रख तेरी बरकत में जां निसार कर दूंगी साहिब वार दी है जैसे हर सोच मैंने तुझपे #शतरंज #बेगम
read moreNagvendra Sharma( Raghu)
कही सुनी बात थी.. कि वो नजरों में कटार लिऐ फिरती है, आज जब आफताब के दो टुकडे देखे, तो यकिन आया... कही सुनी बात थी.. कि वो #नजरों में #कटार लिऐ फिरती है, आज जब #आफताब के दो #टुकडे देखे, तो यकिन आया... #nagvendrasharma #yqhindi #yqdidi #yqquotes
bobb_11
#कटार #Love_a_mental_disease #Love_Aaj_Kal_Meme mohabbat❤ #MusicalMemories Anupriya Dhaniya Preeti Krishan Sharma Nitika Chauhan Anwesha Rath #कविता
read moreKamal Garg
नैन कटार ----------- किस के आने का इतंजार है हमे , आकांक्षा अनगिनत समेटे , झील सी गहरी ऑखे जागे , लेकिन सोई-सोई सी , कटार भरे दो नैन मगन है , समय की अफरा-तफरी मे , #KGF
read moreManoj Shukla
कराहती व चीखती सनी हुई यह रक्त से गली-गली, मनुज विवेक हीन, हिंस्र हो गया कठोर, जंगली ! कि ख़ून आँख में, कटार का कटार से जवाब है, कि बस, यहाँ स्वच्छंद मज़हबी गँवार ही नवाब है ! असभ्य मद-प्रमत्त डोलती हैं हिंसकों की टोलियाँ, सुलग रही असंख्य बेक़सूर व्यक्तियों की होलियाँ ! जलन के दर्द से कराहती औ’ काँपती वसुन्धरा कि आज एक बार फिर जगी चँगेज़ की परम्परl मनुष्य का कठोर रूप यह भयावना है किस क़दर, कि धर्म जाति गत प्रभाव का ज़हर उगल रहा ग़दर ! रुको प्रगति, विकास और राष्ट्रीयता के दुश्मनो ! गुलाम-वृत्ति अब नहीं, रुको स्वतंत्रता के दुश्मनो ! शिवा-प्रताप की परम्परा के पुत्रा तुम बदल गये, महानता के स्वप्न को लिए हुए कहाँ फिसल गये ? तुम्हीं वतन की शान-बान को गिरा रहे, मिटा रहे, कि हिन्द की उदार भावना स्वयं घटा रहे ! #NojotoQuote
Manoj Shukla
नगर-नगर व गाँव-गाँव में, दहक रही यह आग है, डगर-डगर व पाँव-पाँव पर, भभक रही यह आग है ! कि आसमान चीरती हुई, विनाश की हवा चली, हुआ अधीर, लाल-लाल बन जहान, सृष्टि सब जली, कराहती व चीखती सनी हुई यह रक्त से गली-गली, मनुज विवेक हीन, हिंस्र हो गया कठोर, जंगली !
नगर-नगर व गाँव-गाँव में, दहक रही यह आग है, डगर-डगर व पाँव-पाँव पर, भभक रही यह आग है ! कि आसमान चीरती हुई, विनाश की हवा चली, हुआ अधीर, लाल-लाल बन जहान, सृष्टि सब जली, कराहती व चीखती सनी हुई यह रक्त से गली-गली, मनुज विवेक हीन, हिंस्र हो गया कठोर, जंगली ! #nojotophoto
read moreKiran Bala
झाँसी की रानी थी एक नार अलबेली,चतुर सलोनी था नाम मनु पर सब कहते छ्बीली ढाल,तलवार, कटार संग वो खेली निडर, साहसी वीरांगना थी फुर्तीली आई झाँसी में बन वो दुल्हन नवेली थी खेली वक्त ने भी आँख- मिचौली हुई विधवा,रह गई निसंतान अकेली तब धूर्त डल्हौजी ने चाल एक खेली लैप्स की आड़ में, झाँसी थी ले ली दत्तक पुत्र को ले संग-साथ छबीली नाना ,ताँत्या, के संग बना के टोली बन रण-चण्डी, रक्त की खेली होली घबराए फिरंगी,फौज वापस थी ले ली थे धूर्त फिरंगी चाल फिर वापिस खेली घेरा रानी को तब जब वो थी अकेली कर वार पर वार बच निकली छबीली पर दुष्टों ने घोड़े की जान थी ले ली ले नया घोड़ा वो बढ़ चली अकेली था नाला सामने जिद घोड़े ने कर ली घिर चुकी थी अब वो मनु फुर्तीली हारी नहीं, अन्त तक लड़ी अलबेली घबराए ह्यूरोज ने कटार पीछे से फेंकी मरते हुए भी प्राण उसके वो ले गई है धन्य धरा आज भी तुमसे छबीली अमिट रहेगी,सदैव यश-गाथा तेरी थी एक नार अलबेली,चतुर सलोनी था नाम मनु पर सब कहते छ्बीली ढाल,तलवार, कटार संग वो खेली निडर, साहसी वीरांगना थी फुर्तीली आई झाँसी में बन वो दुल्हन नवेली थी खेली वक्त ने भी आँख- मिचौली हुई विधवा,रह गई निसंतान अकेली तब धूर्त डल्हौजी ने चाल एक खेली
थी एक नार अलबेली,चतुर सलोनी था नाम मनु पर सब कहते छ्बीली ढाल,तलवार, कटार संग वो खेली निडर, साहसी वीरांगना थी फुर्तीली आई झाँसी में बन वो दुल्हन नवेली थी खेली वक्त ने भी आँख- मिचौली हुई विधवा,रह गई निसंतान अकेली तब धूर्त डल्हौजी ने चाल एक खेली #HindiPoem #kavishala #nojotohindi #kalakaksh #hindinama #TST #kiranbala #Lakshmibai
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