बड़ी मुश्किल डगर है... अब सहारा दे खुदा, हैं जो उलझन सीने में... कोई तो इशारा दे खुदा।। दर्द था मेरे हिस्से का... लेकिन दर्द से वो गुजरी, एक लड़की मेरे खातिर... गहरे दलदल में उतरी।। बेनाम थी जो धड़कनें... अब जाके उन्हें नाम मिला, दिल ने कबका भेजा था... अब जाके पैगाम मिला।। खत तो है वफ़ा का... और यहीं है पैगाम भी, धीमी-सी आवाज़ थी दिल की... अबसे इश्क है तेरा काम ही।। हैं रिश्ता बेनाम,बेदाग-सा... नाम दिया तो दुनिया को खबर लग जाएगी, मुझे डर है कि... उसे किसी की नजर लग जाएगी।। नजरों से बचा के सबकी... चलूंगा ताउम्र भर साथ तेरे, साया तेरा बन जाऊंगा... हर ज़ख्म तेरा तुझसे पहले मेरा बने।। -निकिता रावत लफ्जों की जुबां ✍️ ©Nikita Rawat इशारा