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कहते है शिच्छा पर सब का आधार हैं जो पढ़े गा वहीं आगे बढ़े हा लेकिन अब कैसे प्राइवेट संस्थाओं में तो ऐसे भी जादा फी होने के कारण गरीब घर के बच्चे नहीं पढ़ पाते जैसे तैसे तो सरकारी स्कूलों में पढ़ कर भी कुछ कर दिखाने का हिम्मत रखते है लेकिन अब तो वो भी खत्म सरकार भी बिना इन बातों पर ध्यान दिए सरकारी कॉलेज के फी प्राइवेट जैसा बढ़ाए जा रही हैं ताकि गरीब घर के बच्चे पढ़े नहीं और ना ही बढ़े होकर सरकार से जॉब खोजे इतना पैसा तो होगा नहीं की वो खुद का कुछ के सके अब फिर से वो दिन आ गए हैं शिक्षा सिर्फ उन्हीं लोगों के पास होगा जिनके पास पैसे हैं। अब पैन की ताकत पैसो में होंगी।
Love Hariom Singh Rajput
हिमाद्रि तुंग श्रृंग से, प्रबुद्ध शुद्ध भारती। स्वयंप्रभा समुज्ज्वला, स्वतंत्रता पुकारती॥ अमर्त्य वीर पुत्र हो, दृढ प्रतिज्ञ सोच लो। प्रशस्त पुण्य पंथ है, बढ़े चलो बढ़े चलो॥ असंख्य कीर्ति रश्मियाँ, विकीर्ण दिव्य दाह-सी। सपूत मातृभूमि के, रुको न शूर साहसी॥ अराति सैन्य सिन्धु में, सुबाड़वाग्नि से जलो। प्रवीर हो जयी बनो, बढ़े चलो बढ़े चलो॥[
@aliwriters_
बढ़े बढ़े लोगों को बिगाड़ा है हमने ऐ राना|| हमारे लहज़े मे भी उस्ताद शेर कहने लगे..! بڑے بڑے لوگوں کو بگاڑا ہے ہمنے اے رانہ|| ہمارے لہزے میں بھی استاد شیر کہنے لگے..! We have spoiled a lot of big big people|| In our voice, even the teacher started saying poetry..! #Teachers_Day
Manish Kumar
जिंदगी एक खोज है बढे चलो रुको नहीं,जिंदगी एक है धारा बहे चलो रुको नहीं। जिंदगी है मजा जिंदगी ही दर्द है, जिंदगी से सीख के बढ़े चलो खुशी खुशी। जिंदगी एक गीत है जिंदगी है नशा, नशा या गीत में रहो बढ़े चलो खुशी खुशी। जिंदगी को रोक मत बढ़े चलो खुशी-खुशी, गिर उठ फिर चल बढ़े चलो रुको नहीं। तेरी है यह जिंदगी खुद से ही पूछो ख्वाहिशें, है बादशाह तुम अपनी जिंदगी के खुद ही तय करो तुम रास्ते। जिंदगी का गीत
जिंदगी का गीत
read moreGs Pandey
पर्वतों को पार कर, गलतियां सुधार कर । बढ़े चलूं बढ़े चलूं, मस्कीलों को पार कर ।। ✍️gs_pandey ✍️ #mountainclimbing
Sudhanshu Ojha
देश की सीमा पर तैनात, अन्न भूमि में भरा वारि भूमि में भरा यत्न कर निकाल लो रत्न भर निकाल लो वीर तुम बढ़े चलो धीर तुम बढ़े चलो!
Sudhanshu Ojha
देश की सीमा पर तैनात, एक ध्वज लिये हुए एक प्रण किये हुए मातृ भूमि के लिये पितृ भूमि के लिये वीर तुम बढ़े चलो धीर तुम बढ़े चलो!
Sudhanshu Ojha
देश की सीमा पर तैनात, प्रात हो कि रात हो संग हो न साथ हो सूर्य से बढ़े चलो चन्द्र से बढ़े चलो वीर तुम बढ़े चलो! धीर तुम बढ़े चलो!
Sudhanshu Ojha
देश की सीमा पर तैनात, सामने पहाड़ हो सिंह की दहाड़ हो तुम निडर डरो नहीं तुम निडर डटो वहीं वीर तुम बढ़े चलो धीर तुम बढ़े चलो!
Sudhanshu Ojha
देश की सीमा पर तैनात, वीर तुम बढ़े चलो धीर तुम बढ़े चलो! हाथ में ध्वजा रहे बाल दल सजा रहे ध्वज कभी झुके नहीं दल कभी रुके नहीं वीर तुम बढ़े चलो धीर तुम बढ़े चलो!