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Shubham Bhardwaj
White अजीब शख्स है,हँसता और मुस्कराता है। अश्क आँखों के,बड़ी तरकीब से छिपाता है।। ©Shubham Bhardwaj #Sad_shayri #अजीब #शख्स #है #हँसता #और #मुस्कान
Sonu Sharma
#ख़ुदा करे कभी #शिकन न आये तेरे #माथे पर, मेरी #आँखें तुझे हर #दौर में #हँसता हुआ देखे… ©Sonu Sharma
Raushan
बाहरी दुनियां में जो हँसता बहुत है अंदर अंदर वो सिसकता बहुत है 😢 #हँसता #सिसकता
TheBoyWithPen
जिद्द जो उसकी थी जिद्द ये मेरी भी बेहया हूँ रूला ले तू जितना भी मैं तो हँसता ही रहूँगा ऐ जिंदगी #जिद्द #जिंदगी #हँसता #love #quote #twg #qotd #YQbaba #YQdidi
Parul Sharma
एक हँसता चेहरा सबको रुला गया पारुल शर्मा #SushantSinghRajput एक #हँसता #चेहरा सबको #रुला गया पारुल शर्मा
#SushantSinghRajput एक #हँसता #चेहरा सबको #रुला गया पारुल शर्मा
read more#Dil Sai Likh#
हँसता ताे मैं राेज हूँ मगर ख़ुश हुए ज़माना हाे गया । #Dil Sai Likh# #हँसता ताे में राेज हूँ #nojoto hindi shayari
तरुण सूर्यवँशी "साहिल"
रंग और रूप सूर्या - इस रंग-रूप की चाह में ज़माना ये पीछे रह गया.. बस देख़ बुराई औरों में बेवज़ह वो हँसता रह गया.. चल छोड़ इन बातों को ईमान से नाम बना अपना.. रंग रुप से नही ऐ मुसाफ़िर किरदार से कद बढ़ा अपना.. तरुण सूर्यवँशी "साहिल" #RangaurRoop #nojotohindi #love #life #shayar #shayari #thoughts #poet #writer #रंग #रूप #जमाना #बुराई #हँसता #ईमान #मुसाफ़िर #कद #साहिल
FIROZ KHAN ALFAAZ
फूलों से दिल लगाया, दिल चाक कर गए ! काँटों से दिल लगाया तो ज़ख़्म भर गए ! -1 रफ़ीक़-ए-दिल भी और दुश्मन-ए-जाँ भी, मोहब्बत भी क्या खूब शग़्ल होती है ! -2 क्यूँ लग गई है मेरी ख़ुशियों को बद-नज़र, हँसता तो हूँ पर अब दिल से हँसता मैं नहीं हूँ ! -3 एक राज़ कहते-कहते मैं रुक जाता था अक्सर, लेकिन ग़ज़ल में ज़ाहिर हर राज़ हो गया ! -4 ये तन्हाईयाँ जिस्म में काँटों की तरह चुभती हैं, मरहम न सही, शामिल-ए-हाल बनके चले आओ ! -5 ©® फिरोज़ खान अल्फ़ाज़ नागपुर , प्रोपर औरंगाबाद बिहार स0स0~9231/2017 फूलों से दिल लगाया, दिल चाक कर गए ! काँटों से दिल लगाया तो ज़ख़्म भर गए ! -1 रफ़ीक़-ए-दिल भी और दुश्मन-ए-जाँ भी, मोहब्बत भी क्या खूब शग़्ल होती है ! -2 क्यूँ लग गई है मेरी ख़ुशियों को बद-नज़र, हँसता तो हूँ पर अब दिल से हँसता मैं नहीं हूँ ! -3
फूलों से दिल लगाया, दिल चाक कर गए ! काँटों से दिल लगाया तो ज़ख़्म भर गए ! -1 रफ़ीक़-ए-दिल भी और दुश्मन-ए-जाँ भी, मोहब्बत भी क्या खूब शग़्ल होती है ! -2 क्यूँ लग गई है मेरी ख़ुशियों को बद-नज़र, हँसता तो हूँ पर अब दिल से हँसता मैं नहीं हूँ ! -3
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