Find the Best ज़ेहन Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about ज़ेहन मीनिंग इन हिंदी,
Rabindra Kumar Ram
" मुख्तलिफ बात थी हम तुझे इशारा क्या करते , तेरे साथ चलना था मुझे तुझसे किनारा क्या करते , ज़ेहन में आते - जाते महज तेरी बातें ही नागवार थी , फिर तुझसे से तेरे होकर और तुझसे बिछड़ के तेरे हिज़्र में गुजारा क्या करते . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " मुख्तलिफ बात थी हम तुझे इशारा क्या करते , तेरे साथ चलना था मुझे तुझसे किनारा क्या करते , ज़ेहन में आते - जाते महज तेरी बातें ही नागवार थी , फिर तुझसे से तेरे होकर और तुझसे बिछड़ के तेरे हिज़्र में गुजारा क्या करते . " --- रबिन्द्र राम #मुख्तलिफ #इशारा #ज़ेहन #नागवार #हिज़्र #गुजारा
" मुख्तलिफ बात थी हम तुझे इशारा क्या करते , तेरे साथ चलना था मुझे तुझसे किनारा क्या करते , ज़ेहन में आते - जाते महज तेरी बातें ही नागवार थी , फिर तुझसे से तेरे होकर और तुझसे बिछड़ के तेरे हिज़्र में गुजारा क्या करते . " --- रबिन्द्र राम #मुख्तलिफ #इशारा #ज़ेहन #नागवार #हिज़्र #गुजारा #शायरी
read moreLove Consultant
💞 ये #जूनून ये #इश्क़ बना #रहे...!! मेरा #दिल तुझ #पे ही #फ़िदा रहे* *💞#ना हो #फ़िक़्र कोई #जहान की...!! ना #ज़ेहन में #कोई तेरे #सिवा रहे 💕 यादें ✍️ ©RV_Creation #happypromiseday
AshokKumar "आशिक्"
#ज़ुबां #ज़ेहन poetry shayari #shayristatus #aashik #aashik_ki_shayari #kumarashokaashik #शायरी
read moreRabindra Kumar Ram
" जिस तरह मिलते तेरे नाम के जैसे लोग , काश की तेरी बेरुखी इतनी संगदिल ना होती , ज़ेहन में ख्याल तेरा आज भी कुछ ताजूब कर देता हैं , काश की ये बेवशी हमारे दरम्यान आई ना होती . " --- रबिन्द्र राम Pic : pexels.com " जिस तरह मिलते तेरे नाम के जैसे लोग , काश की तेरी बेरुखी इतनी संगदिल ना होती , ज़ेहन में ख्याल तेरा आज भी कुछ ताजूब कर देता हैं , काश की ये बेवशी हमारे दरम्यान आई ना होती . " --- रबिन्द्र राम
Pic : pexels.com " जिस तरह मिलते तेरे नाम के जैसे लोग , काश की तेरी बेरुखी इतनी संगदिल ना होती , ज़ेहन में ख्याल तेरा आज भी कुछ ताजूब कर देता हैं , काश की ये बेवशी हमारे दरम्यान आई ना होती . " --- रबिन्द्र राम #तेरेनाम
read moreAditya Neerav
तस्वीर खींचकर पल यादगार कहते हो जो ज़ेहन में रचा बसा हो उसे तुम क्या कहोगे ©Aditya Neerav #ज़ेहन
रोहित 'हीरू' मिश्रा
उल्फ़त में है मेरे ज़ेहन का शहर ये कैसा अजब सा ख़याल आया है मुद्दतों बाद फ़िर उसका कॉल आया है ©रोहित 'हीरू' #उल्फ़त #ज़ेहन #शहर #ख़याल #मुद्दत #काॅल Kanइश्का Swati sharma Äñgëĺîñä (Añgëľ) Pooja Udeshi MM Mumtaz gudiya मañjü pãwãr nida Priya Nikalje "विभर्षी" रंजेश सिंह "विभर्षी" रंजेश सिंह Satya kiran kee kalam se khubsurat SURAJ PAL SINGH pramodini mohapatra BOND Ravi singh007 Sudha Tripathi Sanjay Tiwari "Shaagil" ≋P≋u≋s≋h≋p≋ Dhyaan mira Mukesh Poonia Prince~"अल्फ़ाज़" Yogendra Nath Yogi प्रिय-अंक Monika Arpit shukla ❣️ ruchika_2710 Ashish Thakur Akela' Payal Das NASAR kittu Bhawna Mishra
#उल्फ़त #ज़ेहन #शहर #ख़याल #मुद्दत #काॅल Kanइश्का Swati sharma Äñgëĺîñä (Añgëľ) Pooja Udeshi MM Mumtaz gudiya मañjü pãwãr nida Priya Nikalje "विभर्षी" रंजेश सिंह "विभर्षी" रंजेश सिंह Satya kiran kee kalam se khubsurat SURAJ PAL SINGH pramodini mohapatra BOND Ravi singh007 Sudha Tripathi Sanjay Tiwari "Shaagil" ≋P≋u≋s≋h≋p≋ Dhyaan mira Mukesh Poonia Prince~"अल्फ़ाज़" Yogendra Nath Yogi प्रिय-अंक Monika Arpit shukla ❣️ ruchika_2710 Ashish Thakur Akela' Payal Das NASAR kittu Bhawna Mishra #शायरी
read moreJuhi Grover
ख़्याल जब उन का आया मेरे यों ज़ेहन में ही, शहर छोड़ कर के जाना भी मुनासिब न समझा, साथ ले कर के घर जाना भी तो मुनासिब न था, गाँव छोड़ शहर को ही अपना अाशियाँ समझा। गाँव के घर को बेचना ही मैंने तब ठीक समझा, शहर के मकान की कद्र भगवान् से ज़्यादा थी, सूख गए गाँव के शजर राह मेरी तकते तकते, अन्त होने से पहले मेरी उम्मीद भी ज़्यादा थी। उम्मीदें ज़िन्दा रख कर दिल में हम विदा हो गए, कफ़्न का इन्तज़ाम न कर पाए कोख के जाए, और जिनके लिये शजर की छाँव ही छोड़ी मैंने, वो नहीं बन पाए,न ही बनेंगे उम्र भर के हमसाए। संगति के आगे यों झूठे संस्कार ही जैसे पड़ गए, मगर अपने ही बच्चों को संस्कार की दुहाई न दो, तुम्हारे भी जाए तुम्हारी आखिर क्यों ही मानेंगें, खुद को भी अपनी करनी का ही फल भुगतने दो। ख़्याल जब उन का आया मेरे यों ज़ेहन में ही, शहर छोड़ कर के जाना भी मुनासिब न समझा, साथ ले कर के घर जाना भी तो मुनासिब न था, गाँव छोड़ शहर को ही अपना अाशियाँ समझा। ख़्याल जब हमारा आया उन के यों ज़ेहन में ही, शहर छोड़ कर के जाना भी मुनासिब न समझा, साथ ले कर के घर जाना भी तो मुनासिब न था, गाँव छोड़ शहर को ही अपना अाशियाँ समझा। गाँव के घर को बेचना ही मैंने तब ठीक समझा, शहर के मकान की कद्र भगवान् से ज़्यादा थी, सूख गए गाँव के शजर राह मेरी तकते तकते,
ख़्याल जब हमारा आया उन के यों ज़ेहन में ही, शहर छोड़ कर के जाना भी मुनासिब न समझा, साथ ले कर के घर जाना भी तो मुनासिब न था, गाँव छोड़ शहर को ही अपना अाशियाँ समझा। गाँव के घर को बेचना ही मैंने तब ठीक समझा, शहर के मकान की कद्र भगवान् से ज़्यादा थी, सूख गए गाँव के शजर राह मेरी तकते तकते, #yqdidi #yqhindi #yqquotes #उम्मीद #संस्कार #bestyqhindiquotes
read moreShayar E Badnaam
सोचो वो जो स्वीकार हो मन को, खाओ वो जो स्वीकार हो तन को, कहने को तो हर रस्म निभाई जाती है पर निभाओ वो जो स्वीकार हो ज़हन को..... #काम #मन #तन #स्वीकार #ज़ेहन #शायर_ए_बदनाम
Aamir Qais AnZar
अभी कलम थामी है, लिखावट सुधारना बाकी है। अभी ज़ेहन में हैं बातें, काग़ज़ पर उतारना बाकी है। क्योंकि एक अच्छे पढ़ाई के साथ-साथ अच्छी लिखावट का होना भी जरूरी है। #WritingAboutWriting #OneBeginToWrite #MyAbilityToLearn #लिखावट #काग़ज़ #सुधारना #ज़ेहन
क्योंकि एक अच्छे पढ़ाई के साथ-साथ अच्छी लिखावट का होना भी जरूरी है। #WritingAboutWriting #onebegintowrite #MyAbilityToLearn #लिखावट #काग़ज़ #सुधारना #ज़ेहन
read moreOMG INDIA WORLD
#__अश्क़ों__का__बहता__दरिया__ 🟤🔴🟠🟢🟣 #ख़ूबसूरत सी मैं #इक__नज़्म__लिख रहा हूँ #अश्क़ों को #बहता__हुआ__दरिया बना कर #बाँके_नयनों को तेरे मैं #कमल लिख रहा हूँ ❣️❣️ #रसीले_अधर तेरे सागर के दो किनारे हों जैसे #सगंम हो धारा का वही गंगाजल लिख रहा हूँ ❣️❣️ *ख़ूबसूरत सी 🟩🟩 प्रेम के मोती निकाल रहा हूँ #ज़ेहन से चुन कर तस्सवुर में गाऊँ तराने वही ग़ज़ल लिख रहा हूँ ❣️❣️ *ख़ूबसूरत सी 🟦🟦 #रुख़सार पर लिख दिये.....ढेरों #गुलाब तुमने #शादाब होकर....गुलाबी #शबाब लिख रहा हूँ ❣️❣️🟥🟥 🖤🤎🧡💜💙💚💛❤️🖤🤎🧡💜💙💚💛❤️ ©OMG INDIA WORLD __अश्क़ों__का__बहता__दरिया__ 🟤🔴🟠🟢🟣 ख़ूबसूरत सी मैं #इक__नज़्म__लिख रहा हूँ #अश्क़ों को बहता__हुआ__दरिया बना कर बाँके_नयनों को तेरे मैं #कमल लिख रहा हूँ ❣️❣️ #रसीले_अधर तेरे सागर के दो किनारे हों जैसे #सगंम हो धारा का वही गंगाजल लिख रहा हूँ ❣️❣️
__अश्क़ों__का__बहता__दरिया__ 🟤🔴🟠🟢🟣 ख़ूबसूरत सी मैं #इक__नज़्म__लिख रहा हूँ #अश्क़ों को बहता__हुआ__दरिया बना कर बाँके_नयनों को तेरे मैं #कमल लिख रहा हूँ ❣️❣️ #रसीले_अधर तेरे सागर के दो किनारे हों जैसे #सगंम हो धारा का वही गंगाजल लिख रहा हूँ ❣️❣️ #शायरी #गुलाब #शबाब #ज़ेहन #रुख़सार #शादाब #OMGINDIAWORLD
read more