Nojoto: Largest Storytelling Platform

Best giridihincident Shayari, Status, Quotes, Stories

Find the Best giridihincident Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos aboutbest attitude shayri on friends for gir 0, nazran to gir gayi ki kariye, gir ke sambhalna shayari, gir gaya to kya hua, gir gaya meaning in hindi,

  • 1 Followers
  • 2 Stories

Bharat Bhushan pathak

आज बर्बरता की,नारी पर अत्याचार की एक तस्वीर समक्ष आई,उस पर कुछ भाव रखकर पुरुषार्थ को ललकारना चाहुँगा:- क्या मानव तू है मृतक हुआ,शेष नहीं तुझमें पुरुषार्थ। ओ माटी के पुतले सुन तू, सोचे क्यों तू केवल स्वार्थ।। लील रहा जब दानव बेटी, देखे भला क्यों मौन हुआ। अपना कोई पीड़ित ना था,अरे इस कारण गौण हुआ।। अजी वह बस संख्या में एक ,वहाँ पर तुम तो दर्जन थे। नहीं कम शक्ति अच्छाई में, माना अगर वो दुर्जन थे।। अगर साहस से बस हुँकारा,मुँह को कलेजे आ जाते।

read more
आज बर्बरता की,नारी पर अत्याचार की एक तस्वीर समक्ष आई,उस पर कुछ भाव रखकर पुरुषार्थ को ललकारना चाहुँगा:-
क्या मानव तू है मृतक हुआ,शेष नहीं तुझमें पुरुषार्थ।
ओ माटी के पुतले  सुन तू, सोचे क्यों तू केवल स्वार्थ।।
लील रहा जब दानव बेटी, देखे भला क्यों मौन हुआ।
 अपना कोई पीड़ित ना था,अरे इस कारण गौण हुआ।।
अजी वह बस संख्या में एक ,वहाँ पर तुम तो  दर्जन थे।
नहीं कम शक्ति अच्छाई में, माना अगर वो दुर्जन थे।।
अगर साहस से बस  हुँकारा,मुँह को कलेजे आ जाते।
भय तुम्हें न ही करना था,सुनो वो उलटे भय खाते।।

©Bharat Bhushan pathak आज बर्बरता की,नारी पर अत्याचार की एक तस्वीर समक्ष आई,उस पर कुछ भाव रखकर पुरुषार्थ को ललकारना चाहुँगा:-
क्या मानव तू है मृतक हुआ,शेष नहीं तुझमें पुरुषार्थ।
ओ माटी के पुतले  सुन तू, सोचे क्यों तू केवल स्वार्थ।।
लील रहा जब दानव बेटी, देखे भला क्यों मौन हुआ।
 अपना कोई पीड़ित ना था,अरे इस कारण गौण हुआ।।
अजी वह बस संख्या में एक ,वहाँ पर तुम तो  दर्जन थे।
नहीं कम शक्ति अच्छाई में, माना अगर वो दुर्जन थे।।
अगर साहस से बस  हुँकारा,मुँह को कलेजे आ जाते।

Bharat Bhushan pathak

आज बर्बरता की,नारी पर अत्याचार की एक तस्वीर समक्ष आई,उस पर कुछ भाव रखकर पुरुषार्थ को ललकारना चाहुँगा:- क्या मानव तू है मृतक हुआ,शेष नहीं तुझमें पुरुषार्थ। ओ माटी के पुतले सुन तू, सोचे क्यों तू केवल स्वार्थ।। लील रहा जब दानव बेटी, देखे भला क्यों मौन हुआ। अपना कोई पीड़ित ना था,अरे इस कारण गौण हुआ।। अजी वह बस संख्या में एक ,वहाँ पर तुम तो दर्जन थे। नहीं कम शक्ति अच्छाई में, माना अगर वो दुर्जन थे।। अगर साहस से बस हुँकारा,मुँह को कलेजे आ जाते।

read more
आज बर्बरता की,नारी पर अत्याचार की एक तस्वीर समक्ष आई,उस पर कुछ भाव रखकर पुरुषार्थ को ललकारना चाहुँगा:-
क्या मानव तू है मृतक हुआ,शेष नहीं तुझमें पुरुषार्थ।
ओ माटी के पुतले  सुन तू, सोचे क्यों तू केवल स्वार्थ।।
लील रहा जब दानव बेटी, देखे भला क्यों मौन हुआ।
 अपना कोई पीड़ित ना था,अरे इस कारण गौण हुआ।।
अजी वह बस संख्या में एक ,वहाँ पर तुम तो  दर्जन थे।
नहीं कम शक्ति अच्छाई में, माना अगर वो दुर्जन थे।।
अगर साहस से बस  हुँकारा,मुँह को कलेजे आ जाते।
भय तुम्हें न ही करना था,सुनो वो उलटे भय खाते।।

©Bharat Bhushan pathak आज बर्बरता की,नारी पर अत्याचार की एक तस्वीर समक्ष आई,उस पर कुछ भाव रखकर पुरुषार्थ को ललकारना चाहुँगा:-
क्या मानव तू है मृतक हुआ,शेष नहीं तुझमें पुरुषार्थ।
ओ माटी के पुतले  सुन तू, सोचे क्यों तू केवल स्वार्थ।।
लील रहा जब दानव बेटी, देखे भला क्यों मौन हुआ।
 अपना कोई पीड़ित ना था,अरे इस कारण गौण हुआ।।
अजी वह बस संख्या में एक ,वहाँ पर तुम तो  दर्जन थे।
नहीं कम शक्ति अच्छाई में, माना अगर वो दुर्जन थे।।
अगर साहस से बस  हुँकारा,मुँह को कलेजे आ जाते।


About Nojoto   |   Team Nojoto   |   Contact Us
Creator Monetization   |   Creator Academy   |  Get Famous & Awards   |   Leaderboard
Terms & Conditions  |  Privacy Policy   |  Purchase & Payment Policy   |  Guidelines   |  DMCA Policy   |  Directory   |  Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited

Follow us on social media:

For Best Experience, Download Nojoto

Home
Explore
Events
Notification
Profile