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PRATEEK GAUTAM
तेरी आंखों में देखु तो मैं नज़र आऊँ सपने में देखू तू नज़र आये कैसी हैं ये मोह्बत आईना भी देखु तो तू नज़र आये। आईना
आईना #शायरी
read moreManoj Maurya
मैं तेरी मोहब्बत में, पता होता आप कोई और कि मोहब्बत है तो आज इस मौत के कगार पर न आता अब उधर देखु तो खाई है इधर देखु तो आपकी खाली परछाई है #Love
राघव रमण
रही सदिखन बिसरल भटकल अहाँ छी हमर ख्वाब प्रिये देखु सदिखन नित नयन बसी अहाँ छी काजर सन लगाव प्रिये प्रेमक अहि बरखा मे देखु अहाँ छी स्नेहक बहाव प्रिये करी आरम्भ अहि महोत्सव केर अहाँ छी शब्दक भाव प्रिये काँट सँ भरल डंठल बनलहुँ अहाँ छी हमर गुलाब प्रिये ।।
Shubham Sharma
तेरी आँखों मे जब देखु ना जाने खो में जाता हूं। तेरी खुशबू सी रंगत का सदा जब हो में जाता हूं। ना जाने रब ने इसकदर किस साचें में ढाला है तुझे तेरी dp को जब देखु तो सोना भूल जाता हूं। #poetry #poem
NT
आग 🔥 के पास कभी मोम लाकर देखु 👁 हो इजाजत तो तुझे हाथ 👐 लगाकर देखु 👁 दिल 💗का मन्दिर बड़ा वीरान नजर 👁आता सोचता हूं तेरी तस्वीर 👤 लगाकर👁 देखु |
Μʀ. D҉ιƞεៜհ ❤Сɸɸℓ βɸy
तुम्हे देखु ना देखु ए तो दील के जज्बात है आज के दिन मिलने आ जाओ सनम हमारी आपसे आखरी मुलाक़ात है, ❤All is love❤
❤All is love❤
read moreSunny Rastogi
सवेरे से पहले मे सूरज को देखु आओ तुम्हे जी भरकर देखू हदो की हद जहां होती हैं खत्म इश्क़ मै आज उस हद से गुज़र कर देखु।।।
राघव रमण
#OpenPoetry सब रंग मे रंगायल मोनक प्रीत बिसरल भटकायल जग केर सब रीत अहाँ बिना जिनगी विरान भ गेलै चली आऊ सजनी राति जवान भ गेलै ।। ठोर परहक लाली चैन चुरावय आँखि के काजर हिया धडकावय पातर कमर हमर मोन ललचावय हाथक मेंहदी हमर आगि धधकावय देखु देखु सेजों आब सयान भ गेलै चली आऊ सजनी राति जवान भ गेलै ।। छै पसरल सौंसे स्नेहक ई झोल किछ अलगे आवाज मचेने अछि घोल हवा सन सन अपन देखावैत अछि रूप घाम पसेना सँ महकैत अछि अपन रूप देखु देखु आब मिलन केर अवसान भय गेलै चली आऊ सजनी राति जवान भ गेलै ।। भेलै मिलन के ई राति दीप सगरो जरल वस्त्र आभुषण आ चुडी अछि सौंसे बिखरल ठोरक लाली मिटायल अछि केश बिखरल सौंसे चेहरा पर काजर केर रेस छितरल देखु चादर बिछावन के हैवान भ गेलै चली आऊ सजनी राति जवान भ गेलै ।।
Shivani Bhatia
#OpenPoetry साँवरे जिंदगी की नाव में आ सांवरे मैं सँवर के बैठू, टूटे हुए स्वप्नों की सिसकी को जकड़ के बैठू, कुछ फूलो को बिखेर के देखु, हवायों में उड़ते प्रकाश को देखु, तितलियो के अकाश को देखु नदिया के बहते नीर के साथ बह के देखु मैं उस बिखरते रेत में बिखर के देखु मैं उस किनारे के तंवर को छू के देखु मै, पक्षीयो के साथ उन्मुक्त गगन में भटकूँ, गहरे समंदर की मोतियों पर जपटू, एक उचे पेड़ की शाखा पे प्रियें तेरे साथ मैं लटकु, आ साँवरे मै इस सफर में सँवर के बैठू। माना प्रिये है भवँर में उलझी ये नाव तेरी, पर हैं यकीनन ये सफर सुहाना प्रिये, ये जिंदगी तो सवेरा है साँवरे, घनगोर रतिया के बाद ही तो धूप खिली है ना प्रिये, आ साँवरे में तेरी नाव में सँवर के बैठू मैं **शिवानी भाटिया** #OpenPoetry साँवरे सँवर के बैठू #love #life Pallavi Kumari Shilpa Kumari Jha Rakesh Kumar Himanshu Aisha poet Vishal Saxena
#OpenPoetry साँवरे सँवर के बैठू #Love #Life Pallavi Kumari Shilpa Kumari Jha Rakesh Kumar Himanshu Aisha poet Vishal Saxena
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