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Snehi Uks
#हरेक #जगह #बस #आडंबर #है #हमसे #ज्यादा #बफादार #तो #जानवर #है ©Snehi Uks #Anticorruption #Quote
Poonam Singh
मेरे हंसने की वजह न पूछो मेरे खिलने की वजह न पूछो। मैं उड़ जाती हूँ यू हीं परिंदों की तरह मेरे उड़ने की वजह न पूछो। मैंने अपने ही अनुभवों से सिखा है खिल जाने की कला। मैंने अपने ही अनुभवों से पाया है उड जाने की कला। मैं हरेक लम्हें को उतारना चाहती हूँ इस ब्रह्मांड में। मैं हरेक लम्हें को समेटे रखना चाहती हूँ इस ब्रह्मांड में। खुशी
खुशी
read moreDurgesh Mehta
Trust me तेरी हरेक जरूरत पर ... तेरी हरेक समस्या पर ... तेरे हरेक दर्द में ... तेरे मुझे दिए हर इल्ज़ाम पर ... और तेरे हरेक शक पर ... बस इक ही बात बोलीं है मैंने... कि ...... then kyo nhi kiya yrrr #trustme
विशाल पांढरे
मुकम्मल हो हरेक ख्वाहिश ये दुआ करेंगे मिले जो हरेक ज़ख्म, उस पर हम दवा करेंगे काफ़िर है सही हम यहां... सिर्फ तेरे वास्ते ही उस खुदा के दर पर... मन्नत ओ दुआ करेंगे सच्चे दिल से चाहेंगे... बरकत तेरी होती रहे उस की रहमत की तुम पर.. अर्जी में दुआ करेंगे विशाल पांढरे
Awadh Kishor Panda
#OpenPoetry मेरी चाहत काश पर होता मुझे भी मैं भी उड़ता नील गगन मे, हवा मे घूमता घटा को चुमता रहता यूहिं मगन मे | हो जाता मैं यहाँ का शहंशाह होते नौकर चाकर बंगला और बेगम, सारा जहाँ मेरे कदमो मे होता पर ना होता कोई गम | छू लेता मैं हरेक उंचाइयों को होके दुनिया से बेखबर , पा लेता मैं हरेक मंजिल किंतु पांव होते मेरे धरा पर | बस इतनी सी है चाहत मेरी हो मेरा हर ख्वाइश पुरा , हर सपना सच हो मेरा ना रहे कोई तमन्ना अधूरा | एक और कृपा करना मेरे खुदा , ना हौउँ कभी अपनो से जुदा | कभी ना भुलुं अपनी परछाई को , ना मैं तजुं माता पिता गुरू और सांई को | अवध किशोर पंडा
रजनीश "स्वच्छंद"
हर हार से हूं सीखता।। हर हार से हूं सीखता जो जीत की तलब रही। अधूरी हर कहानी का बस हार ही सबब रही।। लिए कलम हाथ मे मैं ज़िन्दगी हूँ लिख रहा, हरेक लब्ज़, हरेक छंद एक नया सबक रही।। इस ज़िन्दगी की धूंध में, आंख मल मैं ढूंढता, हर कदम में हर सफर में पाने की ललक रही। हर एक कंटीले राह पे पांव खाली चल पड़ा, मन्ज़िलों की आग जो सीने में थी धधक रही।। मैं हर शीला पे पांव का निशान हूँ बना रहा, हर कदम पे कंकडों की एक नई खनक रही।। हर अंधेरा छांट कर था मैं किरण को देखता, कहीं दूर फलक के द्वार पर सूर्य की चमक रही।। मैं मनुज हूँ, देव का अवतार कोई हूँ नहीं, आंसू भी देख दर्द को रक्तबूँद थी छलक रही।। रवानी नसों में डालकर, ध्येय की पुकार सुन, किसी ठौर की तलाश में है ज़िन्दगी भटक रही।। ©रजनीश "स्वछंद" हर हार से हूं सीखता।। हर हार से हूं सीखता जो जीत की तलब रही। अधूरी हर कहानी का बस हार ही सबब रही।। लिए कलम हाथ मे मैं ज़िन्दगी हूँ लिख रहा, हरेक लब्ज़, हरेक छंद एक नया सबक रही।।
हर हार से हूं सीखता।। हर हार से हूं सीखता जो जीत की तलब रही। अधूरी हर कहानी का बस हार ही सबब रही।। लिए कलम हाथ मे मैं ज़िन्दगी हूँ लिख रहा, हरेक लब्ज़, हरेक छंद एक नया सबक रही।। #Poetry #Quotes #Life #Success #kavita #hindikavita #hindipoetry
read moreDhruv Bali aka Darvesh Danish
-किसी हंसी के दिल की जगह पत्थर हो ये मुमकिन ही नहीं हाँ हरेक के ख्वाबों का राजकुमार अलग होता है लोग आँखों से दिल का अंदाज़ पता करते हैं जबकि चेहरे से दिल का हरेक तार अलग होता है हाँ हरेक के ख्वाबों का राजकुमार अलग होता है जरूरत ये भी नहीं वो सबसे हंसीं हो दुनियां में अपने हमनशी पे दिल का ऐतबार अलग होता है हाँ हरेक के ख्वाबों का राजकुमार अलग होता है हकीकत में कसमों वादों का सिलसिला है ये मुहब्बत पर चाहतों का पहला इकरार अलग होता है हाँ हरेक के ख्वाबों का राजकुमार अलग होता है जमीन आसमां की पनाहों मे नहीं इसको सुकून महबूब की बाहों का मगर हार अलग होता है हाँ हरेक के ख्वाबों का राजकुमार अलग होता है यूँ तो हैं हंसी लाखों जो नजरों से गुजर जाते हैं पर कुछ एक किरदारों का दीदार अलग होता है हाँ हरेक के ख्वाबों का राजकुमार अलग होता है हकीकत है
हकीकत है
read moreYogesh Sharma
हरेक दिन गाँउ सम्झन्छु ,हरेक रात देश सम्झन्छु अनि त्यही सम्झनामा मनमनै गुनगुनाऊछु ठाकुरका गान ठकुरीको धूनको साथ अनि एक चोटी मुस्कुराउछु सम्झेर देशको स्वभीमानी तिरङ्गा खेर छोड़ीदे जब ठकुरीको भाइलनको तार चुड़ीन्छ तब काट्टीएको गुड्डी जस्तै हुनेछ ठाकुरका गान पनि अनि गहिरो सम्झनामा रूनेछ तिरङ्गा देशलाई गाली गर्दै
✍️ रोहित
शहीदों के गुलामी छोड़ते, अरमान लिक्खूं मैं, कि भारत देश का प्राचीन, गौरव गान लिक्खूं मैं, ये मेरी लेखनी जब-जब, लिखे तो हे मेरे ईश्वर! हरेक दिल में, हरेक धड़कन में, हिन्दुस्तान लिक्खूं मैं।।
Dipin Tarbundiya
तेरी वफा भी बेवफा निकली तेरे खत से भी एक खता निकली शहर तो मेरा ही था पर वहाँ की हरेक गली तेरी निकली घर तो मेरा ही था पर वहाँ की हरेक दिवारे तेरी निकली #NojotoQuote तेरी वफा भी बेवफा निकली #wafa #gali #bewafa #khat #khata #ghar #shaher