प्रेम मे बांटने का भाव होता हैँ सब कुछ लुटाने का मन होता हैँ निश्चित ही प्रेम मे विरोधाभास भी होता हैँ प्रेम क़े मार्ग मे विकास का अर्थ किसी लक्ष तक पहुंचना नहीं बल्कि चलते जाना हैँ ऊचाईया छूने मे नहीं हैँ अर्थ प्रेम मे तो सिर्फ गहराई पाना हैँ प्रेम का अर्थ......