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R S
बटोर कर मेरी उम्रों की नेकियां , वो कुफ्र कमा रहा होगा मुझसे सीख के निभाना , अब वो किसी और से निभा रहा होगा । ©R S #rosepetal #फील
Vijay Rajbhar
कभी मौका मिले तो सोचना जरूर इतना लापरवाह सख्श तुम्हारी इतनी परवाह क्यू करता है।। ©gulzaar ki sayari #फील #लव❤ #Goodevening
#फील लव❤ #Goodevening
read moreIts RK
बहोत care करता था मैं उसकी, लेकिन वो इस care को मेरी कमजोरी समझ बैठी....🥲🥲 ©Its RK world कभी किसी के दिल से मत खेलना... #Heart #फील #फीलिंग्स #feelings
💕गाम आळे 💕
एक बेरोजगार आशिक बोहोत रूवावे है परिवार अर प्यार 😑💔 #नोटोजो #देशी #फील #लाइव #प्रेमियों
#नोटोजो #देशी #फील #लाइव #प्रेमियों
read morechanged choubey
बदलते देर नही लगती बक्त को हर लम्हे भुला दिए जाते है। कभी तड़पते थे उनके लिए वह बक्त भी अब याद आते है।। अश्को के सिवा कुछ न बचा कौंन बदला यह भी नही पता। मोह्हबत कम हुई क्या इजहार करने का तरीका बातें कम हुई या प्यार करने का सलीका।। #हिंदी #प्यार #फील #दिल #breakup की ओर
अद्वैतवेदान्तसमीक्षा
ब्रह्मचारिणी शब्द दो पदों से मिलके बना है ।ब्रह्म= बड़े लक्ष्य में ।चारिणी = तन्मय ।ऐसे ही एकाग्रता का भी यही अर्थ होता है जैसे एक= अर्थात एक अपने लक्ष्य ही को, अग्रता=माने अधिक अर्थात समस्त ब्रह्मांड से भी अधिक मूल्यवान फील करना।अर्थात माँता अपने (एक)परम लक्ष्य भगवान शिव में इतनी (अग्र)तन्मय हो गई की शरीर की आवश्यक चीजों जैसे भोजन फल पानी पत्ते हवा आदि ग्रहण के लिए भी शरीर को प्रेरित करने का ख्याल नही आया परंतु लगभग सभी साइट्स पर लिखा है की ब्रह्म=तप के आचरण के कारण ब्रह्मचारिणी नाम हुआ पर महाभारत में कहा है कि मन एवं इंद्रियों की एकाग्रता ही श्रेष्ठ तप है।"मनसश्चेंद्रियाणां ह्यैकाग्रयं परमं तपः" एक= अर्थात एक अपना लक्ष्य ही को, अग्रता=माने अधिक अर्थात समस्त ब्रह्मांड से भी अधिक मूल्यवान (अपना लक्ष्य )फील करना ही परं (श्रेष्ठ)तप है। माँ ब्रह्मचारिणी के नाम का रहस्य
माँ ब्रह्मचारिणी के नाम का रहस्य
read moreRameshwar Singh Nishad
*एक और हिस्सा है प्रेम जताने* सरल शब्दों में कहता हूँ, प्राउड वाले फील में कहता हूँ, हर-एक शब्द की पकड़ से कहता हूँ, विश्वास था उसे मुझे पर, तभी उसने बड़े प्यार से भाई कहा थाl तभी तो मुझे बड़ा वाला प्राउड फील होता हैl जब कोई लड़की मुझे राम भईया कहती हैl सरल शब्दों........ मैं भी उसका यकीन बन जाता हूँ, निषाद हूँ इसीलिए विश्वास करता हूँl तभी तो मुझे बड़ा वाला प्राउड फील होता है, जब कोई लड़की मुझे राम भईया कहती हैl सरल शब्दों मे........... ना भूल करता हूँ, ना ही भूल जाता हूँ, तुम्हारे विश्वास के लिए हर तरह यकीन करता हूँ, इसी लिए तुम्हें अपनी रचना समर्पित करता हूँl तभी तो मुझे बड़ा वाला प्राउड फील होता हैl जब कोई लड़की मुझे राम भईया कहती हैl सरल शब्दों....... तुम्हारा प्यारा-सा भाई *एक और हिस्सा है प्रेम जताने* सरल शब्दों में कहता हूँ, प्राउड वाले फील में कहता हूँ, हर-एक शब्द की पकड़ से कहता हूँ, विश्वास था उसे मुझे पर, तभी उसने बड़े प्यार से भाई कहा थाl तभी तो मुझे बड़ा वाला प्राउड फील होता हैl
*एक और हिस्सा है प्रेम जताने* सरल शब्दों में कहता हूँ, प्राउड वाले फील में कहता हूँ, हर-एक शब्द की पकड़ से कहता हूँ, विश्वास था उसे मुझे पर, तभी उसने बड़े प्यार से भाई कहा थाl तभी तो मुझे बड़ा वाला प्राउड फील होता हैl
read moreTrisha
उन्मुक्त इश्क़❤️ read the caption मैं तेनु समझावा कि न तेरे बिना लगदा जी, तू की जाने प्यार मेरा... मधुमिता यही गाना गुनगुना रही थी कि उसे "तू नज़्म नज़्म सा मेरे आँखों में ठहर जा मैं ख्वाब ख्वाब सा..." गाना सुनाई दिया। अरे मीता तुम.. तुम कब आयी? मधुमिता उसे गले लगाते हुए पूछा। "बस अभी अभी जब आप हमें याद करते हुए अपना फेवरेट गाना गा रही थीं... और बताओ क्या चल रहा है?" मीता मधु से अलग होते हुए बोली। "क्या बताऊँ यार थक गयी हूँ दुनिया को समझा समझा कर कि नहीं रहना है उनके अनुसार मेरी अपनी जीवनी है मेरी अपनी पसंद है।" मधु उदास होते हुए बोली। "मुझे पता है तुझे उस लड़के से शादी नहीं करनी। कोई और पसन्द है तो बोल मैं हेल्प करूंगी तेरी दुनिया को समझाने में।" मीता उसे समझाते हुए बोली। "यार कितना अजीब है न सब कुछ तू उस चीज़ के लिए दुनिया को समझाने चली है जो मुमकिन ही नहीं। तुझे क्या लगता है मेरा किसी लड़के पर क्रश है या किसी लड़के से प्यार है? नहीं डिअर मुझे तुमसे प्यार है। ये जो दिल धड़क रहा है सीने में उस में तुम्हारा नाम है। आज तक कभी तुमसे बोला नहीं या ये कहो बोलने की हिम्मत नहीं हुई क्योंकि तुम मेरी तरह नहीं हो। तुम नॉर्मल इंसान हो बाकियों की तरह। और शायद आज के बाद में तुम्हें खो भी दूँ। पर सच यही है।" मधु ने मीता के आँखों में झांकते हुए कहा। "मधु तू पागल है क्या तुझे क्यों ऐसा लगता है कि मैं तुझे छोड़ कर जाऊंगी? गधी जो तू फील करती है सेम मैं भी फील करती हूँ तेरे लिए। तेरी ही कैटेगरी में हूँ पर तुझसे कभी कहा नहीं डर की वजह से।" मीता ने अपना हाल बताते हुए कहा। "डर! क्या हम जैसे लोग डर डर कर और लोगों से शर्मिंदा होने के लिये ही बने हैं?" मधु ने मीता का हाथ थामते हुए पूछा।
मैं तेनु समझावा कि न तेरे बिना लगदा जी, तू की जाने प्यार मेरा... मधुमिता यही गाना गुनगुना रही थी कि उसे "तू नज़्म नज़्म सा मेरे आँखों में ठहर जा मैं ख्वाब ख्वाब सा..." गाना सुनाई दिया। अरे मीता तुम.. तुम कब आयी? मधुमिता उसे गले लगाते हुए पूछा। "बस अभी अभी जब आप हमें याद करते हुए अपना फेवरेट गाना गा रही थीं... और बताओ क्या चल रहा है?" मीता मधु से अलग होते हुए बोली। "क्या बताऊँ यार थक गयी हूँ दुनिया को समझा समझा कर कि नहीं रहना है उनके अनुसार मेरी अपनी जीवनी है मेरी अपनी पसंद है।" मधु उदास होते हुए बोली। "मुझे पता है तुझे उस लड़के से शादी नहीं करनी। कोई और पसन्द है तो बोल मैं हेल्प करूंगी तेरी दुनिया को समझाने में।" मीता उसे समझाते हुए बोली। "यार कितना अजीब है न सब कुछ तू उस चीज़ के लिए दुनिया को समझाने चली है जो मुमकिन ही नहीं। तुझे क्या लगता है मेरा किसी लड़के पर क्रश है या किसी लड़के से प्यार है? नहीं डिअर मुझे तुमसे प्यार है। ये जो दिल धड़क रहा है सीने में उस में तुम्हारा नाम है। आज तक कभी तुमसे बोला नहीं या ये कहो बोलने की हिम्मत नहीं हुई क्योंकि तुम मेरी तरह नहीं हो। तुम नॉर्मल इंसान हो बाकियों की तरह। और शायद आज के बाद में तुम्हें खो भी दूँ। पर सच यही है।" मधु ने मीता के आँखों में झांकते हुए कहा। "मधु तू पागल है क्या तुझे क्यों ऐसा लगता है कि मैं तुझे छोड़ कर जाऊंगी? गधी जो तू फील करती है सेम मैं भी फील करती हूँ तेरे लिए। तेरी ही कैटेगरी में हूँ पर तुझसे कभी कहा नहीं डर की वजह से।" मीता ने अपना हाल बताते हुए कहा। "डर! क्या हम जैसे लोग डर डर कर और लोगों से शर्मिंदा होने के लिये ही बने हैं?" मधु ने मीता का हाथ थामते हुए पूछा।
read moreBipin Sen
गुस्सा आने से कैसे रोके ? How to control anger ? गुस्सा या क्रोध को रोकने या कण्ट्रोल करने के तरीके जानने से पहले हमे ये जान लेना जरूरी है की गुस्सा क्यों और कैसे आता है. आप पूछेंगे की अरे ये भी कोई जानने वाली बात है की गुस्सा क्यों आता है, ये तो हमे पता ही है की अगर कोई कुछ गलत करता है तो उसपर हमें गुस्सा आता है. या फिर कोई चीज अगर हमारे मुताबिक नहीं होता है तो भी हमें गुस्सा आता है. ये बात तो बिलकुल क्लियर ही है. हाँ ये बात सही है लेकिन ये सिर्फ ऊपर ऊपर का सच है गुस्सा आने का प्रमुख कारन कुछ
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