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AK__Alfaaz..

#पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_में #क्या_थीं_वो..? क्या थीं वो, ​आग थीं, ​पानी थीं, ​आसमान थीं, #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqquotes #bestyqhindiquotes

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क्या थीं वो,
​आग थीं,
​पानी थीं,
​आसमान थीं,
​खूँटियों पर टँगी,
​तस्वीरों की मुस्कान थीं,
​
​​मिट्टी थीं,
​बिछौना थीं,
​संसार थीं,
​दरीचे से झाँकती,
​धूप का एहसास थीं,
​
​ #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_में

#क्या_थीं_वो..?

क्या थीं वो,
​आग थीं,
​पानी थीं,
​आसमान थीं,

AK__Alfaaz..

#पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_में क्योंकि आगे की पीढ़ियाँ माँगेंगी उस स्त्री से "रोने का हिसाब" #रोने_का_हिसाब आज महीना खत्म होने को था, ​सारे काम निपटाकर वो, #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqquotes #bestyqhindiquotes

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आज महीना खत्म होने को था,
​सारे काम निपटाकर वो,
​जेठ की दुपहरी मे,
​अपनी थकान और नींद को,
साड़ी के पल्लू मे पोंछकर,
​सबका हिसाब करने,
​साल का कैलेंडर लेकर बैठ गयी,
​अपनी पक्की सहेली आईने के पास,
​जो मौन थी,
​पर ​जो जानती थी,
उसके मन की सारी बात,
​एक ही घर मे रहते हुए,
​जिससे मिलने वो आयी थी,
महीने भर बाद,
​क्यों कि उससे मिलना,
​उसके रोज के कामों मे था,
​जो न आता बार-बार, #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_में

क्योंकि आगे की पीढ़ियाँ माँगेंगी उस स्त्री से "रोने का हिसाब"

#रोने_का_हिसाब

आज महीना खत्म होने को था,
​सारे काम निपटाकर वो,

AK__Alfaaz..

#पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_में #उधार_के_आँसू ​कल रात जाने कहाँ से, ​कुछ बादल आयें, ​जैसे चाँद के कटोरे मे, ​मोतियों की खीर लेकर, #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqquotes #bestyqhindiquotes

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​कल रात जाने कहाँ से,
​कुछ बादल आयें,
​जैसे चाँद के कटोरे मे,
​मोतियों की खीर लेकर,
​
​आधी रात को जब ,
​बंद दरीचों की बंदिशों को तोड़कर,
​कुछ बूँदें,
उसके चेहरे पर जा गिरीं,
​वो सहसा ही उठकर बैठ गयी,
​और...बूँदें चादरों की सिलवटों में गिरकर,
​कहीं खो गयीं,
​फिर से तलाशा उसने,
उनको बेतहाशा,
​पर वो मोती,
चादरों की लहरों में समा गयें, #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_में

#उधार_के_आँसू

​कल रात जाने कहाँ से,
​कुछ बादल आयें,
​जैसे चाँद के कटोरे मे,
​मोतियों की खीर लेकर,

AK__Alfaaz..

#पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_में #कल_रात_12_बजे... कल रात 12 बजे.. ​नींद के आगोश मे जाने से पहले, ​एकटक निहार रहा था मै, ​घड़ी के बढ़ते काँटों की, #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqquotes #bestyqhindiquotes

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कल रात 12 बजे..
​नींद के आगोश मे जाने से पहले,
​एकटक निहार रहा था मै,
​घड़ी के बढ़ते काँटों की,
​लय-ताल को सुनते,
​
​कि...सहसा ये आभास हुआ,
​कोई अजनबी,
​नाम पुकारते अहाते मे घुसा,
​चकित हो कर मैने भी एक प्रश्न किया,
​कौन है...?
​उत्तर फिर मुझे यह मिला,
​मै...,स्त्री,,,,!
​
​स्त्री... कौन,,,?
​अरे..स्त्रीईई,,,
​कौन स्त्री,,,?
​मै नही जानता कौन, #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_में

#कल_रात_12_बजे...

कल रात 12 बजे..
​नींद के आगोश मे जाने से पहले,
​एकटक निहार रहा था मै,
​घड़ी के बढ़ते काँटों की,

AK__Alfaaz..

#पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_में #मेरे_हिस्से_का_वक्त जैसे विरह की अग्नि से निकली, ​कोई चिंगारी जीवन में लगी, ​जैसे विश्वास के कुर्ते का, ​एक बटन टूट गया, #yqbaba #yqdidi #yqquotes #bestyqhindiquotes

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जैसे विरह की अग्नि से निकली,
​कोई चिंगारी जीवन में लगी,
​जैसे विश्वास के कुर्ते का,
​एक बटन टूट गया,
जैसे प्यासे पथिक के हाथों से,
उम्मीद की गागर दर्द की तपती रेत पर,
छूट कर गिर गयी,
​जैसे यादों के साहिल पर,
​गम की लहरों ने खुशियों के,
​पद् चाप मिटा दिये,
​जैसे दिल की दहलीज पर,
​दुःख ने सुख का चोला पहनकर,
​अपनी दस्तक दी,
​उलझे गीले बालों ने जैसे..खुद में,
​कई आशाओं को उलझा दिया,
और...
मेरे हिस्से का वक्त,
मेरे लिए भी कुछ ऐसे आ गया..।। #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_में

#मेरे_हिस्से_का_वक्त

जैसे विरह की अग्नि से निकली,
​कोई चिंगारी जीवन में लगी,
​जैसे विश्वास के कुर्ते का,
​एक बटन टूट गया,

AK__Alfaaz..

#पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_में #कलंक प्रेम की जुती हुयी मिट्टी की जमीन.. ​समर्पण की उर्वरता लिए हुए.. ​फिर भी इसके भाग्य का.. ​एक कोना ऊसर हो गया.. #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqquotes #bestyqhindiquotes

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प्रेम की जुती हुयी मिट्टी की जमीन..
​समर्पण की उर्वरता लिए हुए..
​फिर भी इसके भाग्य का..
​एक कोना ऊसर हो गया..
​
​एकदम से एक दरार पड़ गयी..
​प्रेम के माथे पर कलंक सा उभर आया..
​
​त्याग के बादलों ने नैनों के नीर से..
​प्रेम की जमीन को..
​बरसों बरस जी भरकर भिगोया..
​और...वो अरसे तक निश्छल भाव से..
​खुद में सब सोखती गयी..
​
​फिर जीवन के उस मरू धरातल पर..
​अहसासों,संवेदनाओं और दर्द की बाढ़ आ गयी..
​जिसमें प्रीत,विश्वास सब बहकर..
उससे ​कोसों दूर चले गए..
​ #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_में

#कलंक

प्रेम की जुती हुयी मिट्टी की जमीन..
​समर्पण की उर्वरता लिए हुए..
​फिर भी इसके भाग्य का..
​एक कोना ऊसर हो गया..


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