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Rinku Tai

#वटवृक्ष #राम_नाम #चित्रकला: https://www.youtube.com/playlist?list=PLn5Rf5TtnCCwoJiXN07fEyAULw9Ri4Bn8 #रामराम #omnamahshivay

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vs dixit

Vijay Kumar

हप्पी राष्ट्रीय वटवृक्ष
 अमावस्या तिथि 10 जून 2021
सब को हार्दिक शुभकामनाएं





बृक्षो का राजा बरगद को प्रणाम करते हैं
जीवन सबका विशाल बने बस ये कामना करते हैं


#sumitra kumari

©Vijay Kumar #वटवृक्ष

Namita Chauhan

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मैं #बंधना चाहती हूं..
हमारे प्रेम को रक्षा #कवच से..
बिलकुल वैसे ही... 
जैसे सुहागन स्त्रियां बांधती है.. 
#रक्षासूत्र को...
अपने सुहाग की सलामती के लिए 
#वटवृक्ष में....
इसलिए कि जब कोई बुरी नजर
आपकी और मुड़े.. 
तो उस रास्ते में खड़ी #मैं मिलूं..
और वो मुझसे वैसे ही हारकर
उल्टे पैर लौट जाए..
जैसे देवी #सावित्री से यमराज... 
और भेंट में हमारे इस प्रेम को 
दे जाए #वरदान
#अमरत्व का..
#जान..❤️

©Namita Chauhan

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 10 ।।श्री हरिः।। 7 – अमोह 'मेरा पुत्र ही सिंहासनासीन हो, यह मोह है वत्स!' आज सातवीं बार कुलपुरोहित समझा रहे थे मद्राधिपति को - 'सम्पूर्ण प्रजा ही भूपति के लिए अपनी संतान है और उसकी सुरक्षा संदिग्ध नहीं रहनी चाहिये।' मद्रनरेळ के कुमार बाल्यकाल सो कुसंग में पड़ चुके थे। वे उग्रस्वभाव के तो थे ही, दुर्व्यसनों ने उन्हें अत्याधिक लोक-अप्रिय बना दिया था। प्रजा चाहती थी कि उत्तराधिकारी कुमार भद्र हों, जो मद्रनरेश के भ्रातृ-पुत्र थे; किंतु पिता की ममता भी दुर्बल क

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|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 10

।।श्री हरिः।।
7 – अमोह

'मेरा पुत्र ही सिंहासनासीन हो, यह मोह है वत्स!' आज सातवीं बार कुलपुरोहित समझा रहे थे मद्राधिपति को - 'सम्पूर्ण प्रजा ही भूपति के लिए अपनी संतान है और उसकी सुरक्षा संदिग्ध नहीं रहनी चाहिये।'

मद्रनरेळ के कुमार बाल्यकाल सो कुसंग में पड़ चुके थे। वे उग्रस्वभाव के तो थे ही, दुर्व्यसनों ने उन्हें अत्याधिक लोक-अप्रिय बना दिया था। प्रजा चाहती थी कि उत्तराधिकारी कुमार भद्र हों, जो मद्रनरेश के भ्रातृ-पुत्र थे; किंतु पिता की ममता भी दुर्बल क


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