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Devesh Dixit
#दीमक #nojotohindi #Usha bhadula munish writer Puja Udeshi POETICPOOJA Khushi yadav Sandip rohilla
read moreDivyanshu Pathak
हमारा मन कहां-कहां अटकता है भटकता है चिपकता है इसको समझना भी जरूरी है अनावश्यक जगह नहीं चिपके यह प्रयास करना भी जरूरी है। इसका सरलतम उपाय है सकारात्मक दृष्टि। जीवन में जागरूकता का भाव सकारात्मक दृष्टि आपको हर कार्य में सार्थक भूमिका प्रदान करेगी। मेरे जन्मदिन को आपने अपने प्रेम भाव से सिंचित कर मेरी आत्मा में अपनी उपस्थिति का एहसास कराया ! प्रिय #komal sharma जी आपके ह्रदय की विशालता को सादर नमन ! "मेरी माया" 🍨😊😊🍓🍫🍰🍰😋 : अधर्म और अनीति पर प्रतिचोट करने वाली राजस्थानी वाला दीपिका प्रजापति आपका ह्रदय से आभार आपने बहुत सुंदर टेस्टिमोनल दिया 😋🍰🍰🍫🍓🍓🍨🍧🍞🍫🍓 : मेरी प्यारी छोटी बहना #ruchi prajapati तेज बनती है पर बहुत भोली है ऐसे ही हँसती खेलती रहो ! 😊😊 मेरी बड़ी बहन जी #uma manya आपका प्रेम और आर्शीवाद पाकर धन्य हो गया हूँ अपना स्नेह बनाये रखना !
मेरे जन्मदिन को आपने अपने प्रेम भाव से सिंचित कर मेरी आत्मा में अपनी उपस्थिति का एहसास कराया ! प्रिय #komal sharma जी आपके ह्रदय की विशालता को सादर नमन ! "मेरी माया" 🍨😊😊🍓🍫🍰🍰😋 : अधर्म और अनीति पर प्रतिचोट करने वाली राजस्थानी वाला दीपिका प्रजापति आपका ह्रदय से आभार आपने बहुत सुंदर टेस्टिमोनल दिया 😋🍰🍰🍫🍓🍓🍨🍧🍞🍫🍓 : मेरी प्यारी छोटी बहना #ruchi prajapati तेज बनती है पर बहुत भोली है ऐसे ही हँसती खेलती रहो ! 😊😊 मेरी बड़ी बहन जी #Uma manya आपका प्रेम और आर्शीवाद पाकर धन्य हो गया हूँ अपना स्नेह बनाये रखना !
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हम प्रकृति से दूर हो गए। खान-पान भूगोल से कट गया। डिब्बा संस्कृति हमारे विकास का नेतृत्व करने लगी है। इनका एकमात्र कारण है शरीर के प्रति बढ़ता मोह और उसके लिए धन और भौतिक सुखों का बढ़ता महत्व। क्या कोई जादू या वरदान हमें इस कैंसर से मुक्त करा सकता है? Good morning ji 💕👨🍉🍉🍉🍉☕☕☕☕🍹🍹🍹🍹🍉🍉🍉😊🍓🐒👨🙏🌷🌺 : Repost🌷🐒........ : विश्व पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🌷🐒 : विज्ञान कहता है-‘कलियुग के बाद तो प्रलय ही है। मेरे सहयोग के बिना नहीं आ सकती। हां, विकल्प दे सकता हूं। चाहो तो जन्म से पहले ही कैंसर की गोद में बैठ जाओ, (जननी सहित), अथवा पैदा होने के बाद उन कीटनाशकों को सीधा ही भोजन के साथ गले के नीचे उतार लेना। भोजन के जरिए कीटनाशक सम्पूर्ण मानव जाति के पेट में जाते रहेंगे।’ एक अनुमान के अनुसार विश्व में सन् २०३० तक प्रतिवर्ष दो करोड़, बीस लाख नए कैंसर
Good morning ji 💕👨🍉🍉🍉🍉☕☕☕☕🍹🍹🍹🍹🍉🍉🍉😊🍓🐒👨🙏🌷🌺 : Repost🌷🐒........ : विश्व पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🌷🐒 : विज्ञान कहता है-‘कलियुग के बाद तो प्रलय ही है। मेरे सहयोग के बिना नहीं आ सकती। हां, विकल्प दे सकता हूं। चाहो तो जन्म से पहले ही कैंसर की गोद में बैठ जाओ, (जननी सहित), अथवा पैदा होने के बाद उन कीटनाशकों को सीधा ही भोजन के साथ गले के नीचे उतार लेना। भोजन के जरिए कीटनाशक सम्पूर्ण मानव जाति के पेट में जाते रहेंगे।’ एक अनुमान के अनुसार विश्व में सन् २०३० तक प्रतिवर्ष दो करोड़, बीस लाख नए कैंसर
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मन बाबरा है उड़ता है असीमित सैर कराता है ब्रह्मांडो की ले जाता है उसकी मर्जी होती वहां सूर्य लोक में भी बैठ जाता है जाकर हनुमान की तरह ! वहीं से लेता है जीवन की ऊर्जा लौट कर आ लगता है व्यसनों में तीनो गुणों से होता है प्रभावित करता है कर्म बनाता है बंधन आज और कल के लिए ! 💕👨 Good morning ji ☕☕☕☕🍨🍨🍨🍸🍸🍹🍹🍓🍓🍫🍉🍉🍉🍫🍫🍫🍫🍉🍉🍉 : मन के वश में होकर ही व्यक्ति कर्म की प्रकृति निर्मित करता है।उसी अनुरूप चलता है वैसे ही कर्म करता है और अपने व्यक्तिव को निर्मित करता है। मन को पवित्र और सात्विक रखने का विधान है। यह सात्विकता--- आपको परिवेश और पर्यावरण से मिलती है। संगति का ज़िक्र इसी सिद्धांत से ही दिया जाता रहा है ।
💕👨 Good morning ji ☕☕☕☕🍨🍨🍨🍸🍸🍹🍹🍓🍓🍫🍉🍉🍉🍫🍫🍫🍫🍉🍉🍉 : मन के वश में होकर ही व्यक्ति कर्म की प्रकृति निर्मित करता है।उसी अनुरूप चलता है वैसे ही कर्म करता है और अपने व्यक्तिव को निर्मित करता है। मन को पवित्र और सात्विक रखने का विधान है। यह सात्विकता--- आपको परिवेश और पर्यावरण से मिलती है। संगति का ज़िक्र इसी सिद्धांत से ही दिया जाता रहा है ।
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किस देश में ‘मातृदेवो भव, पितृदेवो भव’ कहा जाता है? केवल भारत में। इसलिए नहीं कि वे हमको शरीर देते हैं जिसमें हमारा आत्मा आकर सौ साल रहता है। शरीर को पैदा करने के लिए किसी प्रशिक्षण की जरूरत किसी भी मां को नहीं पड़ती। किसी भी प्राणी की मां क्यों न हो। धरती के पास बीज का विकल्प भी नहीं होता। सच्चाई यह भी है कि गुठली के अनुरूप ही आम लगते हैं। यही तो वंशवाद का आधार है। :💕👨☕☕☕☕☕🍨🍨🍨🍫🍫🍫🍹🍹🍉🍸🍉🍉🍉🍉🍉🍓🍓 Good morning ji : एक बच्चे ने छुट्टी मांगी कि उसकी माता का देहान्त हो गया है। छुट्टी मिल गई। कुछ दिन बाद छुट्टी मांगी कि पिता का देहान्त हो गया है। छुट्टी मिल गई। फिर कुछ दिन बाद माता के और फिर पिता के देहान्त के लिए छुियां ले गया। अगली बार जब फिर मां के देहांत की अर्जी लाया, तो शिक्षक ने पूछ ही लिया कि छुट्टी तो मिल जाएगी, किन्तु तुम्हारे माता-पिता कितने हैं? बच्चे का उत्तर था— ‘बस एक मां-एक बाप।’ ‘किन्तु इससे अधिक तो मर चुके।’ बच्चे ने तपाक से कहा— ‘सर, वो भी सही थे।
:💕👨☕☕☕☕☕🍨🍨🍨🍫🍫🍫🍹🍹🍉🍸🍉🍉🍉🍉🍉🍓🍓 Good morning ji : एक बच्चे ने छुट्टी मांगी कि उसकी माता का देहान्त हो गया है। छुट्टी मिल गई। कुछ दिन बाद छुट्टी मांगी कि पिता का देहान्त हो गया है। छुट्टी मिल गई। फिर कुछ दिन बाद माता के और फिर पिता के देहान्त के लिए छुियां ले गया। अगली बार जब फिर मां के देहांत की अर्जी लाया, तो शिक्षक ने पूछ ही लिया कि छुट्टी तो मिल जाएगी, किन्तु तुम्हारे माता-पिता कितने हैं? बच्चे का उत्तर था— ‘बस एक मां-एक बाप।’ ‘किन्तु इससे अधिक तो मर चुके।’ बच्चे ने तपाक से कहा— ‘सर, वो भी सही थे।
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भाव शरीर में पैदा नहीं होते। बुद्धि में पैदा नहीं होते। मन में उत्पन्न होते हैं मन की चंचलता के कारण प्रतिक्षण बदलते चले जाते हैं। एक ही तरह के भाव जब बार-बार उठते हैं अथवा लम्बी अवघि तक वर्तमान रहते हैं तब भावना का रूप ले लेते हैं। नित्य स्वाध्याय के पीछे भावनाओं को पैदा करने की अवधारणा ही है। :💕👨 भावनाओं के लिए एक अच्छी कहावत है। मन चंगा तो कठोती में गंगा। जो कुछ घटित होता है, उसमें भाव क्रिया का बड़ा योग रहता है। कुन्ती ने एक बार कृष्ण से पूछा कि पाण्डव जब जुए में सब कुछ हार रहे थे, तब तुमने उन को क्यों नहीं बचाया। क्यों उनको वनों में भटकना पड़ा? तुमने द्रोपदी की ही सहायता की। : कृष्ण ने कहा-बुआजी किसी भी पाण्डव ने मुझे याद ही नहीं किया। द्रोपदी ने किया और मैं आ गया। द्रोपदी ने भी द्वारका वाले को बुलाया तो आने मेे देर लगी। घट-घट वासी को बुलाती तो भीतर ही बैठा था। तुरन्त आ जाता। अर्थ
:💕👨 भावनाओं के लिए एक अच्छी कहावत है। मन चंगा तो कठोती में गंगा। जो कुछ घटित होता है, उसमें भाव क्रिया का बड़ा योग रहता है। कुन्ती ने एक बार कृष्ण से पूछा कि पाण्डव जब जुए में सब कुछ हार रहे थे, तब तुमने उन को क्यों नहीं बचाया। क्यों उनको वनों में भटकना पड़ा? तुमने द्रोपदी की ही सहायता की। : कृष्ण ने कहा-बुआजी किसी भी पाण्डव ने मुझे याद ही नहीं किया। द्रोपदी ने किया और मैं आ गया। द्रोपदी ने भी द्वारका वाले को बुलाया तो आने मेे देर लगी। घट-घट वासी को बुलाती तो भीतर ही बैठा था। तुरन्त आ जाता। अर्थ
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सुनो....💕👴 : बचाकर रखना चाहता हूँ मैं तुम्हें उनकी गिद्ध नजरों से जो ताड़ ते है भूंखे भेड़िये से जैसे बचाकर रखता है पिता दुनियादारी से अपनी संतान को : बचाकर रखना चाहता हूँ मैं तुम्हारा प्रेम तुम्हारा स्नेह अपनापन उन वहसी चाहतों से जैसे बचा कर रखती है माँ बुरे वक्त से अपने बच्चों को ! :सुनो...💕👴 : आधुनिकता के इस जंगल में बचाना चाहता हूँ संस्कारों की किताब ताकि बनी रहे नैतिकता जैसे रखता है बचाकर मनीषी अपने मन में ! : बचाकर रखना चाहता हूँ मैं अपनी बिखरती विरासतें धुंधलाते लोक गीत उगाना चाहता हूँ उम्मीदों के फूल रिश्तों की बंजर जमीन पे! : सुनो....💕👴
: आधुनिकता के इस जंगल में बचाना चाहता हूँ संस्कारों की किताब ताकि बनी रहे नैतिकता जैसे रखता है बचाकर मनीषी अपने मन में ! : बचाकर रखना चाहता हूँ मैं अपनी बिखरती विरासतें धुंधलाते लोक गीत उगाना चाहता हूँ उम्मीदों के फूल रिश्तों की बंजर जमीन पे! : सुनो....💕👴
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पूर्णिमा के चाँद की तरह हो तुम देख खिल जाता हूँ रातरानी की तरह लगा लेता हूँ दो घूंट तेरे सोमरस के हो जाता हूँ उन्मुक्त भूल जाता हूँ बाकी दुनियां :💕🙋 बन्द कर देते हैं काम करना मेरे मन और बुद्धि जुड़ जाती है आत्मा तुझसे और बना लेती है बन्ध खिंचने लगता हूँ तेरी ओर
:💕🙋 बन्द कर देते हैं काम करना मेरे मन और बुद्धि जुड़ जाती है आत्मा तुझसे और बना लेती है बन्ध खिंचने लगता हूँ तेरी ओर
read moreDivyanshu Pathak
लोगों की फ़िक्र से ज्यादा मुझे अपनों का ज़िक्र भाता है। जो खामखां उंगली उठाता है हमसे मुह की खाता है ।😁😛 Good morning ji 💕👨🍨🍧💕🍫🍹🍹🍓🌷😁😁👧🙆👨🙋🙋👨🍧🍨: तस्वीर चित्तोड़गढ़ दुर्ग(राजस्थान) की है जब पहली बार मैं अपने कुछ मित्रों के साथ घर से बाहर निकला ट्रैन में बैठा और प्यार की पहली बौछारों में भीग गया ......! : इसे मेवाड़ नरेश राणा कुम्भा ने महमूद खिलजी के नेतृत्व वाली मालवा और गुजरात की सेनाओं पर विजय के स्मारक के रूप में सन् 1442 और 1447 के मध्य बनवाया था। : यह राजस्थान पुलिस ओर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का प्रतीक चिन्ह है। : इसे भारतीय मूर्तिकला का विश्वकोश और हिन्दू देवी देवताओं का अजायबघर कहते हैं।
Good morning ji 💕👨🍨🍧💕🍫🍹🍹🍓🌷😁😁👧🙆👨🙋🙋👨🍧🍨: तस्वीर चित्तोड़गढ़ दुर्ग(राजस्थान) की है जब पहली बार मैं अपने कुछ मित्रों के साथ घर से बाहर निकला ट्रैन में बैठा और प्यार की पहली बौछारों में भीग गया ......! : इसे मेवाड़ नरेश राणा कुम्भा ने महमूद खिलजी के नेतृत्व वाली मालवा और गुजरात की सेनाओं पर विजय के स्मारक के रूप में सन् 1442 और 1447 के मध्य बनवाया था। : यह राजस्थान पुलिस ओर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का प्रतीक चिन्ह है। : इसे भारतीय मूर्तिकला का विश्वकोश और हिन्दू देवी देवताओं का अजायबघर कहते हैं।
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हम सीरियस हो गए तो उनका क्या होगा..💕👨 जिनको हमारे हंसने हंसाने से इश्क़ विश्क़ है..!😎😂 Good morning ji 💕👨🍨🍧💕🍫🍹🍹🍓🌷😁😁👧🙆👨🙋🙋👨🍧🍨: तस्वीर चित्तोड़गढ़ दुर्ग(राजस्थान) की है जब पहली बार मैं अपने कुछ मित्रों के साथ घर से बाहर निकला ट्रैन में बैठा और प्यार की पहली बौछारों में भीग गया ......! : इसे मेवाड़ नरेश राणा कुम्भा ने महमूद खिलजी के नेतृत्व वाली मालवा और गुजरात की सेनाओं पर विजय के स्मारक के रूप में सन् 1442 और 1447 के मध्य बनवाया था। : यह राजस्थान पुलिस ओर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का प्रतीक चिन्ह है। : इसे भारतीय मूर्तिकला का विश्वकोश और हिन्दू देवी देवताओं का अजायबघर कहते हैं।
Good morning ji 💕👨🍨🍧💕🍫🍹🍹🍓🌷😁😁👧🙆👨🙋🙋👨🍧🍨: तस्वीर चित्तोड़गढ़ दुर्ग(राजस्थान) की है जब पहली बार मैं अपने कुछ मित्रों के साथ घर से बाहर निकला ट्रैन में बैठा और प्यार की पहली बौछारों में भीग गया ......! : इसे मेवाड़ नरेश राणा कुम्भा ने महमूद खिलजी के नेतृत्व वाली मालवा और गुजरात की सेनाओं पर विजय के स्मारक के रूप में सन् 1442 और 1447 के मध्य बनवाया था। : यह राजस्थान पुलिस ओर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का प्रतीक चिन्ह है। : इसे भारतीय मूर्तिकला का विश्वकोश और हिन्दू देवी देवताओं का अजायबघर कहते हैं।
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