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yogesh atmaram ambawale
ज़िन्दगी की राह में जो मंजिल चाहिए.. वो भी मिलनी तुम ही से हैं| #openforcollab #३६५दिवस३६५कोट #१९/३६५ #जिंदगी #yqbaba #yqdidi #collabwithme #YourQuoteAndMine
yogesh atmaram ambawale
माझे शब्द जेव्हा माझ्या कवितेला म्हणतात, "तू खूप सुंदर आहे". क्षणाचाही विलंब न करता कविता म्हणते, "माझ्या सुंदरतेला तुझाच आधार आहे". नमस्कार मित्रानों💕 सुप्रभात. आजचा विषय आहे तू खुप सुंदर आहेस... चला तर मग सुंदर दिवसाची सुरुवात सुंदर सुंदर रचना नी करा. लिहीत राहा आणि मजेत राहा. #तूसुंदर टँग करायला विसरु नका. #collab #yqtaai
नमस्कार मित्रानों💕 सुप्रभात. आजचा विषय आहे तू खुप सुंदर आहेस... चला तर मग सुंदर दिवसाची सुरुवात सुंदर सुंदर रचना नी करा. लिहीत राहा आणि मजेत राहा. #तूसुंदर टँग करायला विसरु नका. #Collab #yqtaai #YourQuoteAndMine #१९
read moreyogesh atmaram ambawale
तू खूप सुंदर आहे... माझ्या लेखणीशी माझा हा संवाद आहे. माझ्या मनातील भाव कागदावर उतरवायला, माझी ही लेखणी सक्षम आहे. नमस्कार मित्रानों💕 सुप्रभात. आजचा विषय आहे तू खुप सुंदर आहेस... चला तर मग सुंदर दिवसाची सुरुवात सुंदर सुंदर रचना नी करा. लिहीत राहा आणि मजेत राहा. #तूसुंदर टँग करायला विसरु नका. #collab #yqtaai
नमस्कार मित्रानों💕 सुप्रभात. आजचा विषय आहे तू खुप सुंदर आहेस... चला तर मग सुंदर दिवसाची सुरुवात सुंदर सुंदर रचना नी करा. लिहीत राहा आणि मजेत राहा. #तूसुंदर टँग करायला विसरु नका. #Collab #yqtaai #YourQuoteAndMine #१९
read moreDeepali Mestry
आभाळ भरून आले की तू आल्याचा भास होतो आयुष्य आता असेच सरले तुझी स्वप्ने हाच श्वास होतो शब्दवेडी #१९/३६५
#१९/३६५
read moreDeepali Mestry
गुजर जाती है यादें जब दिल की मोड से रास्ते सारे खो जाते है #१९/३६५ रस्ते सारे खो जाते हैं, चलते-चलते सभी मुसाफ़िर सो जाते हैं... #रस्तेखोजातेहैं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
#१९/३६५ रस्ते सारे खो जाते हैं, चलते-चलते सभी मुसाफ़िर सो जाते हैं... #रस्तेखोजातेहैं #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
read moreAnjali Jain
परछाई भी साथ नहीं, पीछे चलती है अकेले ही बढ़ते रहना, ये प्रकृति कहती है!! ©अंजलि जैन #अकेले ही...!#१९.१०.२०
Anjali Jain
यह संसार बुराई को शीघ्र हज़म कर लेता है बनिस्पत अच्छाई के, तभी तो किसी की बुराई सुनकर तत्काल विश्वास कर लेता है पर अच्छाई या प्रशंसा सुनकर उसका दिल ही नहीं मानता!! ©अंजलि जैन #यह संसार...#१९.१०.२० #Drops
Anjali Jain
वर्तमान सरकार देश हित में इतने बड़े बड़े और साहसी फैसले कर रही है पर अपनी रोटी छिनती देख जिस तरह जनता को गुमराह किया जाता है भड़काया जाता है उनका इलाज कैसे हो?इन बातों को जनता को ही समझना होगा। इसलिए पहले हर व्यक्ति को अपनी संकुचित सोच को छोड़ना होगा।उसे समझना होगा कि जनता का शासन होने का मतलब हर उचित अनुचित इच्छा का पूरा होना नहीं है।पहले देश की सुरक्षा, देश का हित ,उसी में व्यक्ति का हित समाहित है। वैसे ही जैसे परिवार के हित में ही व्यक्ति का हित समाहित होता है।देश भी हमारा, इस प्रजातंत्र का विशाल परिवार है उससे अलग किसी भी व्यक्ति, जाति, वर्ग और धर्म का हित कैसे हो सकता है? जिस दिन ये बात हर नागरिक समझ जाएगा, उस दिन से इस प्रजातंत्र की खुशियोंऔर सुरक्षा को कोई सेंध नहीं लगा पायेगा। जय भारत!जय हिंद!वन्दे मातरम! #प्रजातंत्र#१९.०९.२० #RaysOfHope
#प्रजातंत्र#१९.०९.२० #RaysOfHope
read moreAnjali Jain
और प्रजातंत्र पर कुठाराघात करती है।पेट्रोल और प्याज के भाव बढ़ जाएं तो कोहराम मचा देती है ये तो बहुत छोटी बातें हैं बाकी बातों से आप सब वाक़िफ़ हैं।दलगत ,जातिगत राजनीति करने वाले दल और नेता हर छोटे-छोटे मुद्दों पर, काल्पनिक समस्याएं खड़ी कर के जनता को भड़काते हैं और नासमझ जनता, नासमझ तो नहीं है अपना मतलब खूब समझती है, पर उसी हित की पूर्ति चाहती है जो सीधे-सीधे उससे जुड़ा है और दिखता है ।बड़ा हित, समाज हित और देश हित को भूल जाती हैऔर उनके लिए लड़ाई झगड़ा, दंगा-फसाद तक करने पर उतारू हो जाती है कई तो करवाये भी जाते हैं। ....और इस तरह बात-बात पर प्रजा का हित कर सकने वाला प्रजातंत्र ही लहु लुहान होता रहता है। प्रजातंत्र को ही मिटा देंगे, देश को ही नुकसान पहुचायेंगे तो हम खुद कहाँ बचेंगे?आज का जो वातावरण है जिस तरह बिना बात मुद्दे बना बना कर देश का वातावरण दूषित किया जाता है उसमें प्रजातंत्र का क्या हाल होता है आँखों के समक्ष है। #प्रजातंत्र#१९.०९.२० #RaysOfHope
#प्रजातंत्र#१९.०९.२० #RaysOfHope
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जैसे जातिगत राजनीति, ये सबसे बड़ा और गहरा ज़ख्म है भारत के प्रजातंत्र का।मुझे पहले तो पता नहीं था पर जैसे ही मैं शिक्षिका नियुक्त हुई और स्कूल में हाजिरी रजिस्टर में बच्चों का जाति अनुसार वर्गीकरण देखा तो बहुत ही आश्चर्य और दुःख हुआ।जातियाँ होती है पर स्कूल में जाति अनुसार बच्चों का फर्क क्यों? बच्चों से पूछना पड़ता था और आज भी पूछना पड़ता है बेटा, तुम किस जाति में आते हो,- जब समझ नहीं आता- कितने दुःख और आश्चर्य की बात है कि जब सरकार ही बचपन से, बच्चों का परिचय अपनी जाति से कराने पर आमादा है तो जनता का क्या कुसूर? जातिगत आरक्षण और छात्रवृत्तियां प्रारम्भ से ही फ़र्क करना शुरू कर देती है और जनता को उसी मानसिकता का प्रशिक्षण दे देती है यही बच्चे बडे होकर उतना ही सोच पाते हैं और उस दायरे से बाहर नहीं निकल पाते। ....और हमारे प्रजातंत्र में इसी आधार पर चुने हुए प्रतिनिधि हर बात को जाति, धर्म और समाज से जोड़कर राजनीति करते रहते हैं और जनता जो अशिक्षित है बौद्धिक स्तर पर इतना सोचती विचारती नहीं है अपने संकुचित स्वार्थों के बारे में सोचकर, समाज हित और देश हित को बिसरा देती है। #प्रजातंत्र#१९.०९.२० #RaysOfHope
#प्रजातंत्र#१९.०९.२० #RaysOfHope
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