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Girish Mishra Syahee
भूल के सारी बंदिश को , आज दिल की बाते सुनते है, कुछ कच्चे-पक्के धागो से, बिखरी यादो को बुनते है || हम नायक भी खलनायक भी, इस खुद की लिखी कहानी के , उन् हसीं पलो को फिर जीने को, चल ना यार फिर मिलते है | उन् हसीं पलो को फिर जीने को, चल ना यार फिर मिलते है || चाय की उस उजरि टपरी पर फिर घूम के आते है, सूना है लोग अब भी वंहा चाय संग मट्ठी ही खाते है | क्या टॉयलेट के बहार, अब भी कतारे लगती होंगी , क्या सरोजनी की लड़किया, अब भी वहां सजती होंगी | क्या कोई फिर से प्लेट में , खाना छोड़ कर जाता होगा | क्या पनिशमेंट में अब भी, खेम चंद पगलाता होगा || याद करो क्या दिन थे वो भी , जब रिंकू मेश चलाता था , सरा गला खाना खा कर भी, तब अपना दिन कट जाता था | बिस्तर पर सोते ही अपने, सरप्राइज वेल बज जाते थे | बिना सेविंग पकडे गए तो , होज कंधे पर सज जाते थे | उस्तादों की उस्तादी भी तब, कहाँ समझ में आती थी , उन् सब को मिल कर बस, अपनी ही मारनी होती थी | किसी के घर से आया खाना, हम खूब लूट कर खाते थे | कभी कभी छोटी बातो पर, तब काजू भी बन जाते थे | कुछ की बनी कहानी थी, कुछ अब तक वंहा बेचारा था , थे हम कवारे बहुत ही तनहा, बस हाथो का बचा सहारा था | कुछ रंग थे जो अपने दामन में, वो चुरा गया बंजारा था , खुला खुला शौचालय भी, तब कितना हमको प्यारा था || स्कोप मीनार से किस वर्कर ने,किसको आँखे मारी थी | इतना खाना क्यों बचा थाल में, किसकी ये अय्यारी थी , वक़्त ने साधा एक नज़र से , एक जंग की तब तैयारी थी वो बड़े जोड़ की लात पेट में, किसने चार्ली को मारी थी || रिंगटोन में किसकी फ़ोन पर, कौन घास घास चिल्लाता था, वो कौन था जो जरा जरा कर के, पूरा खाना खा जाता था , किसने अपनी ड्राइविंग में, गाडी दिवार पर चढ़ाई थी, रेस्क्यू करके खोखहर ने, तब किसकी जान बचाई थी || आयोडेक्स की मालिश थी , कोई घुटनो पर तेल लगता था , उस्तादों की चाट चाट कर , पांडे अच्छे नंबर पाता था | राका का वो सावधान , तब सबका दिल दहलाता था , बेरोजगारी के उस दौर में , भाई साब 17 माल घुमाता था | दिल्ली की सब लड़की राका पर अपनी जान लुटाती थी | मधुवन में सब मिलकर उसे, चिन्गोटी कटा करती थी | हर शनि और रविवार को , जब सब गायब हो जाते थे | तब हम चारो ही बैठ अकेले, मकरा मारा करते थे || उन् सारी यादो को फिर से, दुहराने को दिल करता है, आये बुढ़ापा उससे पहले , जी लेने को दिल करता है | फास्मा की दीवारों पर हमने, मिलकर लिखी कहानी थी , नौ महीने की थी वो ट्रेनिंग, बस उतनी ही मेरी जवानी थी || कैद हुए क्यों हम दीवारों में, चल ना यार निकलते है , उन् हसीं पलो को फिर जीने को, चल ना यार फिर मिलते है || उन् हसीं पलो को फिर जीने को, चल ना यार फिर मिलते है || Chal Na Yaar Fir Milte hai
Chal Na Yaar Fir Milte hai
read moreघुमक्कड़ की जिज्ञासा
लम्हा तुम्हारा वो अचानक से मिलना, मिलकर वो संदेशों से बातें करना | फिर धीरे धीरे उन् बातों में, प्यार की मिठास घुलना वो एक लम्हा था || वो मेरा तुमसे आई लव यू कहना, फिर तुम्हारा वो आई लव यू सुनकर अंदर ही अंदर खुश होना | वो थोड़ा इतराना और इतराकर उन् जादुई शब्द को स्वीकार न करना वो एक लम्हा था || वो तुमसे मिलने की राह तकना, और तुम्हारा अचानक से मुझसे मिलने आना | फिर मिलकर वो खूबसूरत यादें दे जाना वो एक लम्हा था || वो मेरा स्टेशन पर आपको लेने आना, फिर वहा बैठकर आपकी राह तकना | तुम्हे रेल से उतारकर देख कर मेरा खुश होना वो एक लम्हा था || वो मेरे लिए तुम्हारा थोड़ा झूठ थोड़ा सच बोलना, मेरे बार बार कहने पर मीलों से चलकर मुझसे मिलने आना | और मेरे लिए न जाने तुम्हारा क्या क्या लाना, वो एक लम्हा था || हर लम्हे में तुम्हारा होना, हर लम्हा तुम्हे याद करना | तुमसे बातें करते हुए वो रातों का कटना, वो मेरी हर सुबह हर शाम तुमसे शुरू तुमपर खत्म होना वो एक लम्हा था || और आज तुम्हारा दिया हर वक़्त हर लम्हा याद करके रोना, कभी मीठी सी यादों को याद करके खुश होना | कभी वो आपकी हंसी, कभी वो आपकी मस्तियों को महसूस करना, और फिर अचानक से उस ख्याल से बहार आकर खुद को अकेला पाना ये भी एक लम्हा है || वो तुम्हारा मेरे जीवन में आना एक लम्हा था, और आज मुझसे इतना दूर हो जाना ये भी एक लम्हा है! मोहित पाल जिंदगी के जिए हुए कुछ लम्हे Kalyani Shukla Pakhi Gupta Vikash Kumar Samhita Nandi Deepika Singh
जिंदगी के जिए हुए कुछ लम्हे Kalyani Shukla Pakhi Gupta Vikash Kumar Samhita Nandi Deepika Singh
read moreGaurav Bhardwaj
हर दम मेरे ख़यालों मे रहती हो तुम कुछ अनसुलझे सवालों मे रहती हो तुम दिल मे रहती हो, धड़कन मे रहती हो चाँद के उन् उजलों मे रहती हो तुम मेरा तुझसे कुछ रिश्ता पुराना लगता है इस दिल का कहीं और आशियाना लगता है मेरे अंदर जलती उन् मशालों मे रहती हो तुम हर दम मेरे खयालों में रहती हो तुम!! Har Dam Mere Khayalon Me Rehti Ho Tum!! #nojoto #kavishala #love #poetry #quote
Har Dam Mere Khayalon Me Rehti Ho Tum!! #Nojoto #kavishala #Love #Poetry #Quote
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