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Rabindra Kumar Ram
" फिर से आज तेरा नाम आया है , मेरे मुहब्बत का वो मुकाम आया है , छुट गयी थी कभी हमारी राहें कहीं , अपनी मंजिल की छोड़ तलाशने तेरा नाम आया है . " --- रबिन्द्र राम #मुहब्बत #मुकाम #छुट #राहें #मंजिल #छोड़ #तलाशने #तेरा नाम
Rabindra Kumar Ram
" फिर से आज तेरा नाम आया है , मेरे मुहब्बत का वो मुकाम आया है , छुट गयी थी कभी हमारी राहें कहीं , अपनी मंजिल की छोड़ तलाशने तेरा नाम आया है . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram #तेरानाम #मुहब्बत #मुकाम #राहें #मंजिल #छोड़ #तलाशने #तेरानाम #LIFETUNNEL
Shayar Raahie
बंदिशे लगा कर रखा था दिल मेरा रात-रात भर भटकता था,,, किसी के निशान तलाशने को किसी का मकान तलाशने को... Mera Dil bhatkta hai.. #brokenheart
Mera Dil bhatkta hai.. #brokenheart #शायरी
read moreमेरे अल्फ़ाज़
इक रोशनी की तलाश खोये हुए लम्हे तलाशने को वो लम्हे जो तेरे साथ गुज़रे इक रोशनी की तलाश तुझे तलाशने को तू उन लम्हों में कहीं खो गई जो तेरे साथ गुज़रे इक रोशनी की तलाश क्या कभी पूरी होगी ?__😢 -मेरे अलफ़ाज़_✍️ इक रोशनी की तलाश
इक रोशनी की तलाश
read moreRitika Roy
अपने मंज़िल को तलाशने में, मैं इतना मशरूफ रहा, खुद को तलाशने से पहले, मैं अपने सपनों का वजूद तलाशता रहा। #NojotoQuote #talash_apne_wajood_ki #Talash #Nojotohindi #dailychallenge #Shayari
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read more@लेखकRAI
अब आलम ये था कि वो खोया खोया रहने लगा ।। आते जाते हर शख्स में उसका अक्स तलाशने लगा ।। मालूम नहीं था उसे के वो अब लौटने लगा ।। अंजान शहर में अपना आशियाना बनाने लगा ।। आते जाते हर शख्स में उसका अक्स तलाशने लगा ।। अपनों से दूर गैरों के करीब होने लगा ।। जज़्बातों के खेल में नयी बिसात बिछाने लागा ।। उस एक अहसास की खातिर वो खुद को भुलाने लगा ।। आते जाते हर शख्स में उसका अक्स तलाशने लगा ।। @लेखकRai तलाशने लगा !! #nojoto #finding #emotions #selfconscious #human #reality #life #nazm #hindi #qoutes #truth
-राजेश बागोरिया✍️✍️
कभी खुद से मिल लेता हूं कभी खुद को खो देता हूं। यादों के ख़जाने में दुंद लेता हुँ खुद को, कभी खुद को तलाशने में खुद को ही खो देता हूं। अनजान गाँवों की गलियों में,चौपाल पर कभी नदियों की पाल पर कभी अतीत की गलियों में। ढूंढता हुँ बचपन को मिट्टी में,कभी मिट्टी के घर मे, वो गाँव के खेतों में,कभी धुलण्डी पे यारों की टोली में। देखा मैंने खुद को यही इसी मिट्टी में,कभी मिट्टी खाते कभी मिट्टी के कच्चे घर बनाते यारों की टोली में। देखा मैंने तालाब में नहाते बचपन को,बरसात में बिघते बचपन को खेतों में, बहनों के साथ लुकाछुपी में,भाईयो के साथ चोर पुलिस में। कभी खुद को खो देता हूं,कभी खुद को तलाशने में गाँव की मिट्टी में,कभी मिट्टी के घर में। good evening
good evening #Poetry
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