दर्द स्वयं ही मचल गया है गीतों का अपराध नहीं है अश्रु स्वयं ही डलक गए हैँ पलकों का अपराधनहीं है सोम स्वयं ही छलक गया है अधरों का अपराध नहीं है सुरभि स्वयं ही बिखर गई है भ्र्मरों का अपराध नहीं है ©Parasram Arora गीतों का अपराध नहीं है.....