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Swati kashyap
तुम कहते रहोगे मैं कब तक सुनूंगी? तुम चाहते हो मैं कभी कुछ न कहूंगी?... न मेरे कोई विचार है न ही मेरी कोई सलाह सब गलत को सही होते बस देखती रहूंगी?.. मेरी ज़िंदगी के फ़ैसले ग़र तुम ही करोगे ना मानने की कोई गुंजाइश न रखोगे चुप रहूं कब तक? कब तक मैं घुटती रहूंगी?.. ©Swati kashyap #कब_तक
Amit Kumar Maurya
इन झूठी आवाजो को जो रोक के रखे है परो को। कोई कब तक सुने इन अधपके खयालो को जो बांध देते हैं पैरो को। आख़िर दिल ही तो है। #कबतकसहे #yqdidi #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #mait #134thquote #कब_तक
आख़िर दिल ही तो है। #कबतकसहे #yqdidi #Collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #Mait #134thquote #कब_तक
read moreAmit Maurya
इन झूठी आवाजो को जो रोक के रखे है परो को। कोई कब तक सुने इन अधपके खयालो को जो बांध देते हैं पैरो को। आख़िर दिल ही तो है। #कबतकसहे #yqdidi #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #mait #134thquote #कब_तक
आख़िर दिल ही तो है। #कबतकसहे #yqdidi #Collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #Mait #134thquote #कब_तक
read moreVidushi Sarita Gupta
अपनों की गलती छुपाने के लिए चुप रहोगे।। ©Vidushi Sarita Gupta #कब_तक
मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
शीर्षक-"संवेदना" पूछ रहा यह जीवन तुझसे तेरी कहां गई "संवेदना", "धरा" यहीं है ,लोग वही हैं देह वही है ,नेह नहीं है क्यूँ मीट रही है भावना ! दी "जिन्दगी" जिसने तुझको उसका ना परवाह किया, मंदिर-मंदिर घूम रहा तू "उसको" रोता छोड़ दिया क्या यही है तेरी आराधना! तुझे खिलाने की खातिर कई कई दिन जिसने उपवास किया, तू खोया है रंगीन नजारों में "उन्हें" घर में ही वनवास दिया क्या तुम्हीं थे उनकी कल्पना! फर्क नहीं पड़ता है तुझको जब "ममता" छुपकर रोती है, देख तेरी इस निष्ठुरता को कुदरत की आह निकलती है क्या होती नहीं तुझे वेदना! रिश्तों से "रस" सूख गया जीवन बन गई है "बेज़ान" सी, व्यर्थ हुये सब लहू के नाते जो लगती है अंजान सी क्या यही थी उनकी कामना! विस्मित हैं भगवान भी अब इंसान तेरी करतूत से, जन्म का मोल चुनेगा कैसे तुझ जैसे सपूत से क्या दुखती नहीं तेरी आत्मा! कहां गई संवेदना?? ** ©Ankur Mishra शीर्षक-"संवेदना" पूछ रहा यह जीवन तुझसे तेरी कहां गई "संवेदना", "धरा" यहीं है ,लोग वही हैं देह वही है ,नेह नहीं है क्यूँ मीट रही है भावना !
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
तेरी हरकतों में अब मेरे लिए भलाई नहीं है। कि तुझमें वफाई अब मेरे लिए नहीं है//१ कैसे संभालेगा तू खुद से,खुदी को तेरा दिल,शैदाई अब मेरे लिए नहीं है//२ , दिये इल्ज़ाम तूने मेरी सादा दिली पे हरदम तेरे दिल में नरमाई अब मेरे लिए नहीं है//,३ क्यों दूर करता है खुद से मुझे यूं कि जैसे तेरे दिल में शनासाई अब मेरे लिए नही है//४ क़ुसूर इसमें तुम्हारा नहीं कुछ,हकीकतन तेरी आँखों में रोशनाईं अब मेरे लिए नहीं है//५ अगर अलहदा तू रिश्ता करेगा। तो क्या तेरी,ये रुसवाई अब मेरे लिए नहीं है।।६ गोया तूने जब से,है फेरी निगाहे कि तेरी परछाई भी अब मेरे लिए नही है//७ बहुत आरजू है की तुझमें हो जाऊं,फना मैं करूँ क्या तुझ में गहराई अब मेरे लिए नहीं है//८ समझा गया बहुत नादान मुझको । मगर तुझ में ही दानाई अब मेरे लिए नहीं है//९ तूने जेरे चश्म देखा मुझको है,हरसूं, तेरे क़द में थी ऊँचाई अब मेरे लिए नहीं है//१० शमा अब कौन देगा पनाह मुझको। मगर तुझमें तवानाई अब मेरे लिए नही है//११ (तवानाई/बल,जोर,ताकत) शमीम अख्तर/शमाwrite ✍️ - ©IM binte hawwa shama write #korakagaz#merekhyaal#khat#कब_तक#shamawrites#nojoto#मेरी_कलम_से#दिल_की_बात ग़ज़ल तेरी हरकतों में अब मेरे लिए भलाई नहीं है,कि तुझमें वफाई अब मेरे लिए नहीं है//१ कैसे संभालेगा तू खुदसे,खुदी को तेरा दिल,शैदाई अब मेरे लिए नहीं है//२ (lover, आशिक) दिये इल्ज़ाम तूने मेरी सादा दिली पे हरदम,तेरे दिल में नरमाई अब मेरे लिए नहीं है//,३ (Softness)
#korakagaz#Merekhyaal#Khat#कब_तक#shamawritesnojoto#मेरी_कलम_से#दिल_की_बात ग़ज़ल तेरी हरकतों में अब मेरे लिए भलाई नहीं है,कि तुझमें वफाई अब मेरे लिए नहीं है//१ कैसे संभालेगा तू खुदसे,खुदी को तेरा दिल,शैदाई अब मेरे लिए नहीं है//२ (lover, आशिक) दिये इल्ज़ाम तूने मेरी सादा दिली पे हरदम,तेरे दिल में नरमाई अब मेरे लिए नहीं है//,३ (Softness)
read moreDevesh Dixit
कब तक कब तक होगा अत्याचार कब तक बहेंगी खून की नदियां प्रतिशोध की भयंकर ज्वाला में कब तक बीतेंगी सदियां भारत देश तो आजाद हो गया पर न आजाद हुई मन से कमियां बुराइयां अभी भी कायम हैं इसी में बितेंगी सदियां बहू बहनें भी सुरक्षित नहीं कब मुरझा जाएं ये कलियां दरिंदगी की सीमा नहीं दर्द में बितेंगी सदियां भयानक बड़ा ही मंजर है कर्म हैं निहायती घटिया मानसिक बीमारी से पीड़ित ये कर रहे बर्बाद अपनी सदियां ........................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #कब_तक #nojotohindi कब तक कब तक होगा अत्याचार कब तक बहेंगी खून की नदियां प्रतिशोध की भयंकर ज्वाला में कब तक बीतेंगी सदियां
#कब_तक #nojotohindi कब तक कब तक होगा अत्याचार कब तक बहेंगी खून की नदियां प्रतिशोध की भयंकर ज्वाला में कब तक बीतेंगी सदियां
read moreBIKASH SINGH
कब तक इन तन्हाइयों में तेरे नाम का सहारा करें, कब तक तेरी यादों से इस तरह गुजारा करें, कभी फुर्सत मिले, तो याद कर लिया करो , वरना कब है, कब नही अब क्या इन चन्द साँसो का भरोसा करें .... ©BIKASH SINGH #कब_तक....
Vijendra Gotshe
कब तक याद करू मैं उसको कब तक ©Vijendra Gotshe कब तक #AgustCreator #कब #तक #कब_तक #ownwords #vijendragotshe
कब तक #AgustCreator #कब #तक #कब_तक #ownwords #vijendragotshe #शायरी
read moreSonu Vishvakarma
हम अपनी आवाज दबाते रहेंगे। खुल कर बोलने का वक्त कब आएगा। ©Sonu Vishvakarma #कब_तक