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Tamradhwaj Nishad

#कितने भी #दलदल हों #जिन्दगी_में…पैर जमाए ही रखना,
चाहे हाथ #खाली हो जिंदगी में लेकिन उसे #उठाये ही रखना,
#कौन कहता है #छलनी_में_पानी_रूक_नहीं_सकता,
अपना #हौसला_बर्फ_जमने तक #बनाये_रखना॥ 
Credit by - Mr- Suraj sahu sir 
"::   Learn more earn more..   ::" 
ताम्रध्वज निषाद... ✍️🏾

©Tamradhwaj Nishad My thought 

#Darknight

कवि राहुल पाल 🔵

#WorldOzoneDay पिंड दहन का सूर्य सौर में ,ज्वाला बनकर जलता है ! कुछ पराबैंगनी हानिकारक किरणें उत्सर्जित करता है !! ओज़ोन परत सीमा ऐसी जिसे पराबैंगनी भेद न पाये ! धन्य वह शीतल गोला है,जो धरा ,पृथ्वी माँ कहलाये !! ओजोन क्षरण की वजह CFC,halons ,TCE का तैश है ! एसी ,फ्रिज इलेक्ट्रॉनिक से निकली ये विषैली गैस है !! जब ओजोन छिद्र हो जाएगा,स्वास्थ्य रहेंगे तब न लोग ! #Nojotochallenge #कविता #nojotopoetry #nojotohindi #nojotoquotes #nojotoapp #nojotonews #nojotohindishayari

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World Ozone Day  पिंड दहन का सूर्य सौर में ,ज्वाला बनकर  जलता है !
कुछ पराबैंगनी हानिकारक किरणें उत्सर्जित करता है !!
ओज़ोन परत सीमा ऐसी जिसे पराबैंगनी भेद न पाये ! 
धन्य वह शीतल गोला है,जो धरा ,पृथ्वी माँ कहलाये !!
                                                     ओजोन क्षरण की वजह CFC,halons ,TCE का तैश है !         ( CFC~क्लोरो फ्लोरो कार्बन )    
एसी ,फ्रिज इलेक्ट्रॉनिक से निकली ये विषैली गैस है !!
                                              जब ओजोन छिद्र हो जाएगा,स्वास्थ्य रहेंगे तब न लोग !             ( TCE ~ट्राइ क्लोरो ऐथेन )
फिर फैले त्वचा ,कर्क ,चर्म और नेत्र  के भयानक  रोग !!
तापमान भी ख़ूब बढ़ चुका है ,मौसम हमसे रूठ गये हैं !
बरखा होगी आज या कल ,किसान की आस टूट गए !!
 मोर,चकोर ,पपीहा ,सोन चिरैया ,न गौरैया अब गाती है !
तरुओं की हुई गोद है सूनी ,अब कोयल न इठलाती है !!
वन ,जंगल ,पयोधर सूख चुके ,न आनाज है, न पानी है!
कितनी नस्ले है विलुप्त हुई ,बाकी भी अब हो जानी है !!
पेड़-पल्लव ,ठूठ, बेलड़ी ,झाड़ियां आज सभी कटते है !
अपने अपने रुतबे के माफ़िक ,रुपये ऊपर तक बटते है !!
संतुलन सौर का है बिगड़ रहा,जो ये प्रदूषण है बढ़ रहा !
मानव अपनी मूढ़ता को आज ,दूसरो के सर  मढ़ रहा !!
16 सितम्बर ओज़ोन दिवस पर चलो हम सपथ उठाये !
प्रदूषण को जड़ से मिटाने का हम "राहुल "बीड़ा उठाये !!
ओज़ोन क्षरण का विषय आज  विचारणीय ,चिंतनीय है !
गर सचेत हुए न हम अभी तो, विनाश दिशा में अग्रणीय है !! #WorldOzoneDay 
पिंड दहन का सूर्य सौर में ,ज्वाला बनकर  जलता है !
कुछ पराबैंगनी हानिकारक किरणें उत्सर्जित करता है !!
ओज़ोन परत सीमा ऐसी जिसे पराबैंगनी भेद न पाये ! 
धन्य वह शीतल गोला है,जो धरा ,पृथ्वी माँ कहलाये !!
ओजोन क्षरण की वजह CFC,halons ,TCE का तैश है !
एसी ,फ्रिज इलेक्ट्रॉनिक से निकली ये विषैली गैस है !!
जब ओजोन छिद्र हो जाएगा,स्वास्थ्य रहेंगे तब न लोग !

श्रवणकुमार 'मुफ़लिस'

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धरती और आकाश उठाये फिरते हैं,
मधुवन में बनवास उठाये फिरते हैं।

सूखा-सूखा गुज़र गया है सावन भी,
सपनों में बरसात उठाये फिरते हैं।

बाहर तो पतझड़ का भारी मौसम है,
भीतर पर मधुमास उठाये फिरते हैं।

हमने की है लोगों की छीछालेदर,
अब उनका उपहास उठाये फिरते हैं।

इस बोझिल सी टूटी-बिखरी दुनिया में,
जीवन-कारावास उठाये फिरते हैं।

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12 ।।श्री हरिः।। 8 - असुर उपासक 'वत्स, आज हम अपने एक अद्भुत भक्त का साक्षात्कार करेंगे।' श्रीविदेह-नन्दिनी का जबसे किसी कौणप ने अपहरण किया, प्रभु प्रायः विक्षिप्त-सी अवस्था का नाट्य करते रहे हैं। उनके कमलदलायत लोचनों से मुक्ता की झड़ी विराम करना जानती ही नहीं थी। आज कई दिनों पर - ऐसे कई दिनों पर जो सौमित्र के लिए कल्प से भी बड़े प्रतीत हुए थे, प्रभु प्रकृतस्थ होकर बोल रहे थे - 'सावधान, तुम बहुत शीघ्र उत्तेजित हो उठते हो! कहीं कोई अनर्थ न कर बैठना! शान्त रह

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|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12

।।श्री हरिः।।
8 - असुर उपासक

'वत्स, आज हम अपने एक अद्भुत भक्त का साक्षात्कार करेंगे।' श्रीविदेह-नन्दिनी का जबसे किसी कौणप ने अपहरण किया, प्रभु प्रायः विक्षिप्त-सी अवस्था का नाट्य करते रहे हैं। उनके कमलदलायत लोचनों से मुक्ता की झड़ी विराम करना जानती ही नहीं थी। आज कई दिनों पर - ऐसे कई दिनों पर जो सौमित्र के लिए कल्प से भी बड़े प्रतीत हुए थे, प्रभु प्रकृतस्थ होकर बोल रहे थे - 'सावधान, तुम बहुत शीघ्र उत्तेजित हो उठते हो! कहीं कोई अनर्थ न कर बैठना! शान्त रह

Asif Ali

Tùm Mõháßßát #उठाये 
         fîrte Hô #अली

Hûm Tó Móhãßßãt 
   #लुटाये ßèthé Háî

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खुदा ने ये मुझसे कहाँ।। और मैंने आप तक पूछा दिया।

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जब तुम मनुष्य के द्वारा
 
उठाये जाते हो। 

तो मनुष्य के द्वारा गिराये भी जाते हो।


पर  मेरे बहन और भाई ।


जब तुम खुदा के द्वारा उठाये जाते हो।

तो कोई तुमको गिरने वाला नही होता खुदा ने ये मुझसे कहाँ।। और मैंने आप तक पूछा दिया।

अज़नबी किताब

animals🙏🙏🙏🙏

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ये भी पागल होते है जो हमारे चप्पल और पथ्थर खाने पर भी हमारी पास दौड़ कर आते है |
और हम इंसान इतने होशियार की कोई एक चप्पल मार ने को उठाये हम उसे पथ्थर उठाये मार के आये   |
सायद यही फर्क है हममे और उनमे वो दिल से हमें  प्यार करते है और हम दिमाग से उसे अपना गुलाम समझते है | animals🙏🙏🙏🙏

खुशी

यूं पथिक आकर भी जाता है,
पोटली उठाये बस चलता रहता है,
खुद को कर उन्मुक्त वो गगन सा, स्वछंद विचरण करता है,
पोटली उठाये बस चलता रहता है!

गंभीर, सहज, अपने का लिए चित्त जाता है
गेहुआ वस्त्र वो फिर धारण करता है
अकेले सफ़र पर संग अपने एक मित्र को लिए रहता है
यूं पथिक आकर भी जाता है!! #NojotoQuote #पथिक #untoldstory #respect #nojotohindi #poetry #nojoto

Akshat Tiwari

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मेरी मोहबत पर सवाल उठाये, तेरी औकात नही है...... तुझे लैला का दर्जा दिया मैने.., 
असल में तू उसके पैरो की छाप नही है, जा बता दे सबको तूने मेरा साथ छोड़ दिया, मेरा दिल तोड दिया... सबको मालूम पड़े कि इस बेवफाई मे मेरा कोई हाथ नही है, खामखा तुझे खूबसूरत समझता समझता रहा... तुझे प्यार की मूरत समझता रहा, तेरे लिये रोया उस दिन ये समझ मे आया कि तुझमे ऐसी कोई बात नही है.... तुझे मनाता रहा, समझाता रहा and then u said... मेरी खवाइसे पूरी कर सको ऐसे तुम्हारे हालात नही है, मेरी मोहबत पे सवाल उठाये तेरी ये औकात नही है, रहो चाहे आनलाइन रात भर ...पोस्ट करो सेल्फी ऐसे ....muhaaaaa slying with my lover ..मुझे फर्क नही पडता, कयोंकि जानू अब हमारे अंदर वो जजबात नही है.... हा कल अगर तुझे तेरी गलती का एहसास हो जाये तो मुह उठा कर मेरे पास मत चले आना ...एक किताब को पढू बार बार ये मेरी जात नही.. मेरी मोहबत पे सवाल उठाये ये तेरी औकात नही

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 9 || श्री हरि: || 1 - बद्ध कौन? 'बद्धो हि को यो विषयानुरागी' अकेला साधु, शरीरपर केवल कौपीन और हाथमें एक तूंबीका जलपात्र। गौर वर्ण, उन्नत भाल, अवस्था तरुणाई को पार करके वार्धक्यकी देहली पर खडी। जटा बढायी नहीं गयी, बनायी नहीं गयी; किन्तु बन गयी है। कुछ श्वेत-कृष्ण-कपिश वर्ण मिले-जुले केश उलझ गये हैं परस्पर।

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|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 9

|| श्री हरि: ||
1 - बद्ध कौन?
 
'बद्धो हि को यो विषयानुरागी'

अकेला साधु, शरीरपर केवल कौपीन और हाथमें एक तूंबीका जलपात्र। गौर वर्ण, उन्नत भाल, अवस्था तरुणाई को पार करके वार्धक्यकी देहली पर खडी। जटा बढायी नहीं गयी, बनायी नहीं गयी; किन्तु बन गयी है। कुछ श्वेत-कृष्ण-कपिश वर्ण मिले-जुले केश उलझ गये हैं परस्पर।
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