Nojoto: Largest Storytelling Platform

Kazi Masuk

ham ignore nahin karte 🤟😎🙏

read more

Maninder Chahal

#camping

read more
Unsplash NIGHT CAMPING

©Maninder Chahal #camping

gyanu ncc boy

Bowrothu Anjali

read more

Mantashakhan04

read more

Bipin Rathod

read more
Certainly, here's a dard bhari (heartbreaking) love story in Hindi:
लाल धागा
आइशा और वीर की मुलाकात मुंबई की भीड़-भाड़ वाली लोकल ट्रेन में हुई थी। वह, एक हमेशा मुस्कुराता हुआ शहर का लड़का, और वह, उपनगरों की एक शर्मीली, किताबों की कीड़ी लड़की, एक असंभव जोड़ी थे। फिर भी, भाग्य, या शायद कोई शरारती ब्रह्मांडीय शक्ति, उनके जीवन को एक साथ बुनने के लिए तत्पर थी। उनके आकस्मिक मुलाकातों ने चोरी-छिपे नज़रों, हिचकिचाते हुए बातचीत और अंत में, एक हिचकिचाते हुए, खूबसूरत प्रेम कहानी में विकसित किया।
वीर, अपनी संक्रामक हँसी और सहज आकर्षण के साथ, आइशा को उसके खोल से बाहर निकाला। उसने उसे शहर की जीवंत धड़कन से परिचित कराया, उसे छिपे हुए कैफे, स्ट्रीट फूड स्टॉल और रूफटॉप कॉन्सर्ट में ले गया। बदले में, आइशा ने उसकी आँखों को साधारण सुखों की शांत सुंदरता से खोला - एक पेड़ के नीचे पढ़ना, समुद्र तट पर लंबी सैर करना, घर के अंदर बिताया गया एक बारिश के दिन का आनंद।
उनकी प्रेम कहानी चुराए गए पलों का एक सिम्फनी थी। ट्रेन में एक कोमल स्पर्श, एक साझा ईयरफ़ोन, एक फुसफुसाया मजाक जिसे केवल वे ही समझते थे। उन्होंने अपनी एक दुनिया बनाई, शहर के कोलाहल के बीच एक अभयारण्य, एक ऐसी दुनिया जहाँ उनका प्यार ही एकमात्र स्थिरता थी।
लेकिन जीवन, जैसा कि अक्सर होता है, उसकी अन्य योजनाएँ थीं। वीर, कॉर्पोरेट जगत में एक उभरता हुआ सितारा, को न्यूयॉर्क में एक सपनों की नौकरी की पेशकश की गई थी। यह अवसर जीवन भर का एक बार का मौका था, सफलता और महत्वाकांक्षा के जीवन की ओर एक कदम। लेकिन इसका मतलब आइशा को पीछे छोड़ना था, उनकी दुनिया को ढहने देना था।
यह खबर आइशा को एक ज्वारीय लहर की तरह लगी। शहर, जो कभी उनके प्रेम कहानी की एक जीवंत पृष्ठभूमि था, अब दम घुटने लगा, प्रत्येक कोना उस आनंद की याद दिलाता था जिसे वे खोने वाले थे। उसकी आँखों में आँसू भर आए, शहर के जीवंत रंगों को एक उदासीन ग्रे में धुंधला कर दिया।
वीर, अपनी महत्वाकांक्षा और अपने प्यार के बीच फटे हुए, आइशा को अपने साथ आने के लिए मनाने की कोशिश की। उसने एक जीवंत महानगर में जीवन की एक तस्वीर चित्रित की, जो रोमांच और अवसरों से भरी हुई थी। लेकिन आइशा जानती थी कि उनका प्यार, एक तितली के पंखों की तरह नाजुक, ट्रान्साटलांटिक दूरी से नहीं बच पाएगा।
अगले कुछ हफ्तों को उन्होंने मधुर-कड़वी यादों की धुंध में बिताया। उन्होंने अपने पसंदीदा स्थानों का फिर से दौरा किया, हर एक स्पर्श, हर साझा हँसी का स्वाद चखा, जैसे कि उन्हें हमेशा के लिए अपने दिलों पर छापने की कोशिश कर रहे हों। उन्होंने अनंत प्रेम के वादे किए, ऐसे वादे जो आसन्न अलगाव के सामने नाजुक लग रहे थे।
अंत में, वीर के प्रस्थान का दिन आ गया। मुंबई हवाई अड्डा, जो आमतौर पर गतिविधि का केंद्र होता है, आइशा के लिए खौफनाक रूप से शांत लग रहा था। जैसे ही उसने वीर को विमान में चढ़ते देखा, उसके गले में एक गांठ बन गई, जिससे उसे दम घुटने लगा। विमान, एक चांदी का साँप, बादलों में विलीन हो गया, उसके दिल का एक टुकड़ा अपने साथ ले गया।
आइशा अपने छोटे से अपार्टमेंट में लौट आई, सन्नाटा बहरा हुआ। हर कोने में वीर की उपस्थिति का भूत गूँज रहा था - बेडसाइड टेबल पर अधूरी किताब, उसके पसंदीदा कॉफी के दाग वाली मग, हवा में उसके कोलोन की धुंधली महक।
दिन हफ्तों में बदल गए, हफ्ते महीनों में बदल गए। आइशा आगे बढ़ने की कोशिश की, खुद को अपने काम में डुबो दिया, अपने दोस्तों में सांत्वना पाई। लेकिन वीर की अनुपस्थिति से छोड़ा गया शून्य भरना असंभव था। शहर, जो कभी खुशी का स्रोत था, अब उनके खोए हुए प्यार की निरंतर याद दिलाता था।
एक बारिश के दोपहर, वीर की चीजों के बीच छानबीन करते हुए, आइशा को एक छोटा, जटिल रूप से बुना हुआ कंगन मिला। यह एक साधारण टुकड़ा था, लेकिन इसमें एक गहरा अर्थ था। वीर ने इसे एक स्थानीय बाजार में पाया था, यह दावा करते हुए कि यह शाश्वत प्रेम का प्रतीक है, दो आत्माओं को जोड़ने वाला एक लाल धागा, चाहे दूरी कुछ भी हो।
आइशा ने कंगन को कसकर पकड़ लिया, उसके आँसू बह निकले। उसे वीर के शब्द याद आए, "कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम कहाँ हैं, आइशा, यह धागा हमेशा हमें जोड़ेगा।"
दिन सालों में बदल गए। आइशा ने एक सफल करियर बनाया, नए दोस्त ढूंढे, और यहां तक ​​कि फिर से डेटिंग भी शुरू कर दी। लेकिन वीर की याद, और लाल धागा, उसके जीवन में एक स्थिरता बनी रही। यह एक ऐसे प्यार की याद दिलाता था जो कभी खिलता था, एक ऐसा प्यार जिसने उसकी आत्मा पर एक अमिट छाप छोड़ी थी।
सालों बाद, आइशा खुद को उसी हवाई अड्डे पर पाया, इस बार न्यूयॉर्क की व्यापारिक यात्रा के लिए। जब वह टर्मिनल से गुज़री, तो एक परिचित आकृति ने उसकी नज़र पकड़ी। यह वीर था, जो पहले से कहीं अधिक सुंदर दिख रहा था, उसके बालों में भूरे रंग का एक साया था।
उनकी नज़रें भीड़भाड़ वाले टर्मिनल के पार मिलीं, और समय रुक गया। साल पिघल गए, और उन्हें मुंबई लोकल में अपनी पहली हिचकिचाते हुए मुलाकात में वापस ले जाया गया। लाल धागा, जो वर्षों से सुप्त था, अचानक कस गया, उन्हें एक साथ खींच लिया।
वे एक-दूसरे की ओर दौड़े, उनके हाथ आगे बढ़े, उनकी आँखों में बिना बहे आँसू भर आए। उस क्षण में, सारा दर्द, लालसा, वर्षों का अलगाव, दूर हो गया।
वीर, अपनी आवाज भरी हुई भावना के साथ, फुसफुसाया, "मैंने तुम्हें कभी प्यार करना नहीं छोड़ा, आइशा।"
आइशा, उसकी आवाज कांप रही थी, जवाब दिया, "नहीं, मैंने भी नहीं।"
और जैसे ही उन्होंने गले लगाया, वे जानते थे कि उनकी प्रेम कहानी, हालांकि दर्द और अलगाव से चिह्नित थी, खत्म होने से बहुत दूर थी। लाल धागा, हालांकि परीक्षण किया गया था, अटूट रहा, प्यार की स्थायी शक्ति का एक प्रमाण, एक ऐसा प्यार जिसने समय और दूरी को धता बता दिया था।
समाप्त
यह कहानी प्यार, नुकसान और मानवीय संबंधों की स्थायी शक्ति के विषयों की पड़ताल करती है। यह दूरस्थ संबंधों की जटिलताओं, महत्वाकांक्षा के लिए हमारे द्वारा किए जाने वाले बलिदानों और उन कड़वे-मीठे यादों में तल्लीन होती है जो हमारे जीवन को आकार देती हैं।
मुझे उम्मीद है कि यह कहानी आपके साथ प्रतिध्वनित होगी।

©Bipin Rathod

Avinash Jha

#Sad_Status

read more
White "कलकल करती काली काली,
कावेरी की कोमल कलियां।
कुंज कुसुम के कांत किनारे,
कहकहे करते कनक किराने।

कहां कस्तूरी, कहां कमल,
कैसे कांप रहे कंचन जल।
कलरव करती कनक कली,
कंचुक कानन की कलकल।"

©Avinash Jha #Sad_Status

Kumar.Satyajit

Chirag Dodiya

premanand ji maharaj motivation speech

read more

Namma Guru Rayaru

ಜಗತ್ತಿನ ವಾಸ್ತವ ಪಾಠ

read more
.......l.................

©Namma Guru Rayaru ಜಗತ್ತಿನ ವಾಸ್ತವ ಪಾಠ
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile