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अदनासा-
पर्वतारोही सविता कंसवाल जी, जो पर्वत सी विराट है, प्रेरणाश्रोत है। ©अदनासा- #भारत #हिंदी #विरांगना #सविताकंसवाल #पर्वतारोहण #साहसी #सम्मानित #Instagram #Facebook #अदनासा
Yuva Shakti Sewa Sangathan
ये कार्यक्रम बहुत बड़े स्तर पर तो नहीं पर दिल से जरूर हो रहा है.. ज्यादातर संस्थाएं अपनी सुविधानुसार सामाजिक कार्यकर्ताओं को अपने कार्यक्रम स्थल पर बुलाकर सम्मानित करती आई हैं..जबकि कुछ मामलों में इन सामाजिक लोगों को उन्हीं की #कर्मस्थली पर जाकर सम्मानित करना चाहिए..ताकि सम्मानित व्यक्तित्व के इरादे को मजबूती के साथ ही साथ उन चेहरों पर भी मुस्कान आये जिनके लिए वो सामाजिक कार्यकर्ता काम करते हैं..बस इसी सोच को धरातल पर उतारते हुए कल युवा शक्ति सेवा संगठन परिवार ऐसे ही कुछ युवाओं का सम्मान उनकी ही
ये कार्यक्रम बहुत बड़े स्तर पर तो नहीं पर दिल से जरूर हो रहा है.. ज्यादातर संस्थाएं अपनी सुविधानुसार सामाजिक कार्यकर्ताओं को अपने कार्यक्रम स्थल पर बुलाकर सम्मानित करती आई हैं..जबकि कुछ मामलों में इन सामाजिक लोगों को उन्हीं की #कर्मस्थली पर जाकर सम्मानित करना चाहिए..ताकि सम्मानित व्यक्तित्व के इरादे को मजबूती के साथ ही साथ उन चेहरों पर भी मुस्कान आये जिनके लिए वो सामाजिक कार्यकर्ता काम करते हैं..बस इसी सोच को धरातल पर उतारते हुए कल युवा शक्ति सेवा संगठन परिवार ऐसे ही कुछ युवाओं का सम्मान उनकी ही #nojotophoto #ओपन_स्ट्रीट_एजुकेशन_क्लास
read moreVicky
बहुत लोग भारतरत्न पाकर सम्मानित हुए, पर भारतरत्न अगर सम्मानित हुआ तो, अटल जी को पाकर। अनंत कोटि नमन 🙏🙏🙏 #_Viku
भोजपुरिया राजा
जय हो बॉस ये है हमारे असली भोजपुरिया शेर भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के बेताज बादशाह जहां जाते है वहां तहलका मचा देते है कल बोल बम शो के दौरान झारखंड सरकार द्वारा इनको सम्मानित किया गया भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के कुछ लोग इनको बदनाम करने के लिए ठान लिए है उनका खुदा का तो कोई अस्तित्व है ही नहीं को आज इनके ही सहारे यहां पहुंचे है इनके वजह से ही आज इस इंडस्ट्री में है वो ही लोग आज इनको बदनाम करने का हर असंभव प्रयास कर रहे है उनकी खुद की कोई इज्जत है ही नहीं अब इनका मान मर्याद और इज्जत प्रतिष्ठा को
जय हो बॉस ये है हमारे असली भोजपुरिया शेर भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के बेताज बादशाह जहां जाते है वहां तहलका मचा देते है कल बोल बम शो के दौरान झारखंड सरकार द्वारा इनको सम्मानित किया गया भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के कुछ लोग इनको बदनाम करने के लिए ठान लिए है उनका खुदा का तो कोई अस्तित्व है ही नहीं को आज इनके ही सहारे यहां पहुंचे है इनके वजह से ही आज इस इंडस्ट्री में है वो ही लोग आज इनको बदनाम करने का हर असंभव प्रयास कर रहे है उनकी खुद की कोई इज्जत है ही नहीं अब इनका मान मर्याद और इज्जत प्रतिष्ठा को
read moreNojoto Hindi (नोजोटो हिंदी)
'कलम से' कड़ी के कलाकार हैं-रस्किन बॉन्ड #KalamSe #RuskinBond रस्किन बॉन्ड का जन्म 19 मई 1934 को हिमाचल प्रदेश के कसौली में हुआ था। 17 साल के उम्र में रस्किन बॉन्ड ने अपना पहला उपन्यास 'रूम आन द रूफ' लिखा, जिसके लिए उन्हें प्रतिष्ठित जॉन लेवेनिन राइस अवार्ड' भी दिया गया था। रस्किन की लिखी हुई कहानियों पर ढेर सारी फिल्में भी बनी हैं, जैसे 'फ्लाइट ऑफ पिजन्स' और 'एंग्री रिवर'। इंडियन फिल्म इंडस्ट्री भी इनकी कहानियों से अछूती नहीं रही और निर्देशक और निर्माता विशाल भारद्वाज ने उनकी लिखी किताब '
'कलम से' कड़ी के कलाकार हैं-रस्किन बॉन्ड #Kalamse #RuskinBond रस्किन बॉन्ड का जन्म 19 मई 1934 को हिमाचल प्रदेश के कसौली में हुआ था। 17 साल के उम्र में रस्किन बॉन्ड ने अपना पहला उपन्यास 'रूम आन द रूफ' लिखा, जिसके लिए उन्हें प्रतिष्ठित जॉन लेवेनिन राइस अवार्ड' भी दिया गया था। रस्किन की लिखी हुई कहानियों पर ढेर सारी फिल्में भी बनी हैं, जैसे 'फ्लाइट ऑफ पिजन्स' और 'एंग्री रिवर'। इंडियन फिल्म इंडस्ट्री भी इनकी कहानियों से अछूती नहीं रही और निर्देशक और निर्माता विशाल भारद्वाज ने उनकी लिखी किताब '
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'कलम से' कड़ी के अगले कलमकार हैं- रस्किन बॉन्ड #KalamSe #RuskinBond रस्किन बॉन्ड का जन्म 19 मई 1934 को हिमाचल प्रदेश के कसौली में हुआ था। 17 साल के उम्र में रस्किन बॉन्ड ने अपना पहला उपन्यास 'रूम आन द रूफ' लिखा, जिसके लिए उन्हें प्रतिष्ठित जॉन लेवेनिन राइस अवार्ड' भी दिया गया था। रस्किन की लिखी हुई कहानियों पर ढेर सारी फिल्में भी बनी हैं, जैसे 'फ्लाइट ऑफ पिजन्स' और 'एंग्री रिवर'। इंडियन फिल्म इंडस्ट्री भी इनकी कहानियों से अछूती नहीं रही और निर्देशक और निर्माता विशाल भारद्वाज ने उनकी लिखी कित
'कलम से' कड़ी के अगले कलमकार हैं- रस्किन बॉन्ड #Kalamse #RuskinBond रस्किन बॉन्ड का जन्म 19 मई 1934 को हिमाचल प्रदेश के कसौली में हुआ था। 17 साल के उम्र में रस्किन बॉन्ड ने अपना पहला उपन्यास 'रूम आन द रूफ' लिखा, जिसके लिए उन्हें प्रतिष्ठित जॉन लेवेनिन राइस अवार्ड' भी दिया गया था। रस्किन की लिखी हुई कहानियों पर ढेर सारी फिल्में भी बनी हैं, जैसे 'फ्लाइट ऑफ पिजन्स' और 'एंग्री रिवर'। इंडियन फिल्म इंडस्ट्री भी इनकी कहानियों से अछूती नहीं रही और निर्देशक और निर्माता विशाल भारद्वाज ने उनकी लिखी कित
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क्यों हैं सचिन क्रिकेट के भगवान? जन्मदिन मुबारक़- सचिन रमेश तेंदुलकर (24 अप्रैल 1973)मुंबई, महाराष्ट्र में जन्मे, सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट के इतिहास में विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ों में गिना जाता है ।इन्हे क्रिकेट का भगवान् भी कहा जाता है। भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित होने वाले ये सर्वप्रथम खिलाड़ी और सबसे कम उम्र के व्यक्ति हैं।राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित एकमात्र क्रिकेट खिलाड़ी हैं। इन्हे सन् 2008 में वे पद्म विभूषण से भी पुरस्कृत किये जा चुके है। #H
क्यों हैं सचिन क्रिकेट के भगवान? जन्मदिन मुबारक़- सचिन रमेश तेंदुलकर (24 अप्रैल 1973)मुंबई, महाराष्ट्र में जन्मे, सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट के इतिहास में विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ों में गिना जाता है ।इन्हे क्रिकेट का भगवान् भी कहा जाता है। भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित होने वाले ये सर्वप्रथम खिलाड़ी और सबसे कम उम्र के व्यक्ति हैं।राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित एकमात्र क्रिकेट खिलाड़ी हैं। इन्हे सन् 2008 में वे पद्म विभूषण से भी पुरस्कृत किये जा चुके है। H #happybirthday #SachinTendulkar
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*मनोहर पर्रिकर*💐💐 *चार बार गोवा के मुख्यमंत्री रहे मनोहर पर्रिकर,2014-2017 तक देश के रक्षा मंत्री रहे थे* 2001 में पर्रिकर को आईआईटी बॉम्बे ने विशिष्ट एल्यूमिनी अवॉर्ड से सम्मानित किया था मनोहर पर्रिकर कोपैंक्रियाटिक कैंसर था पणजी. गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का रविवार कोनिधन हो गया। वे पहले आईआईटीयन थे जो किसी राज्य के मुख्यमंत्री बने। पर्रिकर की सादगी और साफगोई की विरोधी भी तारीफ करते थे। उन्हें मुख्यमंत्री रहने के दौरान भी स्कूटर पर गोवा की सड़कों पर देखा जाना आम था। साल 2001 में पर्रिकर को आईआईटी बॉम्बे ने विशिष्ट एल्यूमिनी अवॉर्ड से सम्मानित किया था। मनोहर गोपालकृष्ण पर्रिकर का जन्म गोवा के मापुसा में 13 दिसंबर 1955 को हुआ था। पर्रिकर स्कूली शिक्षा के दौरान ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए थे। वे आईआईटी से ग्रेजुएशन करने के बाद 26 साल की उम्र में मापुसा के संघ चालक बने। 1988 में भाजपा में शामिल हुए।इस दौरान वे राम जन्मभूमि आंदोलन का भी प्रमुख हिस्सा रहे। स्कूटर से जाते थे विधानसभा गोवा के मुख्यमंत्री होने के बावजूद पर्रिकर स्कूटर से विधानसभा जाया करते थे। रक्षामंत्री रहने के दौरान भी वे प्लेन में इकोनॉमी क्लॉस में ही सफर करते थे। पर्रिकर की छवि देश के बेदाग नेता वाली थी। किसी भी घोटाले में उनका नाम नहीं आया था। इसी छवि के चलते वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुड लिस्ट में शामिल थे। उनकी सादगी ऐसी थी कि वे बड़े-बड़े सम्मेलनों में हवाई चप्पल और हॉफ शर्ट में भी पहुंच जाते थे। 👍👍👍👍 #NojotoQuote SHAT SHAT NAMAN 👍👍👍
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बहुत लोग भारतरत्न पाकर सम्मानित हुए, पर भारतरत्न अगर सम्मानित हुआ तो, अटल जी को पाकर। अनंत कोटि नमन बहुत लोग भारतरत्न पाकर सम्मानित हुए, पर भारतरत्न अगर सम्मानित हुआ तो, अटल जी को पाकर। अनंत कोटि नमन...
बहुत लोग भारतरत्न पाकर सम्मानित हुए, पर भारतरत्न अगर सम्मानित हुआ तो, अटल जी को पाकर। अनंत कोटि नमन...
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