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Vaseem Akhthar
ज़िंदगी चाहे मेरी कहीं भी दरगुज़र हो। मौत मेरी मुतलक़, मदीने में बसर हो।। Aameen 🤲 Jumma mubarak 😇💐 दरगुज़र= गुज़र जाना । मुतलक़= बिलकुल/absolute Urdu_Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "बसर" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,, जो सबसे पहला विजेता होगा उनको testimonial किया जाएगा !
Aameen 🤲 Jumma mubarak 😇💐 दरगुज़र= गुज़र जाना । मुतलक़= बिलकुल/absolute Urdu_Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "बसर" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,, जो सबसे पहला विजेता होगा उनको testimonial किया जाएगा ! #Live #YourQuoteAndMine #exist #निर्वाह #aamirshaikh
read moreVaseem Akhthar
ज़िंदगी चाहे मेरी कहीं भी दरगुज़र हो। मौत मेरी मुतलक़, मदीने में बसर हो।। Aameen 🤲 Jumma mubarak 😇💐 दरगुज़र= गुज़र जाना । मुतलक़= बिलकुल/absolute Urdu_Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "बसर" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,, जो सबसे पहला विजेता होगा उनको testimonial किया जाएगा !
Aameen 🤲 Jumma mubarak 😇💐 दरगुज़र= गुज़र जाना । मुतलक़= बिलकुल/absolute Urdu_Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "बसर" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,, जो सबसे पहला विजेता होगा उनको testimonial किया जाएगा ! #Live #YourQuoteAndMine #exist #निर्वाह #aamirshaikh
read moreAnita Saini
मेरी आहों का कभी तो वो असर हो वो भी तड़पे मेरी तरहा मेरे बिना उसकी भी ना बसर हो Urdu_Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "बसर" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,, जो सबसे पहला विजेता होगा उनको testimonial किया जाएगा ! और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा। Example:
Urdu_Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "बसर" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,, जो सबसे पहला विजेता होगा उनको testimonial किया जाएगा ! और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा। Example: #Live #YourQuoteAndMine #exist #निर्वाह #aamirshaikh
read moreUmrain Ahmed (Akhtar)
तेरे बगैर तन्हा अजब-सा हशर हो रहा है बड़ी मुश्किल से ज़िन्दगी का बसर हो रहा है गर वो पूछे मेरा हाल तो ये कहना ए - हमदर्द फ़क़त तुम्हारी यादों से उसका गुज़र हो रहा है आज फिर देखकर नब्ज़ ये कह दिया तबीब ने हर एक नुस्ख़ा उस पर तो बे-असर हो रहा है और ये भी कहा कि उसके मर्ज़ कि है वही दवा जो मर्ज़ ख़ुद अब उसके लिए ज़हर हो रहा है ये उसकी दीवानगी है या इन्तिहां है मोहब्बत की कि आज भी तुम्हारा इंतजार शाम ओ सहर हो रहा है Urdu_Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "बसर" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,, जो सबसे पहला विजेता होगा उनको testimonial किया जाएगा ! और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा। Example:
Urdu_Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "बसर" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,, जो सबसे पहला विजेता होगा उनको testimonial किया जाएगा ! और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा। Example: #Live #YourQuoteAndMine #exist #निर्वाह #aamirshaikh
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 1 - धर्मो धारयति प्रजाः आज की बात नहीं है। बात है उस समय की, जब पृथ्वी की केन्द्रच्युति हुई, अर्थात् आज से कई लाख वर्ष पूर्व की। केन्द्रच्युति से पूर्व उत्तर तथा दक्षिण के दोनों प्रदेशों में मनुष्य सुखपूर्वक रहते थे। आज के समान वहाँ हिम का साम्राज्य नहीं था, यह बात अब भौतिक विज्ञान के भू-तत्त्वज्ञ तथा प्राणिशास्त्र के ज्ञाताओं ने स्वीकार कर ली है। पृथ्वी के दक्षिणी ध्रुवप्रदेश में बहुत बड़ा महाद्वीप था अन्तःकारिक। महाद्वीप तो वह आज भी है।
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 9 || श्री हरि: || 3 - भरोसा भगवान का 'वह देखो!' याक की पीठ पर से ही जो कुछ दिखाई पड़ा उसने उत्फुल्ल कर दिया। अभी दिनके दो बजे थे। हम सब चले थे तीर्थपुरी से प्रात: सूर्योदय होते ही, किंतु गुरच्याँग में विश्राम-भोजन हो गया था और तिब्बतीय क्षेत्र में वैसे भी भूख कम ही लगती है। परन्तु जहाँ यात्री रात-दिन थका ही रहता हो, जहाँ वायु में प्राणवायु (आक्सिजन) की कमी के कारण दस गज चलने में ही दम फूलने लगता हो और अपना बिस्तर समेटने में पूरा पसीना आ जाता हो, वहाँ याक क
read moreप्रियदर्शन कुमार
काव्य संख्या - 152 -------------------------- नदियों की मौन व्यथा --------------------------- चलो आज सुनाता हूँ नदियों की मौन व्यथा कल-कल छल-छल करती धाराओं से शायद
काव्य संख्या - 152 -------------------------- नदियों की मौन व्यथा --------------------------- चलो आज सुनाता हूँ नदियों की मौन व्यथा कल-कल छल-छल करती धाराओं से शायद
read moreParul Sharma
मैं आजाद हूँ क्यूँकि मैं बेहिचक अपनी बात कह सकती हूँ । मैं आजाद हूँ क्यूँकि मैं अपने अधिकारों के लिये लड़ सकती हूँ। मैं आजाद हूँ क्यूँकि मैं अपने कर्तव्यों का बखूबी निर्वाह कर सकती हूँ। मैं आजाद हूँ क्यूँकि मैं सबको समानता का अधिकार दे सकती हूँ मैं आजाद हूँ क्यूँकि मैं अपने ख्वाबों के लिये संघर्ष कर सकती हूँ। मैं आजाद हूँ क्यूँकि मैं अपने लक्ष्य पर अड़िग रहकर अपने लक्ष्य प्राप्ती का निरंतर प्रयास कर सकती हूँ। मैं आजाद हूँ क्यूँकि मैं किसी की सहायता कर सकती हूँ। मैं आजाद हूँ क्यूँकि मैं हर दिन खुश रह सकती हूँ। मैं आजाद हूँ क्यूँकि मैं किसी के अतिक्रमण,अत्याचार,हिंसा,अराजकता,दुर्व्यवहार,आदी के खिलाफ आवाज उठा सकती हूँ हाँ मैं आजाद हूँ स्वतंत्र भारत की स्वतंत्र नगरिक और अपने स्तर से अपने स्तर तक अपने सभी दायित्वों का पूर्ण निर्वाह करने का पूर्ण प्रयास कर सकती हूँ। हाँ बाकयी मैं आजाद हूँ और मैं इस आजादी को अपने देश के हित में लगाऊँगी। पारुल शर्मा जय हिंद जय भारत मैं आजाद हूँ क्यूँकि मैं बेहिचक अपनी बात कह सकती हूँ । मैं आजाद हूँ क्यूँकि मैं अपने अधिकारों के लिये लड़ सकती हूँ। मैं आजाद हूँ क्यूँकि मैं अपने कर्तव्यों का बखूबी निर्वाह कर सकती हूँ। मैं आजाद हूँ क्यूँकि मैं सबको समानता का अधिकार दे सकती हूँ मैं आजाद हूँ क्यूँकि मैं अपने ख्वाबों के लिये संघर्ष कर सकती हूँ। मैं आजाद हूँ क्यूँकि मैं अपने लक्ष्य पर अड़िग रहकर अपने लक्ष्य प्राप्ती का निरंतर प्रयास कर सकती हूँ। मैं आजाद हूँ क्यूँकि मैं किसी की सहायता कर सकती हूँ। मैं आजाद हूँ क्यूँकि मैं हर दिन खु
मैं आजाद हूँ क्यूँकि मैं बेहिचक अपनी बात कह सकती हूँ । मैं आजाद हूँ क्यूँकि मैं अपने अधिकारों के लिये लड़ सकती हूँ। मैं आजाद हूँ क्यूँकि मैं अपने कर्तव्यों का बखूबी निर्वाह कर सकती हूँ। मैं आजाद हूँ क्यूँकि मैं सबको समानता का अधिकार दे सकती हूँ मैं आजाद हूँ क्यूँकि मैं अपने ख्वाबों के लिये संघर्ष कर सकती हूँ। मैं आजाद हूँ क्यूँकि मैं अपने लक्ष्य पर अड़िग रहकर अपने लक्ष्य प्राप्ती का निरंतर प्रयास कर सकती हूँ। मैं आजाद हूँ क्यूँकि मैं किसी की सहायता कर सकती हूँ। मैं आजाद हूँ क्यूँकि मैं हर दिन खु #Poetry #Life #India #Love #Motivation #Hindi #Independence #जीवन #शेर #kavishala #प्यार #Shayari #मोहब्बत #nojotoofficial #इश्क #कविता #nojotohindi #hindipoetry #शायरी #sher #भारत #देश #nojotoquotes #Deshbhakti #वतन #देशभक्ति #हिन्दीकविता #स्वतंत्र #जयहिन्द #kalakash #azaad #TST #रचना #Faiziqbalsay #वंदेमातरम् #हिंदोस्तान
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || 3 - भरोसा भगवान का 'वह देखो!' याक की पीठ पर से ही जो कुछ दिखाई पड़ा उसने उत्फुल्ल कर दिया। अभी दिनके दो बजे थे। हम सब चले थे तीर्थपुरी से प्रात: सूर्योदय होते ही, किंतु गुरच्याँग में विश्राम-भोजन हो गया था और तिब्बतीय क्षेत्र में वैसे भी भूख कम ही लगती है। परन्तु जहाँ यात्री रात-दिन थका ही रहता हो, जहाँ वायु में प्राणवायु (आक्सिजन) की कमी के कारण दस गज चलने में ही दम फूलने लगता हो और अपना बिस्तर समेटने में पूरा पसीना आ जाता हो, वहाँ याक की पीठपर ही सही, सोलह मील की यात्रा करके क #Books
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