ऐ खुदा तू परेशानियो को बढ़ा रहा ह तो बढ़ा मेरे लिए मैं अपनी कवितावो को और भी लाजवाब बनाता जाऊंगा, तेरा क्या होगा जब मैं तेरी इन परेशानियों की किसी को भनक भी न लगने दूंगा भले ही मैं अकेले लड़ते लड़ते मर जाऊंगा, और रही बात मेरी तो मेरा क्या मैं तो फिर भी अपनी इन बेमिशाल कवितावो के लिए सारी कायनातो में जाना जाऊंगा, इसीलिए कहता हूं मेरे जिंदगी के किरदार में मुसीबतो को और मत बढ़ा नही तो इस किरदार में सिर्फ मैं ही मैं जाना जाऊंगा। जंग ऐ खुदा