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काव्यात्मक अंकुर

#निकट #निर्मळ #नाते #संबंध #अंकुर काव्यात्मकअंकुर🌱 #मराठीचारोळी Love #marathi #Relationship छोटी कविता मराठी मराठी कविता प्रेम मराठी कविता प्रेम मराठी कविता प्रेमाच्या मराठी कविता

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निकट 
निर्मळ झाले मन
मोकळे झाले बंध
गुंतागुंतीचे नाते तोडून
निकट झाले संबंध

©काव्यात्मक अंकुर #निकट #निर्मळ #नाते 
#संबंध #अंकुर #काव्यात्मकअंकुर🌱 
#मराठीचारोळी #Love #marathi #Relationship  छोटी कविता मराठी मराठी कविता प्रेम मराठी कविता प्रेम मराठी कविता प्रेमाच्या मराठी कविता

RAHUL VERMA

जीवन संकट में है 
कल्कि अवतरण में है। #मृत्यु #जीवन #निकट #कोरोना_वायरस  #ज़रूरत_से_ज़िन्दगी_तक   #YourQuoteAndMine
Collaborating with PraGati PaNdeý

Anamika

     पास नहीं अभी  मै इतनी,
      पाश में तुमको बांध लूं...

            


 
  पास - निकट
   पाश - बंधन #निकट #बंधन 
#तूलिका 
#योरकोट_हिंदी 
#yqhindithoughts 
#tulikagarg

Rakesh Kumar Dogra

दर्द का आलम और चारासाज लापता, कोई शराबी भी तो नहीं है सोहबत में। राकेश कुमार डोगरा।

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ज़िन्दगी किस तरह बसर होगी,
दिल नहीं लग रहा मौहब्बत में।
जौन एलिया.................

दर्द का आलम और चारासाज लापता,
कोई शराबी भी तो नहीं है सोहबत में।
यार! बन बन कर मिलता है रकीब मुझसे,
फुरकत* निहारी जा रही है कुरबत# में।
*वियोग
#निकट से
राकेश कुमार डोगरा। दर्द का आलम और चारासाज लापता,
कोई शराबी भी तो नहीं है सोहबत में।
राकेश कुमार डोगरा।

anil kumar y625163

संसार में किसी का कुछ नहीं| ख्वाहमख्वाह अपना समझना मूर्खता है, क्योंकि अपना होता हुआ भी, कुछ भी अपना नहीं होता| इसलिए हैरानी होती है, घमण्ड क्यों? किसलिए? किसका? कुछ रुपये दान करने वाला यदि यह कहे कि उसने ऐसा किया है, तो उससे बड़ा मुर्ख और कोई नहीं और ऐसे भी हैं, जो हर महीने लाखों का दान करने हैं, लेकिन उसका जिक्र तक नहीं करते, न करने देते हैं| वास्तव में जरूरतमंद और पीड़ित की सहायता ही दान है, पुण्य है| ऐसे व्यक्ति पर सरस्वती की सदा कृपा होती है| पर क्या किया जाए, देवताओं तक को अभिमान हो जाता

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संसार में किसी का कुछ नहीं| ख्वाहमख्वाह अपना समझना मूर्खता है, क्योंकि अपना होता हुआ भी, कुछ भी अपना नहीं होता| इसलिए हैरानी होती है, घमण्ड क्यों? किसलिए? किसका? कुछ रुपये दान करने वाला यदि यह कहे कि उसने ऐसा किया है, तो उससे बड़ा मुर्ख और कोई नहीं और ऐसे भी हैं, जो हर महीने लाखों का दान करने हैं, लेकिन उसका जिक्र तक नहीं करते, न करने देते हैं| वास्तव में जरूरतमंद और पीड़ित की सहायता ही दान है, पुण्य है| ऐसे व्यक्ति पर सरस्वती की सदा कृपा होती है| 
पर क्या किया जाए, देवताओं तक को अभिमान हो जाता

महाराजा पूर्वोदयउदित जैन

 #स्वयं#के#निकट

Shadab Alam

प्रेम की शुरुआत निकट लोगो और संबंधो की देखभाल और दायित्व से होती है, वो निकट सम्बन्ध जो आपके घर में हैं

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प्रेम की शुरुआत निकट लोगो और संबंधो की देखभाल
और दायित्व से होती है, वो निकट सम्बन्ध जो आपके घर में हैं

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 15 - कलियुग के अन्त में आपने यदि वैज्ञानिक कही जाने वाली कहानियों में से कोई पढी हैं तो देखा होगा कि किस प्रकार दो-चार शती आगे की परिस्थिति का उनमें अनुमान किया जाता है और वह अनुमान अधिकांश निराधार ही होता है। यह कहानी भी उसी प्रकार की एक काल्पनिक अनुमान मात्र प्रस्तुत करती है; किंतु यह सर्वथा निराधार नहीं है। पुराणों में कलियुग के अन्त समय का जो वर्णन है, वह सत्य है; क्योंकि पुराण सर्वज्ञ भगवान् व्यास की कृति है। उनमें भ्रम, प्रमाद सम्भव न

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|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8

।।श्री हरिः।।
15 - कलियुग के अन्त में

आपने यदि वैज्ञानिक कही जाने वाली कहानियों में से कोई पढी हैं तो देखा होगा कि किस प्रकार दो-चार शती आगे की परिस्थिति का उनमें अनुमान किया जाता है और वह अनुमान अधिकांश निराधार ही होता है। यह कहानी भी उसी प्रकार की एक काल्पनिक अनुमान मात्र प्रस्तुत करती है; किंतु यह सर्वथा निराधार नहीं है। पुराणों में कलियुग के अन्त समय का जो वर्णन है, वह सत्य है; क्योंकि पुराण सर्वज्ञ भगवान् व्यास की कृति है। उनमें भ्रम, प्रमाद सम्भव न

Anil Siwach

|| श्री हरि: || 30 - अपने लिए 'दादा!' कन्हाई बहुत छोटा था तब से विशाल के कन्धों पर बैठता आया है। गोपियाँ तो हंसी में विशाल को कृष्ण का घोड़ा कहती हैं। अब भी यह विशाल के समीप आता है तो उसके कंधेपर ही बैठता है। दूसरे सखाओं के समान विशाल से सटकर बैठना इसने सीखा नहीं है! अब दौड़ा-दौड़ा आया है और विशाल के कन्धे पर अपने दोनों पैर उसके आगे की ओर करके, उसका सिर पकड़कर बैठ गया है। विशाल सचमुच शरीर से विशाल है। आयु में दाऊ से छोटा होने पर भी ऊचाईं में उससे बड़ा है। जितना ऊँचा, उतना ही तगड़ा। विशाल का आक

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|| श्री हरि: ||
30 - अपने लिए

'दादा!' कन्हाई बहुत छोटा था तब से विशाल के कन्धों पर बैठता आया है। गोपियाँ तो हंसी में विशाल को कृष्ण का घोड़ा कहती हैं। अब भी यह विशाल के समीप आता है तो उसके कंधेपर ही बैठता है। दूसरे सखाओं के समान विशाल से सटकर बैठना इसने सीखा नहीं है! अब दौड़ा-दौड़ा आया है और विशाल के कन्धे पर अपने दोनों पैर उसके आगे की ओर करके, उसका सिर पकड़कर बैठ गया है।

विशाल सचमुच शरीर से विशाल है। आयु में दाऊ से छोटा होने पर भी ऊचाईं में उससे बड़ा है। जितना ऊँचा, उतना ही तगड़ा। विशाल का आक

Aparna Shambhawi

#paki #nojotohindi #poem #hindipoet #रचना हुलस हुलस मैं, प्रेम विवश, मुरली बजाऊँ, मैं रैन दिवस । नहीं सरस-सरस,

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 #paki #nojotohindi #poem #hindipoet #रचना

हुलस हुलस मैं,
प्रेम विवश,
मुरली बजाऊँ,
मैं रैन दिवस ।

नहीं सरस-सरस,
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